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BJP ने कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 10 लोकसभा सीटों पर किया कब्ज़ा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह किसी भी हालत में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों को खोना नही चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कानपुर बुंदेलखंड की क्षत्रिय कमेटी के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार किया था। जिसका नतीजा बीते 23 मई के चुनावी परिणामों में देखने को मिला है।
कानपुर: कानपुर-बुंदेलखंड भारतीय जनता पार्टी का सबसे मजबूत किला है। जिसे 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का जातीय गठबंधन और प्रियंका गांधी का मैजिक भी नहीं भेद पाया। बीजेपी ने कानपुर बुंदेलखंड की सभी 10 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 09 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। लेकिन 2019 में मोदी मैजिक ने कानपुर बुंदेलखंड सभी सीटों पर जीत दर्ज करते हुए क्लीन स्वीप किया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह किसी भी हालत में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों को खोना नही चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कानपुर बुंदेलखंड की क्षत्रिय कमेटी के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार किया था। जिसका नतीजा बीते 23 मई के चुनावी परिणामों में देखने को मिला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 09 सीटों पर कब्ज़ा किया था। बीजेपी कन्नौज की लोकसभा सीट हार गई थी और डिंपल यादव ने जीत हासिल कर सपा की साख बरकरार रखी। लेकिन बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज फ़तेह कर सभी सीटों पर कब्ज़ा करते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर करारा प्रहार किया है।
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कानपुर बुंदेलखंड में कई बड़े कद्दावर नेता चुनावी मैदान में थे। जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है जिसमें कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद श्याम चरण गुप्त, ददुआ डकैत के भाई पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल, पूर्व सांसद राजाराम पाल जैसे कद्दावर नेता शामिल है।
कानपुर बुंदेलखंड की राजनीति जातिगत आकड़ो पर आधारित है। सपा-बसपा गठबंधन ने बीजेपी के इस मजबूत किले को भेदने के लिए कारगर रणनीति बनाई थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐसी आंधी चली की सपा-बसपा की रणनीति नकाम साबित हुई। वही प्रियंका गांधी का मैजिक भी कानपुर बुंदेलखंड में काम नही आया। सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पार्टी कानपुर बुंदेलखंड की एक भी सीट जीतने में कामयाब नही हो पाई ।
01-कानपुर लोकसभा सीट
कानपुर बुंदेलखंड की कानपुर लोकसभा सीट सबसे अहम् सीट मानी जाती है । कहा जाता है कि कानपुर लोकसभा सीट जिस पार्टी ने जीता कानपुर बुंदेलखंड में उसी पार्टी का राज चलता है । उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को 1,55,033 वोटों से हराया है । बीजेपी के सत्यदेव पचौरी को 4,66,442 वोट मिले है । कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 3,11,409 वोट मिले है । वही सपा के रामकुमार निषाद को 47,703 वोट हासिल हुए है । नोटा वोट करने वालों की संख्या 4007 है ।
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02-अकबरपुर लोकसभा सीट
बीजेपी ने अकबरपुर लोकसभा सीट से एक बार फिर से देवेन्द्र सिंह भोले पर भरोसा जताया था । देवेन्द्र सिंह भोले ने पार्टी के भरोसे को कायम रखा और बसपा की निशा सचान को 2,73,050 वोटों से हराया है । देवेन्द्र सिंह भोले को 5,77,603 वोट मिले है । बसपा की निशा सचान को 3,04,553 वोट मिले है । वहीँ कांग्रेस के राजाराम पाल तीसरे नंबर पर रहे जिन्हें 1,07,592 वोट हासिल हुए है l वहीँ नोटा करने वालों की संख्या 7,919 है ।
03-फर्रुखाबाद लोकसभा सीट
बीजेपी ने फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से मुकेश राजपूत पर दोबारा भरोसा जताया था । मुकेश राजपूत की लड़ाई बसपा के मनोज अग्रवाल से थी । बीजेपी के मुकेश राजपूत ने बसपा के मनोज अग्रवाल को 2,20,216 वोटों से हराया है । मुकेश राजपूत को 5,67,930 वोट मिले है । बसपा के मनोज अग्रवाल को 3,47,714 वोट मिले है । कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को 55,143 वोट हासिल हुए है । वही नोटा करने वालों की संख्या 7426 है ।
04-मिश्रिख लोकसभा सीट
बीजेपी ने मिश्रिख लोकसभा सीट से अंजू बाला का टिकट काट कर अशोक रावत को मैदान में उतारा था । बीजेपी के अशोक रावत ने बसपा की नीलू सत्यार्थी को 1,00,452 वोटों से हराया है । अशोक रावत को 5,33,562 वोट मिले है । बसपा की नीलू सत्यार्थी को 4,33,110 वोट मिले है । वही कांग्रेस की मंजरी राही को 26,446 वोट मिले है । नोटा इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं की संख्या 10,164 है ।
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05-इटावा लोकसभा सीट
इटावा को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और बीजेपी ने लगातार दूसरी बार इटावा में जीत का परचम लहराया है । बीजेपी के रामशंकर कठेरिया ने सपा के कमलेश कठेरिया को 63,717 वोटों से हराया है । बीजेपी के रामशंकर कठेरिया को 5,19,674 वोट मिले है । सपा के कमलेश कठेरिया को 4,55,957 वोट मिले है । कांग्रेस के अशोक दोहरे को 16,460 वोट मिले है । नोटा करने वालों की संख्या 5580 है ।
06-कन्नौज लोकसभा सीट
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का सबसे मजबूत किला ढह गया । अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से चुनावी मैदान में थी । उनकी टक्कर बीजेपी के सुब्रत पाठक से थी । सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को 12,086 वोटों से हराया है । बीजेपी के सुब्रत पाठक को 5,61,286 वोट मिले है । सपा की डिंपल यादव को 5,49,200 वोट मिले है। वही नोटा करने वालों की संख्या 8,142 है ।
07-जालौन लोकसभा सीट
जालौन लोकसभा सीट पर बीजेपी के कद्दावर नेता भानुप्रताप वर्मा ने पांचवी बार जीत दर्ज की है। भानुप्रताप वर्मा ने बसपा के पंकज सिंह को 1,57,247 वोटों से हराया है। बीजेपी के भानुप्रताप वर्मा को 5,79,723 वोट मिले है । बसपा के पंकज सिंह 4,22,476 वोट मिले थे । वहीँ कांग्रेस के ब्रजलाल खबरी को 89,444 वोट मिले है । नोटा करने वालों की संख्या 12,493 है ।
08-झांसी लोकसभा सीट
बीजेपी ने झांसी से उमा भारतीय का टिकट काटने के बाद पूर्व सांसद विश्वनाथ शर्मा के बेटे अनुराग शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था । अनुराग शर्मा वैधनाथ आयुर्वेद कंपनी के मालिक है। अनुराग शर्मा ने रेकार्ड वोटों से जीत हासिल की है । अनुराग शर्मा ने सपा के श्याम सुंदर सिंह यादव को 3,65,281 वोटों से हराया है । बीजेपी के अनुराग शर्मा को 8,08,371 वोट मिले है । सपा के श्याम सुंदर सिंह यादव को 4,43,090 वोट मिले है । वही कांग्रेस के शिव शरण कुशवाहा को 86080 वोट मिले है । नोटा करने वालो की संख्या 18,228 है ।
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09-हमीरपुर लोकसभा सीट
बीजेपी ने हमीरपुर लोकसभा सीट पर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल पर दोबारा भरोसा जताया था । पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने बसपा के दिलीप कुमार सिंह को 2,48,298 वोटों से हराया है । बीजेपी के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को 5,74,101 वोट मिले है । बसपा के दिलीप कुमार सिंह को 3,25,803 वोट मिले है । कांग्रेस के प्रीतम लोधी को 1,14,376 वोट हासिल हुए है । वहीँ नोटा करने वालों की संख्या 15,141 है ।
10-बांदा लोकसभा सीट
बीजेपी ने बांदा लोकसभा सीट से सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा का टिकट काट कर आरके पटेल को प्रत्याशी बनाया था । आरके पटेल ने बीजेपी का भरोसा कायम रखा और ये सीट जीत कर बीजेपी की झोली में डाल दी । आरके पटेल ने सपा के श्याम चरण गुप्त को 58,453 वोटों से हराया है । बीजेपी के आरके पटेल को 4,77,100 वोट मिले है । सपा के श्याम चरण गुप्त को 4,18,647 वोट मिले है । वही ददुआ के भाई कांग्रेस के बाल कुमार पटेल को 75,350 वोट हासिल हुए है । नोटा करने वालों की संख्या 19248 वोट मिले है ।