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योगी की पार्टी को ना 'अली' और ना ही 'बजरंगबली' का वोट पड़ेगा : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 'अली और बजरंगबली' संबंधी बयान देने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि योगी की पार्टी को ना तो 'अली' का और ना ही 'बजरंगबली' का वोट पडेगा ।
बदायूं (भाषा): बसपा सुप्रीमो मायावती ने 'अली और बजरंगबली' संबंधी बयान देने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि योगी की पार्टी को ना तो 'अली' का और ना ही 'बजरंगबली' का वोट पडेगा ।
मायावती ने यहां महागठबंधन प्रत्याशी सपा के धर्मेन्द्र यादव के समर्थन में एक रैली में कहा, 'लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से योगी की पार्टी को ना अली का वोट पडेगा और ना ही मेरी जाति से जुडे बजरंगबली का वोट पडेगा ।'
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उन्होंने कहा, '... इस बार चुनाव में नमो-नमो वाले जा रहे हैं और जय भीम वाले आ रहे हैं जिनकी इस समय देश को काफी ज्यादा जरूरत भी है ।'
मायावती ने कहा, 'इस चुनाव को लेकर कुछ जरूरी बातें आप लोगों के सामने रखूं लेकिन इसके पहले मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बात का जरूर जवाब देना चाहूंगी जो उन्होंने हमारे गठबंधन के बारे में इशारा करते हुए कही है कि यदि इनके अली हैं तो हमारे बजरंगबली हैं ।'
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उन्होंने कहा, 'इस संबंध में मैं इनको :योगी: कहना चाहती हूं कि हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी हैं । हमारे लिए दोनों अपने ही हैं । कोई भी गैर नहीं है इसलिए हमें अली भी चाहिए और बजरंगबली भी चाहिए ।'
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि खासकर हमें बजरंगबली इसलिए भी चाहिए क्योंकि 'वह मेरी अपनी खुद की दलित जाति से ही जुडे हैं और इनकी जाति की खोज मैंने नहीं बल्कि खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने की है और इन्होंने ही खुद जनता को ये बताया है कि बजरंगबली वनवासी और दलित जाति के ही हैं ।'
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उन्होंने कहा, 'और इसलिए मैं उनकी :योगी: बहुत बहुत आभारी भी हूं कि उन्होंने हमारे वंशज के बारे में हमें बहुत खास जानकारी दी है । ऐसी स्थिति में हमारे लिए खुशी की बात ये है कि अब हमारे पास अली भी हैं और बजरंगबली भी हैं जिनके गठजोड से इस चुनाव में हमें काफी अच्छा परिणाम मिलने वाला है ।'
मायावती ने कहा कि वैसे भी उत्तर प्रदेश में ‘‘बजरंगबली की जाति से जुडे दलित वर्ग के लोग’’ कांग्रेस के साथ साथ भाजपा को बहुत पहले ही छोड चुके हैं ।
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बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस के केन्द्र में और अधिकतर राज्यों में लंबे अरसे तक रहे शासनकाल में अधिकतर गलत नीतियों ओर कार्यप्रणाली की वजह से इस पार्टी को केन्द्र ओर बाकी राज्यों में सत्ता से बाहर होना पडा है ।
मायावती ने कहा, 'इस चुनाव में इनकी :भाजपा: कोई भी नाटकबाजी और जुमलेबाजी काम आने वाली नहीं है । इस बार इनकी चौकीदारी की नयी नाटकबाजी भी इन्हें नहीं बचा पाएगी ।'
मायावती ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘किस्म किस्म के हथकंडे अपनाकर लोगों को गुमराह’’ करने का प्रयास किया है ।
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बसपा-सपा और रालोद की संयुक्त रैलियां 16 अप्रैल को आगरा, 19 अप्रैल को मैनपुरी, 20 अप्रैल को रामपुर और फिरोजाबाद में होंगी। 25 अप्रैल कन्नौज, 1 मई को फैजाबाद, 8 मई को आजमगढ़, 13 मई को गोरखपुर और गठबंधन के साझा रैलियों के अभियान का समापन 16 मई को वाराणसी में होगा।
गठबंधन की ओर से साझा रैलियों में मैनपुरी, कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद और आजमगढ़ वो सीटें हैं जो फिलहाल यादव परिवार के पास हैं। आधी साझा रैलियां इन्हीं सीटों पर हो रही हैं। 11 साझा रैलियों में से सहारनपुर और आगरा महज दो ऐसी सीटें हैं जो बसपा के खाते में है।
(भाषा)