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फूलों पर कोरोना का कहर: फूल खिले पर किसान मुरझाए, रोजी-रोटी का भारी संकट

लॉकडाउन होने के कारण फूल की बिक्री नहीं हो पा रही है जहां पहले फूल की खेती करने वाले किसान फूल खिलते ही खुश हो जाते थे वहीं आज जैसे-जैसे फूल खिलता है वैसे-वैसे किसान मुरझाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

SK Gautam
Published on: 19 April 2020 9:12 AM GMT
फूलों पर कोरोना का कहर: फूल खिले पर किसान मुरझाए, रोजी-रोटी का भारी संकट
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शामली: कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जहां हर कोई चपेट में है और लॉकडाउन के दौरान हर किसी के सामने एक बहुत बड़ा संकट पैदा हो गया है। वहीं फूल की खेती करने वाले किसान भी इससे अछूते नहीं हैं और आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। लॉकडाउन होने के कारण फूल की बिक्री नहीं हो पा रही है जहां पहले फूल की खेती करने वाले किसान फूल खिलते ही खुश हो जाते थे वहीं आज जैसे-जैसे फूल खिलता है वैसे-वैसे किसान मुरझाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

किसान के सामने रोजी-रोटी का भारी संकट

आपको बता दें कि ये तस्वीरें जनपद शामली की है जहां पर फूल की खेती करने वाले किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा हुआ है। जो फूल की खेती करने वाले किसान पहले जब फूल खिलता था तो वो भी फूल की तरह खिल जाते थे। लेकिन अब फूल मंडियों तक नहीं जा पा रहा है। फूल खेत में ही सड़ रहा है। बाजार तक फूल जा पाने के कारण फूल की खेती वाले किसान अब अपने फूल की फसल को उजाड़ रहे हैं। पहले फूल की खेती वाले करने वाले किसान, फूल से लाखों रुपए का धन कमा लिया करते थे अब वही किसान ₹1 पाने को मोहताज नजर आ रहे हैं। वह आज इस कगार पर पहुंच गए हैं कि उनके सामने रोजी-रोटी का भारी संकट खड़ा हो गया है।

जनपद शामली के कैराना कोतवाली क्षेत्र के गांव मन्ना माजरा में फूल की खेती करने वाले किसान ओमबीर ने बताया कि वह जनपद बागपत के छपरौली थाना क्षेत्र के गांव हलालपुर के रहने वाले हैं और उन्होंने यहां पर 20 बीघा जमीन ठेके पर ली थी। जिसके बाद उन्होंने 20 बीघा जमीन पर फूल की खेती लगाई थी जिसमें कि फूल की फसल को लगाने का खर्च करीब 4300 से बीघा आया था। उनकी फसल पूरी तरीके से तैयार हो चुकी थी।

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नवरात्र के दिनों में फूल की डिमांड बढ़ जाती है

मार्च माह में पड़ने वाले नवरात्रों के लिए उन्होंने अपने फूल की फसल को रोका हुआ था क्योंकि नवरात्र के दिनों में फूल की डिमांड बढ़ जाती है और उन्हें अनुमान था कि जो फूल नवरात्रों से पहले उनका ₹55 प्रति किलो जा रहा था। वह नवरात्रों के दौरान ₹80 किलो जाएगा। इस वजह से उन्होंने अपनी फसल को रोका हुआ था लेकिन नवरात्रों से पहले ही लॉकडाउन की घोषणा हो गई जिससे उनका करीब 10 टन माल जो कि तैयार था बिक नहीं पाया।

जिसके कारण उन्हें करीब 6 से 7 लांख का नुकसान हुआ। किसान ने बताया कि फूल की खेती और ही करीब 10 से 15 मई तक चलने वाली थी लेकिन मंडी में फूल नहीं जा पाने के कारण अब उनकी फूल की फसल खेत पर ही सड़ रही है और वह 20 बीघा फूल की फसल में से करीब 10 बीघा फसल उजाड़ चुके हैं और बाकी वह उजाड़ रहे हैं।

किसान ओमबीर ने बताया कि उनका 12 सदस्यों का परिवार है जो कि फूल की खेती पर ही निर्भर है और सभी लोग फूल की खेती के लिए काम करते हैं। उसी से जो कमाई होती है वह अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं लेकिन अब फूल की डिमांड मजार में न होने और बाजार तक खुलने जा पाने के कारण उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है और उन्हें अब खाने तक के लाले पड़ गए हैं।

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