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आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स डिलीट करा सकते हैं डेटा, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स की जानकारी और डएटा से जुड़े मामले पर नई गाइडलाइन जारी की गई है। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए विकसित किए गए इस ऐप का कोई भी यूजर आरोग्य सेतु पर उसकी तरफ से दी गई संबंधित जानकारियों को डेटा को डिलीट करने का अनुरोध कर सकता है
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स की जानकारी और डएटा से जुड़े मामले पर नई गाइडलाइन जारी की गई है। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए विकसित किए गए इस ऐप का कोई भी यूजर आरोग्य सेतु पर उसकी तरफ से दी गई संबंधित जानकारियों को डेटा को डिलीट करने का अनुरोध कर सकता है। माना जा रहा है कि पिछले दिनों डेटा की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के बाद केंद्र सरकार की ओर से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
दुरुपयोग रोकने के लिए नया प्रोटोकॉल
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी का कहना है कि हालांकि डेटा सुरक्षा को लेकर उठे सवालों में कोई दम नहीं है मगर फिर भी हमने लोगों को संतुष्ट करने के लिए यह कदम उठाया है। हम चाहते हैं कि लोगों के व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग की गुंजाइश ना रहे और इसीलिए सरकार की ओर से यह नया प्रोटोकॉल बनाया गया है।
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180 दिन से ज्यादा सेव नहीं रहेगा डेटा
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अधिकांश मामलों में यूजर्स का मोबाइल नंबर, लोकेशन और दूसरी गोपनीय जानकारियां 180 दिन के भीतर स्थायी रूप से हटा दी जाएंगी। लेकिन जब तक प्रोटोकॉल लागू रहेगा तब तक जनसांख्यिकीय डाटा बना रहेगा। सूत्रों ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अनुरोध करता है तो उसे जुड़ी सारी जानकारी अनुरोध के 30 दिनों के भीतर हटा दी जाएगी। केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार 180 दिनों से अधिक डेटा के भंडारण पर रोक लगाई गई है जो कि पहले 60 दिन ही थी।
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ऐप डाउनलोड करने की रफ्तार में तेजी
देश में कोरोना वायरस का संक्मण रोकने के लिए सरकार की ओर से इस ऐप को लांच किया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील की थी। पीएम मोदी का कहना था कि इस ऐप को डाउनलोड करने से हमें कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में काफी मदद मिलेगी। पीएम मोदी की इस अपील के बाद इस ऐप को डाउनलोड करने की रफ्तार में काफी तेजी आई है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक 9 करोड़ से अधिक लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं। पिछले पिछले दिनों इस ऐप में कई व्यक्तिगत जानकारियों के दुरुपयोग की आशंका जताई गई थीं। एक फ्रांसीसी हैकर ने भी इसे लेकर सवाल खड़े किए थे। माना जा रहा है कि इसी के बाद सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।
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राज्य सरकारों की होगी जिम्मेदारी
केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु इमरजेंसी डाटा एक्सेस और नॉलेज शेयरिंग प्रोटोकॉल के तहत नियमों को बनाया है जो अगले छह महीनों के लिए लागू रहेगा। उपयोगकर्ता के नाम, मोबाइल नंबर और यात्रा इतिहास के बारे में डेटा इसी दायरे में आते हैं। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सरकारों के साथ स्वास्थ्य जुड़े मामलों में सहायता करने के लिए डेटा साझा करने की अनुमति देती है। हालांकि डेटा को संभालने की जिम्मेदारी एजेंसियों और राज्य सरकारों की होगी और वे इसे 180 दिनों से ज्यादा सेव नहीं रख सकते।