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भोपाल से दिग्विजय को टिकट, कहीं राजा साहेब का काम तो नहीं लगा दिया सीएम ने
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भोपाल से कांग्रेस ने टिकट दिया है। इसके बाद सिंह के समर्थक कह रहे हैं कि साजिश के तहत सीएम कमलनाथ ने उसके साथ ऐसा किया है। उनका सवाल है कि क्या सभी बड़े नेताओं को ऐसी सीटों पर उतारा जाएगा जहां कांग्रेस को काफी समय से जीत नसीब नहीं हुई है।
भोपाल : पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भोपाल से कांग्रेस ने टिकट दिया है। इसके बाद सिंह के समर्थक कह रहे हैं कि साजिश के तहत सीएम कमलनाथ ने उसके साथ ऐसा किया है। उनका सवाल है कि क्या सभी बड़े नेताओं को ऐसी सीटों पर उतारा जाएगा जहां कांग्रेस को काफी समय से जीत नसीब नहीं हुई है।
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भोपाल से डर क्यों
साल 1989 के बाद से इस सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई। राज्य में इंदौर, विदिशा ,जबलपुर और ग्वालियर कांग्रेस के लिए कठिन सीटों में शामिल है, इन सीटों पर मजबूत चेहरा उतारने की कांग्रेस ने रणनीति बनाई है।
यहां से बीजेपी के सुशील चंद्र वर्मा, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी और आलोक संजर चुने जा चुके हैं। वहीं इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के अब तक छह सांसद चुने गए उनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा प्रमुख रहे हैं।
आपको बता दें, सीएम और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
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क्या कहा था कमलनाथ ने
कुछ दिन पहले कमलनाथ ने कहा था कि दिग्विजय को कठिन सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, इस बात पर केंद्रीय चुनाव समिति ने भी मुहर लगा दी। कमलनाथ से जब पूछा गया कि भोपाल से चुनाव लड़ाए जाने के फैसले से दिग्विजय खुश हैं क्या, तो कमलनाथ ने कहा, "यह तो उन्हीं से पूछिए, मगर मैं तो खुश हूं।
विरोध के सुर
दिग्विजय समर्थक सवाल कर रहे हैं कि कमलनाथ को सिर्फ छिंदवाड़ा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से ही क्यों चुनाव लड़ाया जाता है। उनको भी कठिन सीट पर जाकर चुनाव लड़ना चाहिए। दोनों नेताओं को दूसरी सीटों से चुनाव लड़ाए तो अच्छा संदेश जाएगा।
15 साल बाद लड़ेंगे चुनाव
दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव 2003 में लड़ा था। कांग्रेस को मिली हार के बाद सिंह ने 10 साल तक चुनाव न लड़ने का ऐलान किया। उसके चलते उन्होंने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। दिग्विजय वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं।