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EC ने न्यायालय से कहा- VVPAT पर्चियों की गणना की मौजूदा व्यवस्था सबसे उपयुक्त
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से औचक तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की प्रणाली को न्यायोचित ठहराया।
नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से औचक तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की प्रणाली को न्यायोचित ठहराया।
आयोग ने कहा कि वह किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार के लिये तैयार है जिससे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में सुधार में मदद मिलती हो।
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निर्वाचन आयोग ने 21 विपक्षी नेताओं की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वे वीवीपैट की पर्चियों की अचानक गणना संबंधी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के लिये एक भी ठोस आधार बताने में असमर्थ रहे हैं।
विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाये।
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आयोग ने कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा। विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है।
नमूना सर्वेक्षण की संख्या बढ़ाई जा सकती है
शीर्ष अदालत के 25 मार्च के सवाल के उत्तर में निर्वाचन आयोग ने एक हलफनामा दाखिल किया है। न्यायालय जानना चाहता था कि क्या एक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से लिये जाने वाले नमूना सर्वेक्षण की संख्या बढ़ाई जा सकती है?
आयोग ने इस संबंध में न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि इन याचिकाओं में आगामी चुनाव के मुद्दे उठाये गये हैं जिन पर निर्वाचन आयोग ने विचार किया, अध्ययन किया और निर्णय लिया और इसके बाद वर्तमान तरीके से आगामी चुनाव कराने के बारे में फैसला किया गया।’’
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वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिये कोई वजह नहीं बताई गयी है
आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की याचिका का जिक्र करते हुये कहा कि इसमें इस समय वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिये कोई वजह नहीं बताई गयी है।
आयोग ने यह भी कहा कि वर्तमान प्रणाली को आसन्न चुनाव में जारी रहने दिया जाये क्योंकि यह सबसे अधिक उपयुक्त पायी गयी है।
निर्वाचन आयोग ने इस समय विधानसभा चुनाव के लिये एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रणाली अपनायी है।
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आयोग ने कहा है कि लोकसभा संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र या प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के सत्यापन के लिये गणना में लगने वाला समय करीब छह दिन बढ़ जायेगा। हलफनामे में कहा गया है कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 400 से अधिक मतदान केन्द्र हैं जिनके लिये वीवीपैट पर्चियों की गणना पूरी करने में करीब आठ-नौ दिन की जरूरत होगी।
आयोग ने यह वीवीपैट की पर्चियों की फिर से गणना की मांग वे स्वयं ही करते हैं और इससे गणना में लगने वाला समय अधिक बढ़ जायेगा। यही नहीं, बढ़ी हुयी वीवीपैट पर्चियों की गणना के लिये चुनाव अधिकारियों के लिये व्यापक प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी और इसके लिये चुनाव कार्य में तैनात अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि करने की जरूरत पड़ेगी।
(भाषा)