×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP के इस सीट से दांव पर लगी है चाचा-भतीजे की प्रतिष्ठा!

फिरोजाबाद में 17.85 लाख से ज्यादा मतदाता मतदान के योग्य हैं, जो मौजूदा सपा सांसद अक्षय यादव, उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) से उम्मीदवार शिवपाल यादव, भाजपा के चन्द्र सेन जादोन, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी के उपेन्द्र सिंह राजपूत समेत छह उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।

Shivakant Shukla
Published on: 21 April 2019 9:25 PM IST
UP के इस सीट से दांव पर लगी है चाचा-भतीजे की प्रतिष्ठा!
X

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ने अपनी चूड़ियों के जरिये लोगों को वैवाहिक बंधनों से बांधकर परिवारों में 'सुहागनगरी' के तौर पर पहचान बनाई, लेकिन यही फिरोजाबाद इस बार एक ही परिवार को दो सदस्यों के बीच चुनावी अखाड़ा बना हुआ है। इस सीट पर चुनाव को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके नाराज चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच आर-पार की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है।

इस बीच भाजपा ने जीत की सुगंध को भांपते हुए समाजवादी पार्टी के मतदाताओं को विभाजित करने के लिये आयुर्वेदिक चिकित्सक चन्द्र सेन जादोन को टिकट दिया है।

फिरोजाबाद में 17.85 लाख से ज्यादा मतदाता मतदान के योग्य हैं, जो मौजूदा सपा सांसद अक्षय यादव, उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) से उम्मीदवार शिवपाल यादव, भाजपा के चन्द्र सेन जादोन, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी के उपेन्द्र सिंह राजपूत समेत छह उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। यहां तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है।

ये भी पढ़ें— वायनाड में बोलीं सीतारमण, संदेश दें कि दिल्ली से भेजे किसी व्यक्ति की जरुरत नहीं

सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन ने इस बार भी राज्य सभा सांसद रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को टिकट दिया है। यहां समाजावादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा को रोकने के लिये एड़ी चोड़ी का जोर लगाए हुए हैं। फिरोजाबाद में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों और मुस्लिमों को मिलाकर 70 प्रतिशत मतदाता हैं।

हालांकि गठबंधन उम्मीदवार के लिये जीत की राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव को यहां खेल बदलने वाले उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। अपनी सांगठनिक क्षमता के लिये पहचाने जाने वाले शिवपाल यहां गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल के लिये यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है जो अपने चचेरे भाई और अक्षय के पिता रामगोपाल को सपा छोड़ने पर मजबूर करने के लिये मुख्य साजिशकर्ता मानते हैं।

शिवपाल (64) इस सीट पर जीत हासिल करने के लिये ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इसके लिये वे एक दिन में 20 से ज्यादा गांवों में बैठकें कर रहे हैं।यहां जीएसटी के अलावा बिजली आपूर्ति बड़ा मुद्दा है। चूड़ी के एक कारोबारी ने कहा कि यह इलाका ताज समलंब क्षेत्र में आता है जहां उच्चत्म न्यायालय ने औद्योगिक गतिविधियों पर कड़ी पर्यावरणीय पाबंदियां लगा रखी हैं। इससे उद्योग के विस्तार पर असर पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें— प्रधानमंत्री मोदी ने कभी नहीं किया अमेठी के साथ भेदभाव: स्मृति

फिरोजाबाद में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के समर्थकों के बीच मतभेद स्पष्ट तौर पर देखे जा सकते हैं। यहां के उद्योगपतियों और कारोबारियों का एक समूह जहां भाजपा के साथ खड़ा दिखाई देता है तो वहीं दूसरा समूह गठबंधन साथ दिख रहा है। चूड़़ियों के एक कारोबारी मुर्तजा हसन ने कहा, "शिवपाल जी मौजूदा सांसद के मुकाबले बेहतर व्यक्ति हैं, लेकिन वह राष्ट्रीय परिदृश्य में फिट नहीं बैठते। सपा-बसपा गठबंधन ही है जो केन्द्र में भाजपा को चुनौती दे सकता है। हमारे पास गठबंधन को समर्थन देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"

उन्होंने दावा किया कि भाजपा का समर्थन करने वाले समूह में ज्यादातर इलाके के कारोबारी हैं, जिन्हें सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि अल्पसंख्यक और गरीब ही हैं जो परेशानियों से गुजर रहे हैं। वहीं भाजपा के एक समर्थन राकेश गौतम ने कहा, "हम लोगों को जीएसटी की शिकायत करनी चाहिये थी लेकिन हमें कोई शिकायत नहीं है।

ये भी पढ़ें— BJP ने किया 7 कैंडिडेट्स का ऐलान, दिल्ली से मनोज तिवारी को टिकट, देखें पूरी लिस्ट

मीडिया वाले ऑटोवालों से जीएसटी के बारे में पूछ रहे हैं, जो दावा कर रहे हैं कि उन्हें परेशानी है ताकि जीएसटी के खिलाफ गलत धारणा बनाई जा सके।" उन्होंने कहा कि ये मानना होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही एजेंडा तय कर रहे हैं जबकि अन्य लोग सिर्फ उस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

(भाषा)



\
Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story