क्या विनोद खन्ना की विरासत संभाल पाएगा सनी पाजी का ढ़ाई किलो का हाथ!

विनोद खन्ना ने लगातार तीन बार 1998, 1999 और 2004 गुरदासपुर में कमल खिलाने में कामायाब हुए। जब साल 2004 में बीजेपी की करारी हार हुई तब भी उन्होंने बीजेपी का झंडा यहां बुलंद रहा।

Shivakant Shukla
Published on: 23 April 2019 2:20 PM GMT
क्या विनोद खन्ना की विरासत संभाल पाएगा सनी पाजी का ढ़ाई किलो का हाथ!
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नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता सनी देओल आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। ऐसी उम्मीद है कि विनोद खन्ना की विरासत पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट अब सनी देओल संभालेंगे। लेकिन सनी देओल यह जिम्मेदारी कितनी चुनौतीपूर्ण होगी, आइए जानते हैं।

क्या है गुरूदासपुर के सीट का अब तक का इतिहास

वैसे तो बीजेपी की नींव ही साल 1980 में पड़ी। इस साल लोकसभा चुनाव भी हुए। लेकिन तब पंजाब में बीजेपी कोई दमदार उम्मीदवार तलाश नहीं पाई। लेकिन साल 1985 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी बलदेव प्रकाश दूसरे स्‍थान पर रहे। इसके बाद साल 1998 में पहली बार विनोद खन्ना ने गुरदासपुर में कदम रखा और उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता सुखबंस कौर भिंडर को हरा दिया।

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विनोद खन्ना ने लगातार तीन बार 1998, 1999 और 2004 गुरदासपुर में कमल खिलाने में कामायाब हुए। जब साल 2004 में बीजेपी की करारी हार हुई तब भी उन्होंने बीजेपी का झंडा यहां बुलंद रहा।

गुरदासपुर में विनोद खन्ना ने 2009 के आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने विनोद को हरा दिया था। लेकिन साल 2014 के चुनाव में विनोद खन्ना एक बार फिर से जीत दर्ज की। साल 2017 में हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सवर्ण सिंह सलारिया को कांग्रेस उम्मीदवार सुनील सिंह जाखड़ ने फिर मात दी।

क्या विनोद खन्ना का इतिहास दोहरा पाएंगे सनी देओल?

विनोद खन्ना की छवि गुरदासपुर में एक ठोस नेता की थी। वे गुरदासपुर से एक जनप्रिय नेता के तौर पर उभरे थे। फिल्मों की शूटिंग के चलते ज्यादातर समय गुरदासपुर से बाहर से रहने के बाद भी गुरदासपुर की जनता उनसे सीधे जुड़ती थी। इसके अलावा उनके संसदीय कार्यकाल में उन्होंने क्षेत्र में जमकर काम भी कराए थे।

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उनकी तुलना में सनी देओल के पास एक जाना-पहचाना चेहरा और कुछ देशभक्ति फिल्मों के अलावा कुछ नहीं है। लेकिन विनोद खन्ना ने जब राजनीति का रुख किया तो वे एक अभिनेता या जाना-पहचाना चेहरा के बजाए एक राजनेता जैसा बर्ताव करते थे। ऐसे में सनी देओल फिलहाल उनकी छवि में कितना सटीक बैठ पाएंगे यह कहना जल्दबाजी होगी।

क्या सुनील जाखड़ और सनी देओल के बीच होगी टक्कर!

गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं। फिलहाल इन नौ सीटों में से सात पर कांग्रेस का कब्जा है। जबकि बीजेपी के पास महज एक सीट है। एक सीट अकाली दल ने जीती थी। इस सीट पर सातवें फेज में 19 मई को मतदान होने हैं। फिलहाल अभी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का घोषणा नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के वर्तमान उम्मीदवार सुनील जाखड़ और अभिनेता से नेता बने सनी देओल के बीच इस सीट पर मुकाबला होगा।

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