TRENDING TAGS :
महिंद्रा ने फोर्ड से मिलाया हाथ , इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और विकास साथ
बदलती जरुरतों और भारतीय बाजार पर राज करने की साझा रणनीति बनाने के लिए फोर्ड और महिंद्रा ने विक्री और विकास के लिए करार कर लिया है। इलेक्टिक वाहनों के विकास और साझा विक्री
मुंबई: बदलती जरुरतों और भारतीय बाजार पर राज करने की साझा रणनीति बनाने के लिए फोर्ड और महिंद्रा ने विक्री और विकास के लिए करार कर लिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और साझा विक्री के लिए दोनो दिग्गजों ने आपस में हाथ मिला लिया है। दोनो वैश्विक कंपनियों की इस साझा प्रयास से भारतीय वाहन बाजार को मजबूती मिलेगी। फोर्ड के सहारे महिंद्रा भी विश्व उघोग जगत में रफतार पकड़ लेगी। गठजोड़ के जरिये कार बाजार पर भी ध्यान दे सकती है महिंद्रा।
यह भी पढ़ें: GST रिटर्न का आंकड़ा काफी कम, अब तक सिर्फ 6.9 लाख कर धारकों ने भरा
अग्रणी अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड ने भारतीय यूटिलिटी वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा से समझौता करके भारतीय वाहन बाजार में अपनी पैठ मजबूत करेगी। मौजूदा समय में भारतीय बाजार में मारूती सुजूकी और हुंडई का वर्चस्व है। घरेलू यात्री कार बाजार में महिंद्रा और फोर्ड की बाजार हिस्सेदारी एक अंक में ही है। करार समय सीमा को लेकर दोनो कंपनियों तीन साल का समय तय किया है। महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने कहा, वाहन उद्योग को दुनिया भर में नई प्रौद्योगिकी, टिकाऊ नीतियों और शहरी गतिशीलता के लिए नए मॉडल के विकास जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों को देखते हुए हमें बाजार के नए रुझानों का अनुमान लगाने, नए विकल्प तलाशने की जरूरत है, जिससे नए अवसरों की राह खुल सकती है।
यह भी पढ़ें: मंगलवार की सुबह ख़ास नहीं रहा शेयर बाजार का हाल, निफ्टी-सेंसेक्स लुढ़के
'महिंद्रा ने 1990 के दशक में फोर्ड के साथ साझेदारी की थी जिससे फोर्ड भारतीय बाजार में प्रवेश कर पाई थी। एस्कॉर्ट इस साझेदारी की पहली कार थी। उसके बाद महिंद्रा ने रेनो के साथ मिल कर सिडैन लोगान बजार में पेश किया। अप्रैल 2010 में महिंद्रा ने संयुक्त उद्यम में रेनो की हिस्सेदारी खरीद ली। फोर्ड भी पिछले कुछ समय से 3 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर ही अटकी हुई है, जबकि कुछ वर्षों से वह भारत से सबसे बड़ी वाहन निर्यातक के तौर पर उभरी है।
यह भी पढ़ें: 7वें वेतनमान के एरियर भुगतान पर योगी कैबिनेट की लग सकती है मुहर
फोर्ड के पास अतिरिक्त क्षमता है, जिसका महिंद्रा उपयुक्त इस्तेमाल कर सकती है। 2020 तक
भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है। हाल ही में बजाज ऑटो ने भारत में मझोले वजन के मोटरसाकिल बनाने के लिए ब्रिटेन के मोटरसाइकिल ब्रांड ट्रायंफ के साथ करार किया है। जापानी वाहन कंपनी टोयोटा ने भी सुजूकी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए साझेदारी की है।