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प्रियंका गाँधी का तीन दिवसीय दौरा, बीजेपी के सबसे मजबूत किले को भेदने की कोशिश

बताया गया कि प्रियंका गाँधी 3 अप्रैल को कानपुर आएंगी । जहाँ पर कानपुर के कार्यकर्ता उनका भव्य स्वागत करेंगे । इसके बाद प्रियंका गाँधी जालौन के लिए रवाना हो जाएंगी । जालौन में प्रियंका गाँधी का रोड शो और विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा । 4 अप्रैल को प्रियंका गाँधी हमीरपुर जाएगीं जहाँ पर वो रोड शो ,जनसभा और ग्रामीणों से संवाद करेंगी ।

SK Gautam
Published on: 1 April 2019 11:53 AM IST
प्रियंका गाँधी का तीन दिवसीय दौरा, बीजेपी के सबसे मजबूत किले को भेदने की कोशिश
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कानपुर: बुंदेलखंड भारतीय जनता पार्टी का सबसे मजबूत किला है । इस किले को भेदने लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी तीन दिवसीय बुंदेलखंड के दौरे पर आ रही है । प्रियंका गाँधी कानपुर से होते हुए जालौन ,हमीरपुर ,बाँदा चित्रकूट जाएगीं । प्रियंका गाँधी रोड शो ,जनसभाए नुक्कड़ सभाएं और ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगी । कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी तैयारियों में जुटे है वहीं विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज हो गई है ।

कांग्रेस हाईकमान ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के तीन दिवसीय प्रस्तावित कार्यक्रम की घोषणा की है ।

जिसमें बताया गया कि प्रियंका गाँधी 3 अप्रैल को कानपुर आएंगी । जहाँ पर कानपुर के कार्यकर्ता उनका भव्य स्वागत करेंगे । इसके बाद प्रियंका गाँधी जालौन के लिए रवाना हो जाएंगी । जालौन में प्रियंका गाँधी का रोड शो और विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा । 4 अप्रैल को प्रियंका गाँधी हमीरपुर जाएगीं जहाँ पर वो रोड शो ,जनसभा और ग्रामीणों से संवाद करेंगी ।

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हमीरपुर से होते हुए वो महोबा जाएंगी जहां पर रोड शो करने के साथ ही ग्रामीणों के साथ नुक्कड़ सभा करेंगी । 6 अप्रैल को प्रियंका गाँधी बाँदा और चित्रकूट जाएंगी जहा पर रोड शो और जनसभा को संबोधित करेंगी ।

तीन दिवसीय दौरे में प्रियंका गाँधी कामदगिरी मंदिर में दर्शन करने के साथ ही मंदाकनी नदी की आरती और पूजा भी करेंगी । प्रियंका गाँधी इस तीन दिनों के प्रवास पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओ को जीत का मंत्र भी देगी और संगठन को मजबूत करने के लिए दिशा निर्देश देंगी ।

प्रियंका गाँधी के आगमन से कार्यकर्ताओ में ख़ुशी की लहर है, इतना नही बुंदेलखंड के लोग भी प्रियंका गाँधी को देखना और सुनना चाहते है ।

हम आपको बता दें कि कानपुर बुंदेलखंड में 10 लोकसभा सीटें हैं जिसमें से चार सीटें यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गाँधी के पास है । जिसमें हमीरपुर ,जालौन ,झाँसी ,बाँदा सीटें शामिल है ।

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कानपुर बुंदेलखंड की 6 लोकसभा सीटें यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है जिसमें से कानपुर ,अकबरपुर ,फरुखाबाद, कन्नौज ,इटावा ,मिश्रिख है । यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गाँधी कानपुर बुंदेलखंड की अपने प्रभार वाली सीटों पर रोड शो और जनसभा कर, बीजेपी की जड़ें हिलाने कि कोशिश करेंगी ।

बीजेपी का मजबूत गढ़

एक समय था कि कानपुर बुंदेलखंड कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता था । लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कानपुर और बुंदेलखंड की तश्वीर बदल गई । कन्नौज संसदीय क्षेत्र को छोड़ कर पूरे कानपुर बुंदेलखंड में भगवा ध्वज लहरने लगा ।

किसी भी राजनैतिक दल ने इस किले को भेदने की हिम्मत नहीं जुटाई ।

2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 09 सीटें जीत कर इतिहास रच दिया था । बीजेपी के हाथ से कन्नौज लोकसभा सीट फिसल गई थी अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने कन्नौज की सीट जीत कर समाजवादी पार्टी का सम्मान बचाया था ।

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इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 47 सीटें जीती थी । कानपुर बुंदेलखंड की 5 विधानसभा सीटें ही विपक्षी पार्टियों के हाथ लगी थी । इस जीत के बाद से कानपुर बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ बन गया ।

कानपुर बुंदेलखंड की राजनीती उसकी भगौलिक स्थिति और जातिगत समीकरणों पर आधारित है । इस समीकरण को समझने में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी को अभी समय लगेगा ।

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भी बुंदेलखंड में कोई विशेष परिवर्तन नही हुआ है । स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है यहाँ के लोगो की सबसे खास बात यह है कि यहाँ कि जनता परिवर्तन पर भरोसा करती है ।

अब देखने वाली बात यह कि 2019 के लोकसभा चुनाव कानपुर बुंदेलखंड की जनता परिवर्तन करती है या फिर बीजेपी पर भरोसा ।



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