×

बनारस की फिजा पर देश दुनिया की टिकी निगाहें

वाराणसी पिछले दो लोकसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झोली में है । 1991 में पहली बार भाजपा के शिरीषचंद्र दीक्षित 41 फीसदी मतों के साथ यहां से जीते थे। उसके बाद अगले तीन आम चुनाव में भी भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल बड़े अंतर से जीते।

SK Gautam
Published on: 19 May 2019 8:15 PM IST
बनारस की फिजा पर देश दुनिया की टिकी निगाहें
X

धनंजय सिंह

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस में रस घोल दिया है। आम चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के मतदान में रविवार को बनारस का मतदाता भी लोकतंत्र के महाकुंभ में डुबकी लगा रहा है। आठ राज्यों की 59 सीटों पर वोटिंग समाप्त हो गयी है। वाराणसी में 58 .05 प्रतिशत वोट पड़े। देश-दुनिया की नजरें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वजह से वाराणसी में लगी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में उन्होंने वाराणसी से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां से दूसरी बार निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। तमाम राजनीतिक और चुनाव विश्लेषकों का भी यही अभिमत है। लोग यहां तक कह रहे हैं कि मतगणना तो औपचारिकता है । 23 मई को मतगणना परिणाम जीत के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर देगा ।

ये भी देखें : प्रधानमंत्री को गुफा छोड़कर शहीदों के परिवार की मदद करनी चाहिए : अखिलेश यादव

वाराणसी पिछले दो लोकसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झोली में है । 1991 में पहली बार भाजपा के शिरीषचंद्र दीक्षित 41 फीसदी मतों के साथ यहां से जीते थे। उसके बाद अगले तीन आम चुनाव में भी भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल बड़े अंतर से जीते। हालांकि 2004 कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने जायसवाल को शिकस्त दी। 2009 में भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी जीते। मगर जीत का अंतर बहुत कम रहा। 2014 में मोदी को पांच लाख से भी अधिक मत मिले। आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल दूसरे स्थान पर रहे । खासबात यह है कि सपा, बसपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के कुल वोट दो लाख भी नहीं थे।

इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग ढाई लाख ब्राह्मण और डेढ़ लाख भूमिहार मतदाता हैं । इन्हें भाजपा का पारंपरिक मतदाता माना जाता है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अपना दल के शामिल होने से करीब डेढ़ लाख कुर्मी मतदाता भी प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक जीत के लिए आश्वस्त कर रहे हैं। वर्ष 2014 में यहां के लोकसभा चुनाव में अबतक की सबसे बड़ी जीत थी। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बनारस में अभूतपूर्व विकास हुआ है। काशी में विकास की गंगा पहली बार तेजी से बही है।

ये भी देखें : बलरामपुर: अग्निदेव के तांडव से दर्जनभर घर जलकर खाक, तस्वीरें देख हो जायेंगे विचलित

मोदी ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का जो संकल्प लिया था, वह अब मूर्तरूप ले रहा है । आजादी के बाद बाबा के दरबार के लिए यह सबसे बड़ी परियोजना है । ऐसे ही नगर के अन्य क्षेत्रों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी विकास की गंगा बही। घाट, मंदिर, कुंड, तालाब, सहयोगी नदियां, सड़कें, गलियां और बिजली व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। बनारस में कुल 28 लाख 39 हजार 204 मतदाता हैं । इनमें 15 लाख 63 हजार 368 पुरुष, 12 लाख 75 हजार 695 और 141 थर्ड जेंडर हैं । यहां 1140 मतदान केन्द्रों में वोटिंग संपन्न हुई है।

वाराणसी संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्र

रोहनिया-387 विधानसभा: कुल मतदाता-3 लाख 83 हजार 068 हैं। इनमें 2 लाख 13 हजार 901 पुरुष, एक लाख 69 हजारा 147 महिला औऱ 20 थर्ज जेंडर मतदाता हैं। वाराणसी उत्तरी-388 विधानसभा: 3 लाख 90 हजार 243 मतदाता हैं। इनमें 2 लाख 15 हजार 388 पुरुष, 1 लाख 74 हजार 823 और, 32 थर्डजेंडर मतदाता हैं। वाराणसी दक्षिणी-389 विधानसभा: 2 लाख 84 हजार 408 , एक लाख 58 हजार 804 पुरुष, एक लाख 25 हजार 585 महिला और 19 थर्डजेंडर मतदाता हैं। वाराणसी कैंटोमेंट-390 विधानसभा: 4 लाख 11 हजार 569 मतदाता हैं। इनमें 2 लाख 28 हजार 728 पुरुष, एक लाख 82 हजार 817 महिला और 24 थर्डजेंडर मतदाता हैं। सेवापुरी-391 विधानसभा : 3 लाख 27 हजार 643 मतदाता हैं। इनमें एक लाख 78 हजार 448 पुरुष, एक लाख 49 हजार 181 महिला और 14 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

ये भी देखें : शिवसेना का हिन्दुत्व, भाजपा के हिन्दुत्व से अलग: आदित्य ठाकरे

कब किसने किया प्रतिनिधित्व

वर्ष 1952, 1957 और 1962 में रघुनाथ सिंह (अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)

1967 में सत्यनारायण सिंह, अखिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

1971 में राजाराम शास्त्री, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1977 में चंद्रशेखर, भारतीय राष्ट्रीय लोकदल

1980 में कमलापति त्रिपाठी, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1984 में श्यामलाल यादव, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1989 में अनिल कुमार शास्त्री, जनता दल

1991 में शिरीष चंद्र दीक्षित, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)

1996, 1998 और 1999 में शंकर प्रसाद जायसवाल, भाजपा

2004 में डॉ. राजेश कुमार मिश्रा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

2009 में डॉ. मुरली मनोहर जोशी, भाजपा

2014 में नरेन्द्र मोदी, भाजपा



SK Gautam

SK Gautam

Next Story