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मालवा-निमाड़ में मोदी के करिश्मे और कांग्रेसी वचन की अग्नि परीक्षा
निमाड़ अंचल की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान को लेकर भाजपा की उम्मीदें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी करिश्मे पर टिकी हैं। वहीं सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस को इस कृषि प्रधान
इंदौर: निमाड़ अंचल की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान को लेकर भाजपा की उम्मीदें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी करिश्मे पर टिकी हैं। वहीं सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस को इस कृषि प्रधान क्षेत्र में नवम्बर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों का धुआंधार प्रदर्शन दोहराने के लिये किसान कर्ज माफी की वचन पूर्ति को लेकर मतदाताओं की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
विधानसभा चुनावों की छह महीने पुरानी हार के बाद भाजपा ने इस अंचल में अपने कब्जे वाली सात में से पांच लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार बदलकर चुनाव लड़ा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ माने जाने वाले मालवा-निमाड़ में भाजपा उम्मीदवारों ने इस बार खासकर राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों की पृष्ठभूमि में मोदी के नाम पर वोट मांगे हैं।
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इस कृषि प्रधान क्षेत्र में प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए बराबर यह आरोप लगाते देखे गये हैं कि 15 साल बाद सूबे की सत्ता में आयी कांग्रेस अन्नदाताओं का कर्ज माफ करने का अहम चुनावी वादा निभाने में नाकाम रही है।
कुल 230 सीटों वाली प्रदेश विधानसभा में मालवा-निमाड़ की 66 सीटें हैं। नवम्बर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को कांग्रेस के हाथों सबसे ज्यादा नुकसान इसी अंचल में हुआ था। इन चुनावों के दौरान मालवा-निमाड़ में भाजपा की सीटों की तादाद 56 से आधी घटकर 28 पर सिमट गयी थी, जबकि कांग्रेस की सीटों की संख्या नौ से चार गुना बढ़कर 35 पर पहुंच गयी थी।
उधर, कांग्रेस का कहना है कि सूबे में किसान कर्ज माफी की प्रक्रिया मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ के शपथ लेने के फौरन बाद शुरू कर दी गयी थी। किसान कर्ज माफी को लेकर शिवराज के आरोपों को खारिज करते हुए कमलनाथ ने यहां बृहस्पतिवार की रात कहा, "मुझे किसान कर्ज माफी के मामले में शिवराज से नहीं, बल्कि अपने प्रदेश के लोगों से सर्टिफिकेट चाहिये।"
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मालवा-निमाड़ अंचल में दिग्गज नेताओं के चुनाव प्रचार की बात करें, तो भाजपा की ओर से मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने किला लड़ाया है जबकि इसके विरोधी खेमे की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने मतदाताओं से समर्थन मांगते हुए रैलियां और रोड शो किये हैं।
मालवा-निमाड़ में 19 मई को होने वाले मतदान से जिन दिग्गज राजनेताओं का चुनावी भविष्य अलग-अलग सीटों पर तय होना है, उनमें कांतिलाल भूरिया (कांग्रेस), अरुण यादव (कांग्रेस), नन्द कुमार सिंह चौहान (भाजपा) और मीनाक्षी नटराजन (कांग्रेस) शामिल हैं।
वर्ष 2014 के पिछले लोकसभा चुनावों में मोदी की प्रचंड लहर पर सवार भाजपा ने मालवा-निमाड़ में सभी आठ सीटों पर विजय पताका फहराते हुए कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। हालांकि, रतलाम के भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद इस सीट पर वर्ष 2015 में हुआ उप चुनाव वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने जीता था। इससे मालवा-निमाड़ में भाजपा की सीटों की संख्या घटकर सात रह गयी थी।
इस अंचल में उम्मीदवारों की हार-जीत में किसानों के अलावा, दलित और आदिवासी तबके के मतदाता भी निर्णायक भूमिका अदा करते हैं।
(भाषा)