Moradabad News: मृतक को जिंदा बना रहे भूमाफिया, ज़मीन पर कब्जे के लिए कर रहे अजीब कारनामा

Moradabad News: मुरादाबाद के थाना मझोला के गांव डिंडोर से एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है। जिंदा को मुर्दा बनाने वाले शातिर भू माफिया अब मुर्दा को जिंदा करने लगे हैं। मुर्दे को कागजों में जिंदा बनाने के प्रयास का मामला थाना मझौला के डिंडौरा गांव का है।

Sudhir Goyal
Published on: 9 April 2023 7:05 PM IST
Moradabad News: मृतक को जिंदा बना रहे भूमाफिया, ज़मीन पर कब्जे के लिए कर रहे अजीब कारनामा
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Dead Declared as Alive and Alive as Dead person in Moradabad Majhola Village by Land Mafia

Moradabad News: मुरादाबाद के थाना मझोला के गांव डिंडोर से एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है। जिंदा को मुर्दा बनाने वाले शातिर भू माफिया अब मुर्दा को जिंदा करने लगे हैं। मुर्दे को कागजों में जिंदा बनाने के प्रयास का मामला थाना मझौला के डिंडौरा गांव का है। यहां जमीन पर कब्जा करने की नियत से 17 साल पहले के एक व्यक्ति की जमीन को जीवित दिखाकर उसके कागज बनाने का आरोप सामने आया है। पीड़िता ने अपनी खानदानी जमीन धोखाधड़ी से बेचने की आशंका जताई है। पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए इसकी शिकायत थाना मझोला को दी है।

बताया जाता है कि मझौला थाना क्षेत्र के गांव दिंडौरा के रन वाले राजेन्द्र सिंह के परिवार के साथ धोखाधड़ी का यह अजीबोगरीब मामला सामने आया है। इससे पहले भी एक बार राजेंद्र सिंह ने सीओ सिविल लाइन डॉ. अनूप सिंह से शिकायत की थी। उसका आरोप था कि उनके अंकल मनिराम का स्वर्गवास वर्ष 2006 में हो गया था। उनकी लगभग छह बीघा गांव में जमीन है, जिसपर खेती होती है। अंकल की कोई संतान नहीं थी। संतान नहीं होने के कारण उनसे संबंधित परिवार ही जमीन का वारिस बताया जाता है। इस परिवार ने आरोप लगाया कि जमीन को काशीराम नगर बी. ब्लॉक निवासी रणजीत सिंह और शिवराज ने एक फर्जी मुख्तारनामा बना लिया है। दोनों लोग बरेली के तहसील फरीदपुर के रहने वाले हैं। सीओ सिविल लाइन ने इंस्पेक्टर मझौला को दोनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था। मझोला थाने में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। पीड़ित राजेन्द्र ने बताया कि दोनों आरोपियों ने पहले भी जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार किया और जमीन का सौदा कर दिया था। जबकि उनकी चाचा की मृत्यु हुए दशक भर से ज्यादा वक़्त गुजर चुका है, फिर भी उनके नाम के कागज बना लिए गए गए हैं ।

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