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Happy Dussehra: रावण कर लेता एक यज्ञ तो भगवान राम होते पराजित, जानिए क्यों
इस तरह भगवान राम जीत गए। हालांकि, इस संदर्भ में बेहद लोगों को मालूम है कि रामायण में कुछ ऐसा भी हुआ। आज दशहरा है। ऐसे में आज देश के कई हिस्सों में रावण को जलाया जाएगा, लेकिन आपको ये मालूम है कि रावण को कई जगहों पर भगवान के रूप में पूजा भी जाता है।
लखनऊ: आज पूरे देश में दशहरे की धूम है। आज के दिन ही भगवान राम की लंकाधिपति रावण का वध किया था। यही वजह है कि आज के दिन को विजयदशमी भी कहते हैं। भारत में दशानन रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है और लंकाधिपति पर भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।
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हालांकि, ये बात बेहद लोगों को मालूम है कि अगर लंकाधिपति एक यज्ञ कर लेता तो उसकी जीत हो सकती थी। अगर आप ये जानकर हैरान हैं तो आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे। दरअसल जब लंकाधिपति युद्ध में हार रहा था और अपनी तरफ से अंतिम शेष प्राणी तो उसने यज्ञ करने का निश्चय किया।
आ सकता था तूफान
इस यज्ञ की वजह से तूफ़ान आ सकता था लेकिन यज्ञ के लिए उसको पूरे यज्ञ के दौरान एक जगह बैठना जरुरी था। ऐसे में जब इसकी जानकारी राम जी को लगी तो उन्होंने बाली पुत्र अंगद को रावण का यज्ञ में बाधा डालने के लिए भेजा। हालांकि, कई प्रयासों के बाद भी अंगद यज्ञ में बाधा डालने में सफल नहीं हुआ।
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तब अंगद इस विश्वास से रावण की पत्नी मन्दोदरी को घसीटने लगा कि रावण ये देखकर अपना स्थान छोड़ देगा लेकिन वो नहीं हिला। तब मन्दोदरी रावण के सामने चिल्लाई और उसका तिरस्कार किया और राम जी का उदाहरण देते हुए कहा की ‘एक राम है जिसने अपनी पत्नी के लिए युद्ध किया और दूसरी ओर आप हैं, जो अपनी पत्नी को बचाने के लिए अपनी जगह से नहीं हिल सकते।’ यह सुनकर अंत में रावण उस यज्ञ को पूरा किए बिना वहा से उठ गया था।
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इस तरह भगवान राम जीत गए। हालांकि, इस संदर्भ में बेहद लोगों को मालूम है कि रामायण में कुछ ऐसा भी हुआ। आज दशहरा है। ऐसे में आज देश के कई हिस्सों में रावण को जलाया जाएगा, लेकिन आपको ये मालूम है कि रावण को कई जगहों पर भगवान के रूप में पूजा भी जाता है। श्रीलंका के अलावा भारत में भी ऐसे कई हिस्से हैं, जहां उसकी पूजा है।