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यहां शादी के बाद पांच दिनों तक बिना कपड़े पहनें रहती हैं महिलाएं
हिमाचल प्रदेश के एक गांव में ये परंपरा सालों से निभाई जा रही है, जिसके अंतर्गत शादी के बाद पांच दिनों तक पति-पत्नी आपस में हंसी-मजाक भी नहीं कर सकते, इसके साथ ही नवविवाहिता को पांच दिनों तक बिना कपड़ों के रखा जाता है।
नई दिल्ली : हमारे देश में कई तरह की परंपराओं को अपनाया जाता हैं। हर राज्य की अपनी परंपरा होती है। ऐसी कई परंपराएं हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
सुनने में भले ही आपको अजीब लगे, लेकिन भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहां की शादीशुदा महिलाएं 5 दिनों तक कपड़े नहीं पहनती हैं। इन पांच दिनों में वो बिना कपड़ों के ही रहती हैं। ऐसा सालों से चलता आ रहा है और वो इस परम्परा को अभी भी निभा रही हैं।
कहां है ये गांव ?
हिमाचल प्रदेश के एक गांव में ये परंपरा सालों से निभाई जा रही है, जिसके अंतर्गत शादी के बाद पांच दिनों तक पति-पत्नी आपस में हंसी-मजाक भी नहीं कर सकते, इसके साथ ही नवविवाहिता को पांच दिनों तक बिना कपड़ों के रखा जाता है। इतना ही नहीं शादी के बाद दुल्हन को और भी अजीबो-गरीब नियमों का पालन करवाया जाता है।
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पुरुष शराब नहीं पी सकते
इस गांव में शादी के तुरंत बाद पांच दिनों तक दुल्हन बिना कपड़ों के रहती है, या फिर सिर्फ ऊन से बने पट्टू ही पहनती है, ऐसा नहीं है कि इस गांव में बंदिशें सिर्फ महिलाओं पर है, बल्कि पुरुष पर भी कुछ नियम कानून लागू होते हैं। जैसे शादी के तुरंत बाद पांच दिनों तक पुरुष भी शराब को हाथ नहीं लगा सकते।
दुल्हन की मां दूल्हे को पिलाती है शराब
हिमाचल के अलावा छत्तीसगढ में भी कई ऐसी प्रथाएं हैं, जिसे जानकर आप हैरानी से भर जाएंगे, छत्तीसगढ के कवर्धा जिले में अनोखी प्रथा के तहत बैगा-आदिवासियों के लोग शादी में दुल्हन की मां पहले दूल्हे को शराब पिलाकर रस्म की शुरुआत करती है, इसके बाद पूरा परिवार शराब का सेवन करता है और शादी का जश्न मनाता है।
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दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे को पिलाते हैं शराब
यहां दूल्हा और दुल्हन भी एक-दूसरे को शराब पिलाकर इस प्रथा को आगे बढाते हैं। इस समुदाय में सिर्फ शादी ही नहीं बल्कि किसी की मौत पर भी शराब पी जाती है, शादी का ये समुदाय बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं, बारात जब दुल्हन संग अपने गांव लौटती है, तो सबसे पहले शराब का भी शगुन होता है।
इस समुदाय के बारे में बताते हुए एक एक्सपर्ट् ने बताया कि इनकी शादियों में ना तो कोई पंडित होता है और ना कोई खास सजावट, ना दहेज ली जाती है और ना ही कुछ दिया जाता है, सिर्फ अल्कोहॉल को ही सबकुछ समझा जाता है।
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