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पाकिस्तान के इस मंदिर में नवरात्रि की पूजा करते हैं मुसलमान

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के तट पर चंद्रकूप पर्वत पर ये मंदिर बसा हुआ है। इस मंदिर में साल भर भक्त और श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां जाने का रास्ता बहुत मुश्किल है।

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Published on: 13 July 2023 5:08 PM GMT
पाकिस्तान के इस मंदिर में नवरात्रि की पूजा करते हैं मुसलमान
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पाकिस्तान के इस मंदिर में नवरात्रि की पूजा करते हैं मुसलमान

इस्लामाबाद: शारदीय नवरात्रि की धूम पूरे देश में देखने को मिल रही है। सभी रूपों में देवी मां को सजाया जा रहा है और उनकी पूजा की जा रही है। नवरात्रि के पावन पर्व पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जिसकी पूजा मुसलमान भी करते हैं और ये मंदिर पाकिस्तान में स्थित है।

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ये शक्तिपीठ कई मायनों में खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि देवी का यह मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है, जिसका नाम हिंगलाज माता मंदिर है। इस मंदिर को हिंगलाज भवानी मंदिर भी कहा जाता है। बताया जाता है कि ये मंदिर 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है।

काफी पुरानी है मंदिर की कहानी

इस मंदिर की कहानी बहुत प्राचीन है। भगवान शिव और देवी सती का विवाह हो चुका था। लेकिन देवी सती के पिता दक्ष ने भगवान शंकर का अपमान किया तो देवी सती ने आत्मदाह कर लिया। जब शंकर जी को अपनी पत्नी की मृत्यु का समाचार मिला तो वो गुस्से में भर उठे। आत्मदाह के बाद देवी के शरीर के 51 हिस्से अलग-अलग स्थानों पर गिरा।

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हिंगलाज मंदिर वहां स्थित है, जहां देवी सती का सिर गिरा था। इसलिए मंदिर में माता अपने पूरे रूप में नहीं दिखतीं, बल्कि उनका सिर्फ सिर नजर आता है। यहां पर हिंदू-मुसलमान की एकता साफ नजर आती है। यहां मुसलमान भी देवी के सामने सिर झुकाए नजर आते हैं। पाकिस्तानियों के लिए यह मंदिर नानी का मंदिर है। नानी के इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपना सिर झुकाते हैं।

रास्ता जितना मुश्किल उतना ही सुन्दर है

यहां पहुंचने का रास्ता जितना मुश्किल है, उतना ही सुन्दर भी। यह मंदिर बहुत बड़ा नहीं है लेकिन प्राचीन बहुत है। क्या भारतीय यहां दर्शन के लिए जा सकते हैं? नहीं। वहां जाने के लिए भारतीयों को पाकिस्तान सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है। अगर पासपोर्ट वीजा सबकुछ सही हो तो पाकिस्तान सरकार शायद अनुमति दे दे।

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यह शक्तिपीठ बहुत सिद्ध है और दुनियाभर के हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह भी मान्यता है कि जो भी भक्त 10 फीट लंबी अंगारों की एक सड़क पर चलते हुए माता के दर्शन करने पहुंचे, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

बलूचिस्तान में है ये मंदिर

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के तट पर चंद्रकूप पर्वत पर ये मंदिर बसा हुआ है। इस मंदिर में साल भर भक्त और श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां जाने का रास्ता बहुत मुश्किल है। मगर इसके बाद भी भक्त और श्रद्धालु यहां आते हैं। सबसे खास बाते ये है कि यहां नवरात्रों के दौरान मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में हिंदू भक्त तो आते ही हैं लेकिन मुसलमान भी आते हैं।

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