अजीबोगरीब TAX: कद्दू से लेकर टॉयलेट फ़्लश तक टैक्स, एक गलती पर जेब खाली

दुनिया में ऐसे भी कई देश हैं, जहां ऐसी चीजों या काम पर टैक्स पड़ता है, जिसे सुनकर होश उड़े तो हैरानी की बात नहीं होगी। सामान पर ज्यादा या कम टैक्स तो समझ में आता है, ले

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 11 July 2020 12:53 PM GMT
अजीबोगरीब TAX: कद्दू से लेकर टॉयलेट फ़्लश तक टैक्स, एक गलती पर जेब खाली
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लखनऊ:दुनिया में ऐसे भी कई देश हैं, जहां ऐसी चीजों या काम पर टैक्स पड़ता है, जिसे सुनकर होश उड़े तो हैरानी की बात नहीं होगी। सामान पर ज्यादा या कम टैक्स तो समझ में आता है, लेकिन अगर टैक्स में बैचलर ,टॉयलेट फ्लैश या फिर कद्दु के लिए टैक्स देना पड़े तो कोई भी हैरान हो जाएगा। दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां अजीबो-गरीब टैक्स देने पड़ते हैं। जानते हैं कुछ ऐसे ही दिलचस्प टैक्स के बारे में...

बैचलर टैक्स

वैसे तो शादीशुदा होना या न होना आपकी मर्जी है लेकिन अमेरिका के मिसौरी स्टेट में ये थोड़ा अलग है। यहां बैचलर टैक्स होता है, जो हर अविवाहित पुरुष को देना होता है। साल 1820 में शुरू हुए ये टैक्स हालांकि बहुत कम है। 21 से 50 साल के हर अविवाहित पुरुष को सालाना ये टैक्स देना होता है।देखादेखी कई देशों जैसे जर्मनी और इटली में भी बैचलर टैक्स लागू कर दिया गया था, बाद में ये हटा लिया गया।

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कद्दू टैक्स

अमेरिका के न्यू जर्सी में ये टैक्स लिया जाता है। यहां लोगों को कद्दू खरीदने के लिए भी टैक्स देना पड़ता है। लेकिन अगर कद्दू सब्जियों की दुकान से खरीदा जाए तो उसपर कोई टैक्स नहीं। वहीं अगर कद्दू पर किसी तरह की सजावट है, या कोई शेप बना हो तो उसपर टैक्स लगता है। बता दें कि कद्दू वहां पर हैलोविन त्योहार के दौरान खूब इस्तेमाल होता है, जब लोग डरावने चेहरे बनाकर एक-दूसरे को डराते हैं।

विंडो टैक्स

विंडो टैक्स यानी खिड़कियों के लिए दिया जाने वाला टैक्स। 18वीं सदी के मध्य में इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड और स्कॉटलैंड में विंडो टैक्स की शुरुआत हुई। ये एक तरह का प्रॉपर्टी टैक्स है जो इस आधार पर दिया जाता है कि घर में कितनी ज्यादा खिड़कियां हैं। ये एक तरह से अमीरों पर लगा टैक्स था जो महलनुमा घरों में रहते थे। बाद में काफी विरोध के बाद इस टैक्स को हटाना पड़ा।

टैटू टैक्स

इस टैक्स में क्लाइंट को 6 प्रतिशत सेल्स टैक्स देना होता है। इसकी शुरूआत साल 2002 में हुई। इसी तरह से एक और अजीबोगरीब टैक्स है, जिसे हैट टैक्स के नाम से जानते है। ये टैक्स ब्रिटिश सरकार ने साल 1784 से 1811 के बीच अपनी जनता के लिए लगाया था. हालांकि ये टैक्स केवल हैट लगाने वाले पुरुषों को देना होता था, महिलाओं को नहीं।

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आइस टैक्स

ऐसे ही एक टैक्स बर्फ की खरीदी पर लगाया जाता है।एरिजोना में लगाया जाने वाला ये टैक्स आइस ब्लॉक टैक्स कहलाता है। अगर आप बहुत सारी बर्फ थोक के भाव लेते हैं तो आपको उसपर टैक्स देना होगा। लेकिन मजे की बात ये है कि आइस क्यूब लेने पर ये टैक्स लागू नहीं होता है।

कायरता टैक्स

टैक्स की परंपरा में एक बेहद ही अजीब टैक्स है कायरता पर लगा टैक्स। इसे कवर्डाइस टैक्स कहते थे। 10वीं सदी में लगाया जाने वाला ये टैक्स उनपर लगाया जाता था, जो किसी भी वजह से सेना में शामिल नहीं होना चाहते थे। ऐसे लोगों को कर देना होता था ताकि उनके बदले दूसरे लोग युद्ध कर सकें और वे शांति से रहें। पहले ये टैक्स काफी कम था लेकिन बाद में बढ़ता चला गया। यही वजह है कि गरीब हालातों वाले युवकों को सेना में जाना ही पड़ता था।

पेट टैक्स

इसी तरह से एक पेट टैक्स भी है, जो पालतू जानवर रखने पर देना होता है। ये टैक्स पंजाब सरकार ने साल 2017 के आखिर में लगाया। इस टैक्स की दो श्रेणियां हैं. कुत्ते, बिल्ली, भेड़, सुअर रखने वालों को साल के 250 रुपए देने होते हैं। वहीं बड़े जानवर जैसे गाय, बैल, ऊंट, घोड़ा, भैंस या हाथी पालने वालों को सरकार को सालाना 500 रुपए टैक्स में देने होते हैं।

टॉयलेट फ़्लश टैक्स

अगर आपको टॉयलेट के फ्लश पर भी टैक्स देना पड़े तो कैसा लगेगा? अमेरिका के मैरीलैंड में कुछ ऐसा ही होता है। यहां की सरकार टॉयलेट फ्लश के उपयोग पर लोगों से प्रति महीने करीब 355 रुपये टैक्स वसूलती है। हालांकि इन पैसों को नालों की साफ-सफाई पर खर्च किया जाता है।

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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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