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ऐसा रहस्यमयी पानी: पत्थर बन जाता है छूने वाला, जानें क्या है हकीकत

उत्तरी तंजानिया की नेट्रॉन झील रहस्यमयी झीलों की लिस्ट में से एक है। माना जाता है कि इस झील के पानी को जो भी छूता है, वो पत्थर का बन जाता है। झील के आसपास ढेरों ऐसे जानवरों और पक्षियों की पत्थर की मूर्तियां दिखती हैं, जिनके पंख तक पत्थर के हैं।

Ashiki
Published on: 9 Jan 2021 7:47 PM IST
ऐसा रहस्यमयी पानी: पत्थर बन जाता है छूने वाला, जानें क्या है हकीकत
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एक ऐसा रहस्यमयी झील, इसका पानी जो भी छूता है बन जाता है पत्थर!

नई दिल्ली: बचपन में एक कहानी सबने सुनी होगी कि एक लालची आदमी था, जिसे अमीर बनने की चाह थी, उसने भगवान से एक दुआ मांगी कि वो जिस चीज को हाथ लगाए वो सोना बन जाये। हालांकि ये कहानी है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी चीजों के बारे में कल्पना की है कि अगर ऐसा कुछ हकीकत में हो तो...?

पानी को छूने वाला पत्थर बन जाता है !

तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही एक रहस्यमयी झील के बारे में। जी हां, उत्तरी तंजानिया की नेट्रॉन झील रहस्यमयी झीलों की लिस्ट में से एक है। माना जाता है कि इस झील के पानी को जो भी छूता है, वो पत्थर का बन जाता है। झील के आसपास ढेरों ऐसे जानवरों और पक्षियों की पत्थर की मूर्तियां दिखती हैं, जिनके पंख तक पत्थर के हैं। तो क्या वाकई में इस झील में कोई पारलौकिक ताकत है, जो सबको पत्थर बना देती है? आईये जानते हैं...

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File Photo

दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं

दरअसल, तंजानिया के अरुषा इलाके में बनी इस झील के दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं। आसपास पत्थर के जानवर और मूर्तियां पड़ी हैं, जिसे देखकर झील के जादुई होने की बात हकीकत लगती है, हालांकि ऐसा है नहीं। ये सबकुछ झील के रासायनिक पानी के चलते है। असल में नेट्रॉन एक अल्केलाइन झील है, जहां के पानी में सोडियम कार्बोनेट की मात्रा काफी ज्यादा है। पानी में अल्केलाइन की मात्रा अमोनिया जितनी है। ये सबकुछ वैसा है, जैसा इजिप्ट में लोग ममी को सुरक्षित करने के लिए करते थे। यही कारण है कि यहां पंक्षियों के शरीर सालों सुरक्षित रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक एक पर्यावरणविद् और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर Nick Brandt इस झील के पास गए और उसे समझने की कोशिश में काफी सारी तस्वीरें भी खींची। उन्होंने इस पर एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम 'एक्रॉस द रेवेज्ड लैंड' है। इस किताब में कई बातें बताई गई हैं जो झील के रहस्यों से परदा उठाती हैं।

File Photo

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नेट्रॉन वक अकेली अकेली झील नहीं, जो लोगों को रहस्यों में उलझाए रखे है, रवांडा की किवू झील भी इन्हीं में से है। इस झील को अफ्रीकन ग्रेट लेक्स की श्रेणी में रखा गया है। 90 किलोमीटर लंबी और 50 किलोमीटर चौड़ी इस झील के बारे में कम ही जानकारी है। इसके पानी में कार्बन डाईऑक्साइड और बड़ी मात्रा में मीथेन गैस पाई जाती है। झील के पास हल्का-सा भूकंप आने पर इसमें विस्फोट हो सकता है, जिससे आसपास बसे लाखों लोगों की जान को लगातार खतरा बना हुआ है।



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Ashiki

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