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Police Raj in India: भारत में 'पुलिस राज' कब खत्म होगा?

Police Raj in India: स्वतंत्र भारत की सरकारों ने कुछ कानून जरुर बदले हैं लेकिन अब भी पुलिसवाले चाहे जिसको गिरफ्तार कर लेते हैं।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 13 July 2022 6:39 AM GMT
Police Raj in India
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भारत में‘पुलिस राज’ (photo: social media ) 

Police Raj in India: सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार से दो-टूक शब्दों में अनुरोध किया है कि वह लोगों की अंधाधुंध गिरफ्तारी पर रोक लगाए। भारत की जेलों में बंद लगभग 5 लाख कैदियों में से लगभग 4 लाख ऐसे हैं, जिनके अपराध अभी तक सिद्ध नहीं हुए हैं। अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित नहीं किया है। उन पर मुकदमे अगले 5-10 साल तक चलते रहते हैं और उनमें से ज्यादातर लोग बरी हो जाते हैं। हमारी अदालतों में करोड़ों मामले बरसों झूलते रहते हैं और लोगों को न्याय की जगह अन्याय मिलता रहता है।

अंग्रेजों के जमाने में गुलाम भारत पर जो कानून लादे गए थे, वे अब तक चले आ रहे हैं। स्वतंत्र भारत की सरकारों ने कुछ कानून जरुर बदले हैं लेकिन अब भी पुलिसवाले चाहे जिसको गिरफ्तार कर लेते हैं। बस उसके खिलाफ एक एफआईआर लिखी होनी चाहिए जबकि कानून के अनुसार सिर्फ उन्हीं लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए जिनके अपराध पर सात साल से ज्यादा की सजा हो। याने मामूली अपराधों का संदेह होने पर किसी को पकड़कर जेल में डालने का मतलब तो यह हुआ कि देश में कानून का नहीं, पुलिस का राज है। इसी 'पुलिस राज' की कड़ी आलोचना जजों ने दो-टूक शब्दों में की है। इस 'पुलिस राज' में कई लोग निर्दोष होते हुए भी बरसों जेल में सड़ते रहते हैं।

सरकार भी इन कैदियों पर करोड़ों रुपये रोज खर्च करती रहती है। इन्हें जमानत तुरंत मिलनी चाहिए। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 कहती है कि किसी भी दोषी व्यक्ति को पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है लेकिन हमारी अदालतें कई बार कह चुकी हैं कि किसी व्यक्ति को तभी गिरफ्तार किया जाना चाहिए जबकि यह शक हो कि वह भाग खड़ा होगा या गवाहों को बिदका देगा या प्रमाणों को नष्ट करवा देगा। इस वक्त तो कई पत्रकारों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकारों के इशारे पर हमारी जेलों में ठूंस दिया जाता है। वे जब अपने मुकदमों में बरी होते हैं तो उनके यातना-काल का हर्जाना उन्हें गिरफ्तार करवानेवालों से क्यों नहीं वसूला जाता? अंग्रेजी राज के ये अत्याचारी कानून सत्ताधारियों के लिए ब्रह्मास्त्र का काम करते हैं, क्योंकि गिरफ्तार होनेवालों की बदनामी का माहौल एकदम तैयार हो जाता है। बाद में चाहे वे निर्दोष ही साबित क्यों न हो जाएं? जमानत के ऐसे कई मामले आज भी अधर में लटके हुए हैं, जिन्हें बरसों हो गए हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन में अपराध नियम

दुनिया के अन्य लोकतंत्रों जैसे अमेरिका और ब्रिटेन में अदालतें और जांच अधिकारी यह मानकर चलते हैं कि जब तक किसी का अपराध सिद्ध न हो जाए, उसे अपराधी मानकर उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और दुनिया की सबसे प्राचीन न्याय-प्रणाली हमारी ही है। हमारे कानूनों में अविलंब संशोधन होना चाहिए ताकि नागरिक स्वतंत्रता की सच्चे अर्थों में रक्षा हो सके। कानूनी संशोधन के साथ-साथ यह भी जरुरी है कि देश में से 'पुलिस राज' को अलविदा कहा जाए।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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