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अखिलेश का आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार: समीकरण दुरुस्त, सब खुश सिवाय एक के

aman
By aman
Published on: 26 Sep 2016 10:26 AM GMT
अखिलेश का आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार: समीकरण दुरुस्त, सब खुश सिवाय एक के
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ईमानदार Anurag Shukla

लखनऊ: यूपी की अखिलेश सरकार के आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार को एक शब्द में बताना हो तो वो होगा 'सबको खुश कर दित्ता'। अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में सारे समीकरण साध लिए। पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की अमिट छाप दिखी तो टीम अखिलेश को भी खूब मिला प्रमोशन।

इसके अलावा कुर्मी ब्राह्मण और मुस्लिम के साथ शिया और सुन्नी का भी समीकरण साफ दिखाई दिया। चुनाव सिर पर है। चुनाव आयोग की टीम चुनावी तैयारियों का जायजा ले रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के इस मंत्रिमंडल से काम की तो बहुत उम्मीद नहीं है पर चुनाव में जाने के लिए राजनैतिक जोड़-जुगत बैठाकर सारे कीट-कांटे दुरुस्त कर लिए गए।

40 मिनट देर से शुरू हुआ शपथ ग्रहण

तय समय से करीब 40 मिनट देर से शुरू हुआ मंत्रिमंडल विस्तार। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के गाजीपुर दौरे की वजह से देर हुई। खास बात यह रही कि शिवपाल यादव को नेताजी अपनी गाडी में बैठाकर लेकर आए। सबसे पहले मंत्रियों की कल दो कुर्सी लगी थी। अचानक पहले 6 और बाद में यह बढ़कर 10 हो गई।इसके बाद बहुत देर तक कुर्सियों पर सिर्फ 6 मंत्री ही बैठे रहे। इनमें हाजी रियाज, अभिषेक मिश्र, मनोज पांडेय, शिवाकांत ओझा, जियाउद्दीन रिजवी और गायत्री प्रजापति बैठे थे।

बाकी लोग सोफे पर थे। फिर यासिर शाह, नरेंद्र वर्मा और शंखलाल मांझी सोफों से उठकर अचानक आए। वहीं आखिरी सीट पर बहुत इंतजार के बाद सोफे से होते हुए रविदास मेहरोत्रा शपथ लेने वाली कुर्सियों पर पहुंचे। ऐसा लग रहा था कि एक-एक कर सीट कन्फर्म हो रही है और लोग उस पर बैठ रहे हैं।

सबको बनाया कैबिनेट मंत्री

आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश ने किसी को शिकायत न रह जाय की तर्ज पर सबको कैबिनेट मंत्री बना दिया। ब्राह्मणों में शिवाकांत ओझा, मनोज पांडेय की वापसी करायी तो अभिषेक मिश्र का प्रमोशन कर दिया। वहीं मुस्लिम कार्ड खेल हाजी रियाज का प्रमोशन किया गया और जियाउद्दीन रिजवी की लंबे समय से अटकी शपथ दिलाई गई। दोनों कैबिनेट मंत्री बने। इसके अलावा सीतापुर के मजबूत कुर्मी सपाई नरेंद्र वर्मा का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट और रविदास मेहरोत्रा का प्रमोशन कर उन्हें भी कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।

जल्दी में थे जियाउद्दीन

जियाउद्दीन रिजवी की शपथ पिछले कई महीने से लटकी थी। आज जैसे ही सबसे पहले उन्हें बुलाया गया तो वह बिना राज्यपाल के शुरु किए ही शपथ पढ़ने लगे। राज्यपाल ने उन्हें टोका और कहा इतनी जल्दी क्या है।

सब हंस पडे और फिर से शपथ उन्होंने पढी।

गायत्री ने फिर बटोरा हरकतों से मीडिया का ध्यान

गायत्री प्रजापति ने अपनी शपथ पढ़ने के साथ ही मुख्यमंत्री का तीन बार पैर छुआ। वहीं नीचे बैठे सपा सुप्रीमो के सामने तो वह लेट गए। 'शाष्टांग दंडवत' की मुद्रा में काफी देर रहे।

क्या बोले मुलायम?

इस मंत्रिमंडल विस्तार में मुलायम सिंह यादव की पूरी छाप दिखी। जहां पुराने सपाई नरेंद्र वर्मा का प्रमोशन हो या फिर शिवाकांत ओझा और मनोज पांडेय की वापसी। सब मुलायम का ही असर कहा जा सकता है। वहीं रविदास मेहरोत्रा समेत 8 लोग मुलायम के ही चेहेते हैं। वहीं यासिर शाह और अभिषेक मिश्रा का प्रमोशन टीम अखिलेश यादव के हिस्से की उपलब्धि कही जा सकती है। इस मौके पर मुलायम सिंह यादव ने कहा, सबको बधाई। यह पूछे जाने पर कि आप की डांट का असर हो रहा है मुलायम बोले 'अब सब अच्छा काम करेंगे।'

क्या कहा गायत्री ने?

गायत्री प्रजापति ने कहा कि उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उनके खिलाफ साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि 'नेताजी ने गरीब को मंत्री बनाया है।'

सब खुश सिवाय एक के

शिवाकांत ओझा, मनोज पांडेय और अभिषेक मिश्रा के बारे में कई तरह की चर्चाएं थी कि वह बीजेपी के संपर्क में हैं। ऐसे में इनकी वापसी और प्रमोशन ने इस चर्चा की धार को फिलहाल तो सियासी तौर पर कुंद कर दिया है। वहीं सारे समीकरण बैठाने के बाद सब खुश भी दिख रहे हैं। बस लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू निषाद जरूर दुखी होंगे। इन सारे समीकरणों को एडजस्ट होने के लिए उनकी बलि दे दी गई। उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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