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UP BJP की कमान दलित नेता को, ओम माथुर जा सकते हैं केंद्र में तो सुनील बंसल की बढ़ेगी पावर

aman
By aman
Published on: 14 April 2017 7:13 PM IST
UP BJP की कमान दलित नेता को, ओम माथुर जा सकते हैं केंद्र में तो सुनील बंसल की बढ़ेगी पावर
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UP: प्रदेश BJP की कमान दलित नेता को, ओम माथुर केंद्रीय राजनीति में, सुनील बंसल की पावर बढ़ेगी

Vijay S. Pankaj

लखनऊ: अप्रैल के तीसरे सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्य इकाई को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके लिए बीजेपी के कई दलित नेताओं के नामों पर चर्चा चल रही है। इसके साथ ही केन्द्र से लेकर उत्तर प्रदेश बीजेपी संगठन एवं सरकार में भारी बदलाव होने जा रहा है।

भुवनेश्वर में 15-16 अप्रैल को बीजेपी की होने वाली कार्यसमिति के बाद बदलाव की तैयारियां तेज हो जाएंगी। इसी माह केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव होना है।

ओम माथुर जा सकते हैं केंद्र

उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। इससे सह प्रभारी सुनील बंसल को और ताकत मिलेगी। बीजेपी ने साल 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में सुनील बंसल की रणनीति से ही लड़ने का मन बनाया है। यही वजह है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के लिए ऐसे अध्यक्ष की तलाश की जा रही है, जो सुनील बंसल से अच्छा तालमेल बिठाकर काम कर सकें।

उदित राज चर्चा में, लेकिन है पेच

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के लिए दलित वर्ग के नेताओं में अभी जिन नामों पर चर्चा चल रही है, उसमें आगरा से सांसद रमाशंकर कठेरिया तथा दिल्ली से सांसद उदित राज का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। उदित राज केन्द्र में अधिकारी होने के साथ ही दलित समाज की चेतना जगाने के अभियान में काफी सक्रिय होने के बाद बीजेपी में आए हैं। वह बीजेपी तथा संघ की रीति-नीति से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं हैं। उनके स्वभाव को देखते हुए माना जा रहा है कि सुनील बंसल से उनका तालमेल बिठाना कठिन होगा।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें विजय शंकर पंकज की पूरी विवेचना...

हर दृष्टिकोण से कठेरिया फिट, लेकिन..

इसके विपरीत रमाशंकर कठेरिया संघ पृष्ठिभूमि के हैं और सांगठनिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहे हैं। केन्द्र में मंत्री होने के कारण प्रदेश के दलित वर्ग में उनकी पैठ अच्छी मानी जा रही है। युवा एवं सक्रियता रमाशंकर कठेरिया को प्रदेश बीजेपी के लिए स्वाभाविक तौर पर उन्हें सबल देती है। इसके साथ ही विजय सोनकर शास्त्री, विनोद सोनकर तथा विद्यासागर सोनकर के भी नाम भी अध्यक्ष पद के पैनल में है।

कलराज बनाए जाएंगे राज्यपाल

केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव में यूपी के ब्राह्मण चेहरा कलराज मिश्र को हटाने की चर्चा है। परंतु उसकी भरपाई के लिए शीघ्र ही उन्हें राज्यपाल भी बनाया जाएगा। प्रदेश में कलराज मिश्र की बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी लॉबी है।

पंकज सिंह को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

कलराज की कमी को पूरी करने के लिए प्रदेश से किसी बड़े ब्राह्मण चेहरे को सरकार एवं संगठन में तरजीह दी जाएगी। इसमें शिवप्रताप शुक्ल को सरकार से संगठन में जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जानी है। केंद्रीय संगठन के मंत्री एवं प्रभारी महेन्द्र सिंह राज्य की योगी सरकार में मंत्री बन गए हैं, उनके स्थान पर दयाशंकर सिंह को केंद्रीय टीम में लिए जाने की चर्चा है।

जातीय समीकरण का खास ख्याल

राज्य इकाई से स्वतंत्र देव सिंह की जगह पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह के पुत्र अनुराग सिंह को भी राज्य संगठन में शामिल किए जाने की संभावना है। केन्द्र एवं राज्य संगठन में प्रदेश से एक दर्जन से नए चेहरे शामिल किए जाने हैं। नई इकाई में महिलाओं के साथ ही जातीय समीकरण में अति पिछड़ा एवं अति दलित को तरजीह दी जाएगी।

मोदी-शाह खास नजर दलित वर्ग पर

प्रदेश में बीजेपी के सवर्ण नेताओं के बाद अति पिछड़े वर्ग को अपने पाले में लाने के बाद मोदी-अमित शाह की जोड़ी देश भर में दलित वर्ग को अपने पाले में लाने की तैयारी कर रही है। इसमें सबसे बड़ा दांव उत्तर प्रदेश में खेला जा रहा है। अम्बेडकर जयंती में बीजेपी ने पहली बार जिस प्रकार पूरे देश में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया तथा 6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस से लेकर 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती तक निचले स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किया, यह उसी का नतीजा है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले विकास कार्यों तथा अन्य कल्याणकारी कार्याें के साथ ही बीजेपी देश के जातीय एवं सामाजिक समीकरण के हर कील-कांटे को दुरुस्त कर अपनी तैयारी पूरी करना चाहती है।



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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