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कन्हैया को लेकर सियासी बवाल, BJP और शिवसेना में ठनी
Vinay Yaduvanshi
लखनऊ: जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ विमान में हुई तथाकथित घटना को लेकर सियासत में उबाल आ गया है। एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। जिसे लेकर भाजपा और शिवसेना में ठन गई है।
दोनों दलों में महाराष्ट्र से शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर यूपी तक आ पहुंचा है। शिवसेना के प्रदेश प्रमुख भारतनाथ शुक्ला ने पार्टी पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान का समर्थन करते हुए बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। शुक्ला ने कहा कि कन्हैया के बयान राष्ट्रद्रोही नहींं हैं। उसका कृत्य गुंडई हो सकता है लेकिन गद्ददारी नहीं। हमने भी कन्हैया का पुतला फूंका था। बाद में पता चला कि वह उसका बयान नहीं था। उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई है। उसे गद्दार नहीं कहा जा सकता।
शुक्ला ने पूछे सवाल
शुक्ला के मुताबिक कुछ सियासी लोग मामले को लेकर राजनीति कर रहे हैं। शुक्ला ने बीजेपी से सवाल पूछा है कि 1999 में पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने लाहौर बस यात्रा की शुरुआत की। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने 2002 में पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाई थी। इसे क्या कहा जाएगा। सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच चल रही है। क्या पंडित दीनदयाल उपाध्याय की हत्या का पता लगाना जरूरी नहीं है।
इसके जवाब में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विजयबहादुर पाठक ने कहा कि कुछ लोग बयान देने के आदी हो चुके हैं। उनपर हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी। किसी पर भी हमला उचित नहीं है। विचारों की अभिव्यक्ति सभी को है। परंतु इस मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी की भावनाएं आहत न हों।
क्या है मामला
बीते रविवार को कन्हैया एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने मुंबई से पुणे जा रहे थे। कन्हैया ने जेट एयरवेज के विमान में हमला होने का आरोप लगाया था। कन्हैया ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि एक बार फिर विमान में उन पर एक यात्री ने हमला किया। उस यात्री ने उनका गला दबाकर मारने की कोशिश की। कन्हैया ने दूसरे ट्वीट में कहा कि जेट एयरवेज के स्टाफ ने हमला करनेवाले शख्स के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इंकार कर दिया।
कन्हैया ने ट्वीट कर लिखा
कन्हैया ने ट्वीट में लिखा हमला करने वाले युवक का नाम मनस देका है और वह बीजेपी का समर्थक है। उन्होंने आगे लिखा कि क्या मतभेदों से लड़ने के लिए आपके पास सिर्फ हमला करने का ही हथियार है? इस मामले को लेकर सियासी बवाल मच गया है। इधर ज्वाइंट कमिश्नर देवेन भारती के मुताबिक जिस आदमी पर हमले का आरोप लगाया गया है वह कन्हैया को जानता तक नहीं।
विमान में पैर से धक्का लगने के कारण दोनों में कहासुनी हुई थी। जांच में पता चला कि कन्हैया द्वारा गला दबाने का आरोप गलत है। जिस आदमी पर हमले का आरोप लगाया गया है उसने भी शिकायत की है कि कन्हैया के साथियों ने उसे कोलकाता में देख लेने की धमकी दी है।
कन्हैया के बहाने बीजेपी पर हमला
केंद्र और महाराष्ट्र में मिलकर सरकार चला रहे बीजेपी-शिवसेना के रिश्तों में कई दिनों से खटास चल रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कन्हैया के साथ हुई घटना को आधार बनाते हुए बीजेपी पर हमला बोला। उद्धव ने कहा है कि कन्हैया के साथ हुआ हादसा भाजपा की स्टंटबाजी है।
उद्धव यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि कन्हैया का गला दबाया गया। लेकिन पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के लिए क्या भारत सरकार ने पाकिस्तान का गला दबाने की हिम्मत दिखाई। भारत माता की जय न बोलने वाले औवेसी का गला दबाने ये लोग आगे नहीं आएंगे।
इधर शिवसेना के तेवर से नाराज भाजपा ने उद्धव को कन्हैया व उसके साथियों को शाखा प्रमुख बनाने की सलाह दी है। महाराष्ट्र में भाजपा विधायक गिरीश व्यास ने कहा कि अब बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं रही। आतंकवादियों की जय-जयकार करने वालों का समर्थन करने की नौबत शिवसेना पर आ गई है, तो शिवसेना को आत्ममंथन करना चाहिए। कन्हैया का विचार को उद्धव इतना पसंद आया है तो कन्हैया व उनके साथियों को पार्टी का शाखा प्रमुख बना दें। इससे कन्हैया व उसके साथियों का राष्ट्रप्रेम जनता को भी पता चल सकेगा।