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दयाशंकर ने BSP को जो दिया उसे पार्टी के नेताओं ने एक झटके में गंवाया

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Published on: 22 July 2016 5:17 PM IST
दयाशंकर ने BSP को जो दिया उसे पार्टी के नेताओं ने एक झटके में गंवाया
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vinod kapur Vinod Kapur

लखनऊः मायावती को अपशब्द कहने पर राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठा कि दयाशंकर सिंह थे किसके? बीजेपी के या बीएसपी के? काम तो उन्होंने बीएसपी का कर दिया और बीजेपी का काम लगा दिया। दलितों के 'हिन्दू' होने से रोकने की कोशिश में बीएसपी को पसीना आ रहा था लेकिन दयाशंकर ने एक झटके में बीएसपी की कोशिशों को अंजाम तक पहुंचा दिया था ।

लेकिन दयाशंकर के किए पर बसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे यूपी में अभद्र प्रदर्शन और बदले में और भद्दी गालियां दे दयाशंकर के किए कराए पर पानी फेर दिया। बसपा का प्रदर्शन मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के साथ महिलाओं के सम्मान के नाम पर भी था, लेकिन गुरुवार को राजधानी के व्यस्ततम इलाके हजरतगंज में महिलाओं के सम्मान के नाम पर हुआ क्या? यूपी बीजेपी के नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया तो बहन जी ने इसे देश की तमाम महिलाओं का अपमान बता दिया। लेकिन खुद बहन जी और उनकी पार्टी के नेताओं ने जिस तरह दयाशंकर की मां-बहन के लिए अपशब्द बोले, उससे किसका अपमान हुआ?

क्या दयाशंकर के परिवार की महिलाएं स्त्री नहीं हैं? दयाशंकर ने तो माफी भी मांगी। बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त भी किया, लेकिन मायावती ने महिलाओं के लिए अपशब्द बोलनेवाले नेताओं के खिलाफ क्या किया? दरअसल इस शर्मनाक प्रकरण में न तो बसपा का कुछ बिगडा न मायावती, अगर किसी को अपमानित और लांक्षित होना पडा तो वह हैं इस देश की महिला। महिलाओं के नाम पर गाली देना पुरूषवादी सोच हो सकती है ।लेकिन जब महिलाएं भी महिलाओं के नाम पर गाली दें तो इसे क्या कहेंगे? मायावती को गाली की सबने निंदा की, लेकिन दयाशंकर के परिवार की महिलाओं को बसपावालों ने गाली दी तो सबके मुंह पर ताला क्यों लग गया? सच तो यह है कि महिलाओं के सम्मान की चिंता किसी को नहीं है, चिंता है वोटों की।

इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती का बयान तो और शर्मनाक था जब उन्होंने कहा दयाशंकर के परिवार को एहसास दिलाने के लिए उनके पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गालियां दी। सवाल ये कि गालियां एहसास दिलाने का सही तरीका कैसे हो सकती है? क्या दयाशंकर की पत्नी स्वाति के इस सवाल से मायावती का दिल नहीं पसीजा जब उन्होंनें कहा कि मायावती और बसपा के नेता बताए कि मुझे या मेरी बेटी को कहां पेश होना है और वे हमारे साथ क्या सलूक करने वाले हैं।

मायावती ने कहा था कि दयाशंकर के खिलाफ यदि बीजेपी एफआईआर कराती तो उन्हें खुशी होती। मायावती और उनकी पार्टी के कुछ नेताओं पर स्वाति और दयाशंकर की मां ने एफआई आर दर्ज कराई है। क्या अच्छा नहीं होता कि अपनी पार्टी के नेताओं पर मायावती मुकदमा दर्ज करातीं। दयाशंकर की गलती से बसपा ने जो कुछ पाया था उसे उनके नेताओं ने अभद्र बयानबाजी कर खो दिया। अब गालियों की पूरी सहानुभूति मायावती के पास नहीं बल्कि दयाशंकर के परिवार उनकी पत्नी और बेटी के साथ है।

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