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संपत्ति जुटाने का 'लालू तरीका', कोई प्यार से तो कोई खूबसूरती पर उन्हें देते हैं गिफ्ट
vinod kapoor
पटना: चारा घोटाले में सजा पाने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नई सीख मिली है। उन्होंने अब संपत्ति बनाने का दूसरा रास्ता अख्तियार किया है जिसमें कंपनी कानून की खामियां उनकी मदद करती हैं। चारा घोटाले में नाम आने और जेल जाने के बाद लालू ने कमाई का दूसरा रास्ता अपनाया है।
इस बार लालू का नाम नए तरह के मामले में सामने आया है। उन्होंने 'मदद के बदले मदद' का तरीका अपनाया, जिसका खुलासा धीरे-धीरे हो रहा है। लालू का सामाजिक न्याय उनके परिवार से शुरू होता है और वहीं खत्म भी हो जाता है। दिलचस्प है, कि ये सभी खुलासे उस वक्त हो रहे हैं जब राज्य में उनकी पार्टी सरकार में बड़ी सहयोगी है। बिहार के सीएम भले ही नीतीश कुमार हैं लेकिन लालू यादव के एक बेटे उपमुख्यमंत्री हैं जबकि दूसरा स्वास्थ्य मंत्री, जिसके स्वास्थ्य के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है।
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संपत्ति विवाद से सुर्ख़ियों में
यदि राज्य में बीजेपी की सरकार होती जो ये माना जा सकता था कि लालू प्रसाद को कानूनी उलझनों में डालने की साजिश की जा रही है लेकिन ऐसा है नहीं। महीने दो महीने से लगातार लालू प्रसाद और उनका परिवार जमीन, मकान और संपत्ति को लेकर लगातार चर्चा में है।
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मिट्टी घोटाले से हुई थी शुरुआत
इस चर्चे की शुरुआत हुई थी 90 लाख रुपए के मिट्टी घोटाले से। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर्यटन मंत्री भी हैं। उन्होंने बिहार के बन रहे सबसे बड़े मॉल की खुदाई से निकली मिट्टी को 90 लाख रुपए में बिना टेंडर के खरीदा और उसे पटना के जू में डलवा दिया। जब इस मिट्टी घोटाले की चर्चा हुई तो ये बात सामने आई कि उस मॉल की जमीन भी लालू प्रसाद के बेटों और बेटी के नाम है। इसके बाद तो जैसे पूरी कहानी परत दर परत खुलती गई। आखिरकार ये पता चला कि कैसे कंपनी कानून की खामियों का फायदा उठाकर लालू ने ये जमीन अपने परिवार के सदस्यों के नाम की। इसी तरह दक्षिणी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में एक बड़ी और कीमती जमीन उनके नाम की गई।
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संपत्ति ले रघुनाथ झा को बनाया था केंद्रीय मंत्री
ताजा मामला, लालू की पार्टी के दो पूर्व सांसदों और मनमोहन सिंह की 2004 से 2014 तक की सरकार में मंत्री बने नेताओं से जुड़ा है, जिसमें मदद के बदले मदद ली गई जिसे उपहार कहा जा रहा है। बिहार बीजेपी के नेता और उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि 'राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उपहार स्वरूप बेशकीमती जमीन और मकान लेकर पार्टी के कोटे से रघुनाथ झा को केंद्रीय मंत्री बनवाया था। रघुनाथ झा से गोपालगंज में करीब 20 लाख रुपए का अपना छः कठ्ठा 18 धुर जमीन, जिसका वर्तमान मूल्य करीब 15 करोड़ रुपए है, तीन मंजिला मकान के साथ अपने दोनों पुत्रों तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम उपहार स्वरूप लिखवाकर उन्हें केंद्र में भारी उद्योग राज्य मंत्री बनवाया था।' सुशील मोदी ने इसके दस्तावेज भी पेश किए हैं ।
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2005 से शुरू है लालू का खेल
सुशील मोदी कहते हैं कि 1999 से 2004 तक गोपालगंज से जदयू के सांसद रहे रघुनाथ झा ने वर्ष 2004 में बेतिया सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा अपना उक्त बेशकीमती भूखंड और तीन मंजिला उपहार स्वरूप लालू के दोनों पुत्रों को दिया, जिसके एवज में वह वर्ष 2005 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग-1 सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान राजद कोटे से भारी उद्योग राज्य बनाए गए।
'जेडीयू के वक़्त ये 'प्रेम' क्यों नहीं दिखाया'
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता का कहना है कि 'रघुनाथ झा अगर दान करते रहे हैं तो वह किसी अन्य मठ, मंदिर अथवा किसी अन्य को उपहार स्वरूप कोई भूखंड देने का अन्य उदाहरण पेश करें।' उन्होंने रघुनाथ झा से पूछा कि 'लंबे समय तक जदयू सांसद रहते हुए उन्होंने अपनी पार्टी या उसके संयोजक जार्ज फर्नांडिस के लिए ऐसा कुछ क्यों नहीं किया। जबकि राजद में शामिल होने के एक साल के भीतर ही उन्होंने लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों को प्रेमवश अपनी बेशकीमती जमीन और मकान उपहार स्वरूप भेंट कर दी।'
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ये कहा रघुनाथ ने
रघुनाथ झा ने डीड में कहा है कि 'ऐसा उन्होंने यह भेंट पाने वालों की निष्ठापूवर्क सेवा करते रहने, उनके सगे पुत्र की तरह उनके पीछे खड़े रहने तथा उनकी वफादारी के साथ सेवा से प्रसन्न होकर कर रहे हैं।'
...नहीं तो बीजेपी करेगी खुलासा
सुशील मोदी ने लालू प्रसाद पर अपने परिवार के सदस्यों के नाम बिना जमीन लिखवाए किसी का कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया है। कहा, कि 'लालू यह खुलासा करें कि उन्होंने इस प्रकार का उपहार पाकर किन-किन को चुनाव में टिकट बांटे और मंत्री बनाए नहीं तो बीजेपी इसका खुलासा करेगी।'
अब कांति सिंह ने दिया उपहार
दूसरा मामला, राजद की आरा से सांसद रहीं कांति सिंह का है। जिन्होंने मंत्री बनने के एवज में पटना से सटे दानापुर में अपनी 30 कठ्ठा जमीन और उस पर बने मकान को लालू प्रसाद यादव को 99 साल के लीज पर दिया है। कांति सिंह के साथ लालू प्रसाद यादव के संबंध एक समय चर्चा में रहे थे। लोग चटकारे लेकर इस संबंध का जिक्र किया करते थे। चारा घोटाला में जब लालू प्रसाद की गिरफ्तारी हुई थी, तब कांति सिंह उनसे पटना के आदर्श कारागार में रोज मिलने जाया करती थीं।
लालू सुंदर हैं, इसलिए मिलता है गिफ्ट
बिहार के पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी कहते हैं 'लालू सुंदर हैं, लोगों को अच्छे लगते हैं। ऐसे में लोग उन्हें गिफ्ट देते हैं तो इसमें किसी को क्या ऐतराज है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारा तो दुर्भाग्य है कि हमें कोई गिफ्ट देने लायक नहीं समझता है।' राजद के प्रवक्ता मनोज झा का कहना है कि लालू प्रसाद बेईमान नहीं हैं, इसलिए डीड सहित सब कुछ उनके नाम से है।