×

विधानसभा चुनाव में मथुरा कांड बनेगा सपा के लिए गले की फांस

By
Published on: 4 Jun 2016 6:01 PM IST
विधानसभा चुनाव में मथुरा कांड बनेगा सपा के लिए गले की फांस
X

vinod kapoor vinod kapoor

मथुरा कांड को लेकर सपा सरकार कठघरे में है तो पूरा विपक्ष आक्रामक मुद्रा में। सरकार को इसकी उम्मीद नहीं थी। विधानसभा चुनाव के पहले बैठे-बिठाए विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।

सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पश्चिमी यूपी में 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पिछले साल हुए दादरी कांड के बाद अब मथुरा कांड ने अखिलेश सरकार के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है। ये ऐसी घटना है जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। दादरी में गाय के मांस को लेकर अखलाक की पीट-पीटकर की गई हत्या के बाद मथुरा कांड भी पूरे देश में गूंज रहा है। विधानसभा चुनाव में अब ये मुद्दा भी पूरी गंभीरता से जुड़ेगा।

कानून-व्यवस्था में गिरावट को लेकर कांग्रेस, बीजेपी और बसपा के आक्रमण का सामना सपा सरकार कैसे करेगी, ये देखने वाली बात होगी। ये मसला इसलिए भी पेंचीदा है कि रामबृक्ष यादव का अराजक संगठन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और बाबा जय गुरुदेव का नाम लेता रहा है।

अराजक संगठन की मांगें भी अराजक ही थी। मांग में सोने का सिक्का चलाने, पेट्रोल की कीमत 1 रुपए प्रति लीटर करने जैसी मांगें मानी गई हैं। सपा सरकार के सामने मुसीबत ये कि इसके समर्थक गरीब और पिछड़ी जाति से आते हैं जो सपा का खास वोट बैंक रहा है। सपा सरकार की चिंता ये कि प्रशासनिक और पुलिस की विफलता सरकार के विकास के एजेंडे को पीछे नहीं धकेल दे।

कांड की सीबीआई जांच की मांग

बीजेपी और बसपा दोनों मथुरा कांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने इस कांड को दाल में कुछ काला बताते हुए सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट के किसी वर्तमान जज की निगरानी में जांच की मांग की है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इसमें सपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव की सीधी संलिप्तता बताते हैं और सीएम अखिलेश यादव से उनका इस्तीफा लेने की मांग करते हैं।

यूपी आए अमित शाह ने कहा कि यदि अखिलेश यादव को चाचा-भतीजे का रिश्ता रखना है तो जनता से नाता तोड़ लें। इस मामले में जो खबरें छन-छनकर आ रही हैं उसमें शिवपाल यादव के मथुरा के अफसरों के संपर्क में होने की बात सामने आ रही है। वो कहते थे कि कब्जा करने वालों पर कोई सख्ती न की जाए। एक दिन ये लोग खुद ही चले जाएंगे।

रामवृक्ष यादव और समाजवादी पार्टी के बीच संबंध धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। एक वर्ष पूर्व हुई रामवृक्ष यादव की बेटी की शादी में कई सपा नेता और मंत्री आए थे। वहीं सपा सरकार की तरफ से रामवृक्ष यादव को लोकतांत्रिक सेनानी पेंशन भी दी जाती है।

वो गाजीपुर के मरदह थाना क्षेत्र के ग्राम सभा रायपुर बागपुर का रहने वाला है। इमरजेंसी के दौरान रामवृक्ष यादव जेल गया था। उसे गाजीपुर से ही पेंशन मिलती है। पिछले वर्ष मथुरा के हिंसक जवाहर बाग़ में हुई रामवृक्ष यादव की छोटी बेटी की शादी में सपा सरकार के एक कद्दावर मंत्री समेत कई मंत्रियो ने शिरकत की थी।

जवाहर बाग में अक्सर कई सपा नेता रामवृक्ष से मिलने आया करते थे। 15 फरवरी 2015 को मथुरा के डीएम ने सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। गृह सचिव को भेजी रिपोर्ट में कब्जेधारियों के पास अवैध असलहे होने की बात कही थी।

हालांकि शिवपाल यादव विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। उनका कहना है कि विपक्ष की मांग पर उन्हें हैरानी हो रही है। लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा है कि जवाहर बाग में रहने वाले पांच-छह हजार लोगों के लिए राशन-पानी और हथियारों के लिए पैसे कौन दे रहा था। शिवपाल इस मामले में बीजेपी को ही दोषी ठहराते हुए कहते हैं कि मथुरा की साजिश मध्यप्रदेश में रची गई थी।

ये कांड देर तक और दूर तक गूंजता रहेगा। सीएम लगातार विकास के एजेंडे के साथ चुनाव में जाने का दावा कर रहे हैं। वो विकास के मामले में राजधानी में मेट्रो, आगरा एक्सप्रेस वे, चकगंजरिया में आईटी प्रेाजेक्ट की बात करते रहे हैं लेकिन ये कांड उनके किए कराए पर पानी फेर दे सकता है।

कानून-व्यवस्था में गिरावट सपा सरकार में हमेशा से विपक्ष के पास एक मुद्दे के तौर पर रहा है। सपा की इसके पहले की सरकार में पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता ने सीओ राजेश साहनी को अपनी जीप के बोनट पर मीलों घसीटा था। इसके बावजूद उस कार्यकर्ता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

Next Story