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अशांत घाटी के लिए मोदी सरकार और सेना का सख्त संदेश, अब जड़ पर हमला
vinod kapoor
लखनऊ: जम्मू-कश्मीर के लगातार बिगड़ते हालात के बाद सेना प्रमुख विपिन रावत के 28 मई को आए बयान के बाद अब साफ हो गया है कि केंद्र की मोदी सरकार अब इस स्थिति को ज्यादा दिन तक सहन करने के मूड में नहीं है।
बंटवारे के बाद से ही कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास और विवाद का मुद्दा रहा है। साल 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनी तो कश्मीर नीति पर सख्ती के संकेत मिले थे लेकिन पिछले कुछ महीने में कश्मीर के हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। पत्थरबाजी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में मोदी सरकार की कश्मीर नीति को लेकर भी विपक्षी खेमे सवाल उठाने लगे हैं जिसके बाद मोदी सरकार और सेना की तरफ से कश्मीर को लेकर सख्त रणनीति के संकेत मिल रहे हैं।
..वो पत्थर की जगह हथियार चलाएं
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पहली बार सीधे तौर पर कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर अटैक किया। उन्होंने पत्थरबाजों को सीधे चुनौती देते हुए कहा, कि 'वो पत्थर की जगह हथियार चलाएं, ताकि मैं यानि सेना जो करना चाहे कर सके।' उनका साफ इशारा था कि तुम पत्थर की जगह गन उठाओ और फिर देखो सेना क्या करती है।
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'मैं अपने जवानों को मरने नहीं दे सकता'
रावत ने कहा, कि 'जब पत्थर और बम फेंके जाएंगे तो मैं अपने जवानों से केवल इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता।' उन्होंने पत्थरबाजों से निपटने के लिए मानव ढाल बनाने के कदम को भी सही ठहराया था। बता दें, कि बीते दिनों कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई का सेना ने सम्मान किया। सेना ने अपने इस कदम से न सिर्फ पत्थरबाजों के इरादों को पस्त करने की दिशा में एक कदम उठाया बल्कि जवानों का भी हौसला बढ़ाया।
उमर फयाज की शहादत को सलाम
गोगोई के अलावा कश्मीर निवासी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की शहादत के बाद घाटी के नौजवानों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई। सेना ने घाटी में एक स्कूल का नाम बदलकर शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज के नाम पर रखा, साथ ही उनके परिवार को 75 लाख रुपए का चेक दिया गया।
सब्जार को सेना ने किया ढेर
सेना ने जून, 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के 'पोस्टर ब्वॉय' और टॉप कमांडर बुरहान वानी को ढेर कर दिया था। इससे घाटी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। पत्थरबाजी की घटनाओं में भी तेजी आई थी। वानी के बाद अब 27 मई को त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट को भी सेना ने मार गिराया। सब्जार, बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था और उसे बुरहान के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता था। प्यार में असफल होने के बाद भट आतंकवादी बन गया था। लड़की के माता-पिता किसी बेरोजगार युवक के हाथ अपनी बेटी को सौंपने को तैयार नहीं थे। इसी असफलता ने भट को आतंकवादी बना दिया और बुरहान के बाद वो आतंकवाद का पोस्टर ब्वॉय बन गया।
भारत ने किया 'दूसरा' सर्जिकल स्ट्राइक
सेना ने सीमा पार से पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। सितम्बर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब भारतीय सेना ने एलओसी के पास पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त कर दिया। इन बंकरों के जरिए पाकिस्तानी आर्मी आतंकवादियों को कवर देती है। सेना ने इस अटैक का वीडियो भी जारी किया, जिससे पाकिस्तान को सख्ती का संकेत मिल सके। हालांकि, पाकिस्तान ने इसे गलत बताया और अपनी ओर से एक फर्जी वीडियो जारी किया लेकिन उसकी पोल दूसरे दिन ही खुल गई। पाकिस्तानी वीडियो में जिस जगह का जिक्र किया गया वहां भारत की कोई चौकी नहीं है ।
स्टिंग में हुर्रियत नेता ने कबूली फंडिंग की बात
हाल ही में एक खबरिया चैनल ने 'ऑपरेशन हुर्रियत' के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इस ऑपरेशन में हुर्रियत के नेता कैमरे पर पत्थरबाजों को पाकिस्तान से फंडिंग की बात कबूलते हुए नजर आए थे। ऐसे नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
केंद्र का रुख भी सख्त
केंद्र सरकार ने पिछले अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कश्मीर में हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए वो अलगाववादियों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी। केंद्र सरकार मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से बातचीत करने के लिए तैयार है। राजनाथ सिंह ने भी कहा, कि 'कश्मीर समस्या पर किसी के साथ किसी शर्त के साथ बातचीत नहीं की जाएगी।
मोदी सरकार का 'मिशन कश्मीर'
पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही मोदी सरकार कश्मीर में रोजगार को बढ़ावा देकर वहां के हालात पर काबू करने की योजना पर काम करती दिख रही है। हाल ही में पीएम मोदी ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर देश की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन किया था। इसके अलावा चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाया जा रहा है। इसकी ऊंचाई एफिल टावर से करीब 35 मीटर अधिक होगी। 2019 तक इसके तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस टनल और पुल की मदद से सैलानियों का कश्मीर जाना बेहद आसान हो जाएगा।
पत्थरबाजों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास
कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को नौजवान अंजाम देते हैं। हाल ही में वहां के स्कूली छात्र-छात्राएं भी पत्थरबाजी करते नजर आए। ऐसे में सरकार उन्हें रोजगार देकर मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसका परिणाम भी देखने को मिला। वहां हुई सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में बड़ी संख्या में नौजवानों ने हिस्सा लिया।