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क्या चुनाव जीतने का हिट फॉर्मूला बना स्लोगन, 'विकास पागल हो गया' करेगा कमाल?

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By aman
Published on: 11 Oct 2017 1:41 PM IST
क्या चुनाव जीतने का हिट फॉर्मूला बना स्लोगन, विकास पागल हो गया करेगा कमाल?
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इंटरनेशनल

 लखनऊ: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में गढे गए नारे 'चाय पर चर्चा' के बाद अन्य चुनावों में किसी न किसी एक हिट नारे की जैसे बाढ सी आ गई। बिहार विधानसभा के चुनाव में 'अबकी बार फिर नीतिशे कुमार' हो या इस साल यूपी के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का नारा 'काम बोलता है' हो। इसके बाद अब बारी है आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव की। इसमें कांग्रेस का नारा 'विकास पगला गया है' खूब हिट हो रहा है। जरूरी नहीं हर बार हिट हो ये फार्मूला हिट नारे चुनाव में पार्टी के भी 'हिट' हो जाने की गारंटी नहीं होते। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा के 2014 चुनाव में 'चाय पर चर्चा' के बाद बिहार में 'अबकी बार फिर नीतिशे कुमार' के नारे दिए थे। इन दोनों चुनावों में पार्टियों ने सफलता भी हासिल की। लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में 'काम बोलता है' और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद 'यूपी को ये साथ पसंद है' रास नहीं आया। यूपी के मतदाताओं को सपा और कांग्रेस का साथ नहीं पसंद आया। ऐसे वायरल हुआ 'विकास पागल हो गया है' अब गुजरात में कांग्रेस के नए नारे 'विकास पगला गया है' की खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, 'विकास पागल हो गया है' नारा एक गुजराती युवक सागर ने एक सरकारी बस की बुरी हालत के लिए लिखा था। उसने बस पर ही इस नारे को लिख दिया था कि विकास पागल हो गया है। इसके बाद ये सोशल मीडिया में वायरल हो गया। कांग्रेस को चुनाव में ये नारा मुफीद लगा और पार्टी ने इस नारे को लपक लिया। राम्या ने थामी डिजिटल कैंपेन की कमान इस नारे के साथ राहुल गांधी खासकर गुजरात में काफी एक्टिव हो गए हैं। वे जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की विफल नीतियों को बता रहे हैं। इधर, उनकी हर गतिविधि को उनकी डिजिटल टीम सोशल मीडिया पर बेहतरीन तरीके से प्रमोट कर रही है। इस डिजिटल कैंपेन की कमान संभाल रही हैं दिव्या स्पंदना। जिन्हें ज्यादातर लोग साउथ फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस राम्या के नाम से जानते हैं। कौन हैं राम्या? साल 2012 में साउथ फिल्म इंडस्ट्री की 34 वर्षीय एक्ट्रेस दिव्या स्पंदना उर्फ राम्या ने कांग्रेस का दामन थामा था। राम्या ने कर्नाटक की मंड्या संसदीय क्षेत्र से 2013 में उपचुनाव जीता था। लेकिन 2014 की मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राम्या के कमान संभालते ही सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएेप पर कांग्रेस को अपने पक्ष में अच्छा खास बदलाव देखने को मिल रहा है। विकास पागल हो गया है, को लेकर ही कांग्रेस की डिजिटल विंग ने कैंपेन चलाया, जो काफी वायरल हो रहा है। इस बार पॉलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट को नहीं दी जिम्मेदारी अब वायरल हो रहे ऐसे ट्वीट् और फेसबुक पोस्ट्स ने विरोधियों को बीजेपी पर निशाना साधने के लिए अच्छा मौका दे दिया। गुजरात का दौरा कर रहे राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए 'विकास पागल...' का ही सहारा ले रहे हैं। राहुल ने इस बार चुनाव की कमान किसी पेशेवर रणनीतिकार को, प्रशांत किशोर या किसी अन्य को नहीं दी है बल्कि पार्टी के लोग ही इसे देख रहे हैं। देखना ये है कि राहुल की सक्रियता और विकास पागल हो गया जैसा हिट नारा क्या गुजरात में कांग्रेस की किस्मत बदलने में कामयाब होंगे?कांग्रेस पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता से बाहर है। vinod kapoor

लखनऊ: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में गढे गए नारे 'चाय पर चर्चा' के बाद अन्य चुनावों में किसी न किसी एक हिट नारे की जैसे बाढ सी आ गई।

बिहार विधानसभा के चुनाव में 'अबकी बार फिर नीतिशे कुमार' हो या इस साल यूपी के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का नारा 'काम बोलता है' हो। इसके बाद अब बारी है आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव की। इसमें कांग्रेस का नारा 'विकास पगला गया है' खूब हिट हो रहा है।

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जरूरी नहीं हर बार हिट हो ये फॉर्मूला

हिट नारे चुनाव में पार्टी के भी 'हिट' हो जाने की गारंटी नहीं होते। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा के 2014 चुनाव में 'चाय पर चर्चा' के बाद बिहार में 'अबकी बार फिर नीतिशे कुमार' के नारे दिए थे। इन दोनों चुनावों में पार्टियों ने सफलता भी हासिल की। लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में 'काम बोलता है' और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद 'यूपी को ये साथ पसंद है' रास नहीं आया। यूपी के मतदाताओं को सपा और कांग्रेस का साथ नहीं पसंद आया।

ये भी पढ़ें ...क्या आपने कभी RSS में महिलाओं को शॉर्ट्स पहने देखा : पूछ रहे हैं राहुल

ऐसे वायरल हुआ 'विकास पागल हो गया है'

अब गुजरात में कांग्रेस के नए नारे 'विकास पगला गया है' की खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, 'विकास पागल हो गया है' नारा एक गुजराती युवक सागर ने एक सरकारी बस की बुरी हालत के लिए लिखा था। उसने बस पर ही इस नारे को लिख दिया था कि विकास पागल हो गया है। इसके बाद ये सोशल मीडिया में वायरल हो गया। कांग्रेस को चुनाव में ये नारा मुफीद लगा और पार्टी ने इस नारे को लपक लिया।

ये भी पढ़ें ...क्या आपने कभी RSS में महिलाओं को शॉर्ट्स पहने देखा : पूछ रहे हैं राहुल

राम्या ने थामी डिजिटल कैंपेन की कमान

इस नारे के साथ राहुल गांधी खासकर गुजरात में काफी एक्टिव हो गए हैं। वे जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की विफल नीतियों को बता रहे हैं। इधर, उनकी हर गतिविधि को उनकी डिजिटल टीम सोशल मीडिया पर बेहतरीन तरीके से प्रमोट कर रही है। इस डिजिटल कैंपेन की कमान संभाल रही हैं दिव्या स्पंदना। जिन्हें ज्यादातर लोग साउथ फिल्म इंडस्ट्री की एक्ट्रेस राम्या के नाम से जानते हैं।

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कौन हैं राम्या?

साल 2012 में साउथ फिल्म इंडस्ट्री की 34 वर्षीय एक्ट्रेस दिव्या स्पंदना उर्फ राम्या ने कांग्रेस का दामन थामा था। राम्या ने कर्नाटक की मंड्या संसदीय क्षेत्र से 2013 में उपचुनाव जीता था। लेकिन 2014 की मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राम्या के कमान संभालते ही सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएेप पर कांग्रेस को अपने पक्ष में अच्छा खास बदलाव देखने को मिल रहा है। विकास पागल हो गया है, को लेकर ही कांग्रेस की डिजिटल विंग ने कैंपेन चलाया, जो काफी वायरल हो रहा है।

ये भी पढ़ें ...अमित शाह बोले- गुजरात का विकास गुजराती बताएं, राहुल अमेठी का दिखाएं

इस बार पॉलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट को नहीं दी जिम्मेदारी

अब वायरल हो रहे ऐसे ट्वीट् और फेसबुक पोस्ट्स ने विरोधियों को बीजेपी पर निशाना साधने के लिए अच्छा मौका दे दिया। गुजरात का दौरा कर रहे राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए 'विकास पागल...' का ही सहारा ले रहे हैं। राहुल ने इस बार चुनाव की कमान किसी पेशेवर रणनीतिकार को, प्रशांत किशोर या किसी अन्य को नहीं दी है बल्कि पार्टी के लोग ही इसे देख रहे हैं। देखना ये है कि राहुल की सक्रियता और विकास पागल हो गया जैसा हिट नारा क्या गुजरात में कांग्रेस की किस्मत बदलने में कामयाब होंगे?कांग्रेस पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता से बाहर है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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