×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नेता कोरोना-दंगल बंद करें

ऑक्सीजन की कमी के कारण नाशिक के अस्पताल में हुई 24 लोगों की मौत दिल दहलानेवाली खबर है।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Written By Dr. Ved Pratap VaidikPublished By Roshni Khan
Published on: 23 April 2021 10:00 AM IST (Updated on: 23 April 2021 1:09 PM IST)
article on corona in politics
X

कोरोना (फोटो- सोशल मीडिया)

नासिक: ऑक्सीजन की कमी के कारण नासिक के अस्पताल में हुई 24 लोगों की मौत दिल दहलानेवाली खबर है। ऑक्सीजन की कमी की खबरें देश के कई शहरों से आ रही हैं। कई अस्पतालों में मरीज़ सिर्फ इसी की वजह से दम तोड़ रहे हैं। कोरोना से रोज हताहत होनेवालों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि कई देशों के नेताओं ने अपनी भारत-यात्रा स्थगित कर दी है। कुछ देशों ने भारतीय यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लाखों लोग डर के मारे अपने गांवों की तरफ दुबारा भाग रहे हैं। नेता लोग भी डर गए हैं। वे तालाबंदी और रात्रि-कर्फ्यू की घोषणाएं कर रहे हैं लेकिन बंगाल में उनका चुनाव अभियान पूरी बेशर्मी से जारी है। ममता बेनर्जी ने बयान दिया है कि ''कोविड तो मोदी ने पैदा किया है।''

इससे बढ़कर गैर-जिम्मेदाराना बयान क्या हो सकता है ? यदि मोदी चुनावी लापरवाही के लिए जिम्मेदार है तो उससे ज्यादा खुद ममता जिम्मेदार है। ममता यदि हिम्मत करतीं तो मुख्यमंत्री के नाते चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगा सकती थीं। उन्हें कौन रोक सकता था? यह ठीक है कि बंगाल में कोरोना का प्रकोप वैसा प्रचंड नहीं है, जैसा कि वह मुंबई और दिल्ली में है लेकिन उसकी चुनाव-रैलियों ने सारे देश को यही संदेश दिया है कि भारत ने कोरोना पर विजय पा ली है।

डरने की कोई बात नहीं है। जब हजारों-लाखों की भीड़ बिना मुखपट्टी और बिना शारीरिक दूरी के धमाचौकड़ी कर सकती है तो लोग बाजारों में क्यों नहीं घूम सकते हैं, कारखानों में काम क्यों नहीं कर सकते हैं, अपनी दुकाने क्यों नहीं चला सकते हैं और यात्राएं क्यों नहीं कर सकते हैं ? उन्हें भी बंगाली भीड़ की तरह बेपरवाह रहने का हक क्यों नहीं है ? लोगों की यह लापरवाही ही अब वीभत्स रुप धारण करती जा रही है। इस जनता के जले पर वे लोग नमक छिड़क रहे हैं, जो रेमजेदेविर का इंजेक्शन 40 हजार रु. और आक्सीजन का सिलेंडर 30 हजार रु. में बेच रहे हैं।

ऐसे कालाबाजारियों को सरकार ने पकड़ा जरुर है लेकिन वह इन्हें तत्काल फांसी पर क्यों नहीं लटकाती और टीवी चैनलों पर उसका जीवंत प्रसारण क्यों नहीं करवाती ताकि वह भावी नरपशुओं के लिए तुरंत सबक बने। जहां तक ऑक्सीजन की कमी का सवाल है, देश में पैदा होनेवाली कुल ऑक्सीजन का सिर्फ 10 प्रतिशत ही अस्पतालों में इस्तेमाल होता है। सरकार और निजी कंपनियां चाहें तो कुछ ही घंटों में सारे अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन मुहय्या हो सकती है।

इसी तरह कोरोना के टीके यदि मुफ्त या सस्ते और सुलभ हों तो इस महामारी को काबू करना कठिन नहीं है। महामारी के अप्रत्याशित प्रकोप के कारण सरकार ने अपनी पीठ खुद ठोकनी बंद कर दी है लेकिन यह सही समय है, जब जनता आत्मानुशासन, अभय और आत्मविश्वास का परिचय दे। यह भी जरुरी है कि नेतागण कोरोना को लेकर दंगल करना बंद करें।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story