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विकास, हिंदुत्व व नेक इरादों के साथ भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति

Assembly Elections 2022: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी रणनीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया है और अब यह तय है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मादी के नाम पर ही लड़ेगी।

Mrityunjay Dixit
Written By Mrityunjay DixitPublished By Shreya
Published on: 3 Aug 2021 7:46 PM IST
विकास, हिंदुत्व व नेक इरादों के साथ भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Assembly Elections 2022: आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सभी दल अब अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लग गये हैं और उस पर अमल भी शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी रणनीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया है और अब यह तय है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मादी के नाम पर ही लड़ेगी। गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ, मिर्जापुर के विंध्याचल और वाराणसी दौरे में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद यह भी तय हो गया है कि विकास और हिंदुत्व ही बीजेपी का नारा होने जा रहा है।

अभी हाल ही दिल्ली में सांसदों का मंथन हुआ था और उसमें एक पुस्तक वितरित की गयी थी जिसका शीर्षक था "इरादे नेक व काम अनेक"। जिसके आधार पर यह पता चल रहा है कि भाजपा प्रदेश सरकार की खूबियों व सरकार की ओर से किये गये तमाम विकास के कामों को आधार मानकर ही चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक दिवसीय यूपी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की और कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बीजेपी प्रचंड जीत की ओर बढ़ रही है।

शाह ने की मुख्यमंत्री की तारीफ

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दौरे में मुख्यमंत्री की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि जनहित के कामों में यूपी सबसे आगे है और कोरोना महामारी के नियंत्रण में सबसे अच्छा काम यूपी सरकार ने ही किया है। यूपी में औद्योगिक निवेश, योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कानून व्यवस्था, किसानों के ऋण माफ, अनाज खरीद, शौचालय बनाने, आवास आवंटन, रसोई गैस कनेक्षन बिजली कनेक्षन के क्षेत्र में रिकार्ड कायम हुआ है।

शाह ने अपने दौरे में योगी सरकार की कानून व्यवस्था को सुपर हिट बताते हुए सपा-बसपा सरकार के 15 साल का जब हिसाब मांगा तो विपक्ष बौखला गया। यह वास्तविक सत्य है कि जब अयोध्या पर जिस दिन सुप्रीम कोर्ट अपना ऐतिहासिक फैसला सुना रहा था उस दिन प्रदेश में अपराध जगत की छोटी या बड़ी किसी भी प्रकार की कोई आपराधिक घटना नहीं घटी, यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। आज योगी सरकार मेे विकास का बोलबाला है। प्रदेश में एक्सप्रेस- वे का निर्माण हो रहा है तथा प्रदेश के सभी छोटे बड़े धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है।

संसार ने देखी योगी जी के प्रबंध कौशल की झलक

योगी सरकार में 2019 में योगी जी के प्रबंध कौशल की झलक संसार ने देखी। प्रयागराज में अर्धकुंम्भ का आयोजन हुआ था। इसके पहले 2013 में यहीं पर पूर्ण कुम्भ का आयोजन हुआ था हिंदुओं के पर्वों, धर्मस्थलों को हेयभाव से देखने की प्रवृत्ति सेक्युलरिस्टों की सदा से रही है। 2013 के कर्ता धर्ता आजम खान थे। योगी जी ने सबसे पहले संगम के महानगर को मुगलकालीन शाप से मुक्त कराया। 2013 और 2019 के कुम्भ आयोजन में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिला था। योगी सरकार में ही अयोध्या में भव्य दीपावली और मथुरा में भव्य होली का आयोजन संभव हुआ है।

योगी सरकार में कांवडियों पर फूल बरसायें गये और किसी भी प्रकार की हिंसा व अराजकता देखने को नहीं मिली। कांवड़ यात्रा पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा के दृष्य बहुत ही रोमांचकारी थे वह सब कुछ हिदू समाज को अवश्य याद रखना चाहिये। अगर कोरोना रूपी यह महामारी न आयी होती तो आज उक्त दृष्यों का और विकास हुआ होता। यह तो बिल्कुल सत्य है कि आज योगी जी के शासन में ही हिंदुत्व की पूर्ण सुरक्षा और विकास हो रहा है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अदभुत प्रयास

अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो या फिर मिर्जापुर के मां विन्ध्यवासिनी कारिेडोर का निर्माण हो या फिर वाराणसी में काषी विश्वनाथ परिसर का विकास हो। योगी सरकार में हर जगह विकास के साथ हिंदुत्व की छाप दिखलायी पड़ रही है और अब उसका अगला चरण भी शुरू हो रहा है। अभी कुछ दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रूद्राक्ष का उदघाटन किया था और बाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने एलान किया था कि मां गंगा की आरती का पूरे शहर में प्रसारण किया जायेगा। यह सब कुछ पर्यटन को बढ़ावा देने के ही अदभुत प्रयास है।

बीजेपी अब अपनी रणनीति को बहुत ही मजबूती और आक्रामक रणनीति के सहारे इस प्रकार से आगे बढ़ाने जा रही है कि विरोधी दलों को कोई अवसर ही नहीं मिल पाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 और आर्थिक पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। सामाजिक न्याय की दृष्टि से एक बहुत बड़ा अभूतपूर्व कदम है। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद प्रदेश के विरोधी दलों में हाहाकर मचा हुआ है और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाये।

बीजेपी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

BJP का चालाकी भरा फैसला

हालांकि विरोधी दलों ने इस पर भी केंद्र सरकार और बीजेपी पर तंज कसे और कहा कि अब इसका लाभ बीजेपी को नहीं मिलने जा रहा है। लेकिन वास्तविक सच्चाई यह है कि ओबीसी समाज की यह एक बहुत पुरानी मांग थी जिसे सरकार ने अब पूरा किया है। सरकार ने मेडिकल कोटे में आरक्षण का ऐलान करके ओबीसी समाज को संदेश दे दिया है और दस फीसदी आरक्षण के सहारे बीजेपी ने गरीब सवर्णों को भी साधने का प्रयास किया है। यह एक बहुत ही चालाकी भरा फैसला है। बीजेपी को अच्छी तरह से पता है कि उप्र, उत्तराखंड व पंजाब में पिछड़े समाज के लोग अच्छी संख्या में रहते हैं जिसमें विशेषकर उप्र में 42 प्रतिशत ओबीसी समाज का मतदाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी सांसदों से 15 अगस्त के बाद से जनभागीदारी आशीर्वाद यात्रा निकालने और सरकारी कामकाज के प्रचार पर बल देने की बात कही है। उन्होंने अपने सांसदों से गांवों में जाकर वहां पर 75 घंटे बिताने और कांग्रेस व विरोधी दलों को बेनकाब करने का आदेश भी जारी किया है।

अभी भाजपा के तरकश में कई तीर हैं जिन पर काफी मंथन हुआ है और वह धीरे- धीरे बाहर आते जायेंगे। भारतीय जनता पार्टी अभी युवाओं और महिला शक्ति को भी अपने पाले में लाने के लिए कई बड़े ऐलान करके उनको अपनी ओर आकर्षित करने जा रही है।

इस साल का पहला अनुपूरक बजट

विधानमंडल सत्र में योगी सरकार अपनी अधूरी योजनाओं को आगे बढ़ाने व पूरा कराने के लिए खजाना खोलने जा रही है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी व मेट्रो परियोजनाएं हैं। प्रदेश सरकार का यह अनुपूरक व व इस साल का पहला अनुपूरक बजट होगा। सरकार किसानों को आकर्षित करने के लिए भी कई नई योजनाएं ला रही है। एक प्रकार से देखा जाये तो अब बीजेपी भी पूरी तरह से आक्रामक रणनीति के साथ चुनावी मोड में आ गयी है।

अब हर महीने कहीं न कहीं उदघाटन, शिलान्यास, लोकार्पण और भूमि पूजन जैसे समारोह होते रहेंगे तथा केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जनहित में कुछ ऐसे कदम उठाये जायेंगे जिनका चुनावी राजनीति में गंभीर असर दिखलायी पड़ेगा। बीजेपी सरकारों के अब जो भी फैसले होंगे उनमें हिंदुत्व की छाप होगी, जनसेवा, जनता के प्रति समर्पण का भाव होगा तथा साथ ही सामाजिक न्याय का विस्तार होगा और सबका साथ सबका विकास और सबका विष्वास की छाया होगी। बीजेपी की रणनीति सामाजिक समानता पर आधारित होगी ।

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