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Bangladesh Protests: बांग्लादेश में हसीना का विरोध ?

Bangladesh Protests: बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरु हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरूद्ध हुए थे।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 12 Dec 2022 4:38 AM GMT
Bangladesh Protests
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बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Pic: Social Media)

Bangladesh Protests: बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार के खिलाफ उसी तरह प्रदर्शन होने शुरु हो गए हैं, जैसे कि श्रीलंका और म्यांमार की सरकारों के विरूद्ध हुए थे। म्यांमार की फौज ने वहां तो डंडे के जोर पर जनता को ठंडा कर दिया है । लेकिन श्रीलंका की सरकार को चुनावों में मात खानी पड़ी है। 'बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' ने दावा किया है कि उसके प्रदर्शनों में दस लाख लोग जमा हुए हैं और उन्होंने हसीना से इस्तीफा मांगा है। उनका कहना है कि 2024 में चुनाव होने तक ढाका में कोई कार्यवाहक सरकार नियुक्त की जाए। बीएनपी के सातों सांसदों ने अपने इस्तीफों की घोषणा कर दी। उन्होंने मांग की है कि चुनाव तुरंत करवाएं जाएं। शेख हसीना ने हर बार धांधली करके चुनाव जीता है। बीएनपी को बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम मौलानाओं और जमाते-इस्लामी का भी भरपूर समर्थन है।

बांग्लादेश की बीएनपी की नेता बेगम खालिदा जिया ने घोषणा की है कि शेख हसीना सरकार के राज में मंहगाई आसमान छू रही है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं, विदेश व्यापार घट गया है और सरकार भारत के इशारों पर नाचने लगी है। वह बांग्लादेशी मुसलमानों के हितों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं करती है। रोहिंग्या मुसलमानों पर म्यांमारी अत्याचार और भारतीय अन्याय पर हसीना सरकार की चुप्पी बहुत ही निंदनीय है। इन सब आरोपों के बावजूद खालिदा जिया की इस रैली के मुकाबले हसीना द्वारा आयोजित चिटगांव और कॉक्स बाजार की रैलियों में कई गुना लोग शामिल हुए थे। 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस पर आयोजित इस बीएनपी रैली का उद्देश्य यह भी था कि उसे अमेरिका और यूरोपीय देशों का सहयोग भी मिलेगा । लेकिन इन देशों के कई नेताओं और अखबारों ने खालिदा की पार्टी और जमात पर उनके शासन काल में भ्रष्टाचार और आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाए थे। इन दोनों पार्टियों को बांग्लादेश की जनता पाकिस्तानपरस्त समझती है।

1971 में पाकिस्तानी फौज के द्वारा की गई हत्याओं, अत्याचार और बलात्कार को बांग्ला जनता अभी भी पूरे दर्द के साथ याद करती है। भारत के प्रति आम बांग्लादेशी जनता में अभी भी आभार का भाव है। भारत ने बहुत-से टापू ढाका को दे दिए थे, यह भी भारत की उदारता है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भारत सरकार ने बांग्लादेशियों की सहायता उसी उत्साह से की है, जैसी वह अपने नागरिकों की करती है। हसीना सरकार ने भी भारत के उत्तर-पूर्वी प्रांतों को समुद्र तक पहुंचने की थल-मार्ग सुविधा दे रखी है। जबकि खालिदा-सरकार के ज़माने में असम और मणिपुर के आतंकवादियों को ढाका ने भरपूर मदद की थी। खालिदा और जमात के कारनामों से बांग्लादेश के हिंदू बहुत डरे हुए हैं । लेकिन ऐसा नहीं लगता कि नेपाल और श्रीलंका की तरह बांग्लादेश में भी सरकार बदलने की परिस्थितियां तैयार हो गई है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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