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Bharat Me Mehngai: लंबे इंतजार के बाद वो घड़ी आ ही गई...

कमर तोड़ महंगाई के बीच पेट्रोल ने पार किया सैकड़ा

Nitendra Verma
Published on: 8 Oct 2021 5:04 PM GMT
Nitendra Verma
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नितेंद्र वर्मा

भैया अब जाके यूपी वालों की जान में जान आयी है। हमेशा अव्वल आने वाला स्टेट अच्छा खासा पिछड़ा जा रहा था। तमाम यूपी वाले तो अईसे ही डिप्रेशन में चले गए। कितनों का बीपी डाउन हुआ जा रहा था। अब जब पेट्रोल सौ पार हुआ है तब जाके ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल हुआ है।

तो भैया आखिरकार लंबे इंतजार के बाद वो घड़ी आ ही गई। अब हम यूपी वाले भी गर्व से कह सकेंगे कि हम भी शतकवीर हैं। मल्लब हल्के में लेने की गलती गलती से भी न करियेगा। इधर पेट्रोल पंपों में अलग ही नजारा है। पम्प तो अईसा ख़ुशी से झूम रहा है जईसे डीजे लगा हो। सौ पार होते ही एटीट्यूड में आ गया है। लोगों में उत्साह का माहौल है। तमाम तो दिवाली से पहिले ही दिवाली मना लिए। जैसे ही अबकी बार तेल कम्पनी वाले बताए कि जनता की भारी माँग पर दाम फिर से बढ़ा दिए हैं औ अबकी बार सीधे सौ पार किये हैं भैया क्या गाँव क्या शहर। हर सड़क, हर गली, हर कूचे में जाम लग गया । काहे से ख़ुशी के मारे जनता घर वर छोड़ के सड़कों पे आ गई। कानपुर, लखनऊ वालों का अलगै भौकाल है। एकदम प्राउड वाली फीलिंग आ रही है।

दुकानों में बोरों में छुपा के पटाखे रखने वाले दुकान वालों की चाँदी हो गई। लोग ब्लैक में खरीद डाले। लेकिन भैया हमाई एक शिकायत है। ये जो कुछ रूपये बढ़ते हैं वो तो ठीक है लेकिन ये जो कुछ पईसे बढ़ाये जाते हैं उसके पीछे कौन सा अर्थशास्त्र काम करता है। इकदम अईसा लगता है जईसे देश की जनता को चैलेंज कर रहा हो कि दम है तो पूरे एक लीटर का तेल भरा के दिखाओ। ये समझिये कि आज तक इस देश में किसी ने पूरे एक लीटर का तेल नहीं भराया होगा। औ भराया भी होगा तो तो पूरे पईसे नहीं दिए होंगे।

अच्छा डीजल भी पीछे नहीं है । एकदम पूँछ पकड़े है । असली फॉलोवर अईसे ही होते हैं। सही है आखिर जनता के मेहनत की गाढ़ी कमाई ज्यादा दिन रखे तो रखे औ गाढ़ी हो जायेगी। फिर उसके सड़ने गलने का खतरा पैदा हो जाता है। इसलिए जनता औ उसके स्वास्थ्य के हित में यही है कि तेल की कीमतें अईसे ही खूब बढ़ें।

औ यूपी वालों ऊपर वालों से यही दुआ करो कि तेल ऐसे ही बढ़ता रहे ताकि जनता स्वस्थ रहे, मस्त रहे।

हमाई आज की चिकोटी पसन्द आयी हो तो फौरन share कर दें।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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