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Block Pramukh Election 2021: यूपी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव का ट्रेलर
Block Pramukh Election 2021: यूपी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव का शंखनाद हो चुका है। यूपी के इटावा, कन्नौज सहित तमाम जिलों में ढंग से और पूरी तबियत से नामांकन हुआ।
Block Pramukh Election 2021: भैया क्या सीन थे । ऐसे दुर्लभ दृश्य देख के मन भर आया । पिटाई, ठुकाई का ऐसा इंतजाम कहाँ मिलता है भला । ऐसी गदर कटी कि अफरा इधर तो तफरी उधर। जम के ठेलम पेल हुई। सबको मिला है। नहीं समझे? अरे यूपी में चुनाव होने वाले हैं । ब्लॉक प्रमुख चुनाव का शंखनाद हो चुका है ।
यूपी के इटावा, कन्नौज, सीतापुर, लखीमपुर सहित तमाम जिलों में ढंग से और पूरी तबियत से नामांकन हुआ। टकराव, पथराव से शुरू हुआ नामांकन हथगोले फोड़ने और साड़ी फाड़ने तक चला। मतलब पर्चे भी फटे और हथगोले में फटे। अब क्या है भैया कि चुनाव तो होगा। जब भरे कोरोना काल में चुनाव न रुक सका तो भला अब किसकी मजाल है। देश की विडम्बना देखिये जहाँ नर्सरी से लेके बड़ी-बड़ी कक्षाओं के स्टूडेंट ऑनलाइन पढ़ाई में जुटे पड़े हैं वहीं हमारे नेता आज भी पर्चा भरने से आगे नहीं बढ़ पा रहे। मतलब यहाँ पाटी में लिखके और टाट में बैठके पढ़ने वाला भी नौकरी का फॉर्म ऑनलाइन भरता है लेकिन हमारे कर्ता धर्ता आज भी कागज कलम ही घिस रहे हैं । अरे चुनाव लड़ने वाले न सही करवाने वाले ही सोच लें ।
व्यवस्था तो देखिये । नामांकन एक को करना है लेकिन समर्थक हजारों में बेरोकटोक साथ चलेंगे । हो सकता है आम जनता के लिए कोरोना गाइडलाइन जैसी कोई चीज भी होती हो लेकिन इनके आगे नियम कानून सब बेमानी हैं । लाठी, डंडों, तमंचों से लैस समर्थकों ने लोकतंत्र को जो नई बुलंदियां बक्शी हैं बच्चन साहब केबीसी में इसे ही अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय कहा करते हैं ।
दौड़ा-दौड़ा के लोगों ने एक दूसरे के समर्थकों को पीटा। जो बच गये उन्हें पुलिस वालों ने पीटा । पूरा ध्यान रखा गया कि कोई खाली हाथ न जाने पाये । महिला पुरुष में कोई भेदभाव किये बिना 'सबका साथ सबका विकास' किया गया । लखीमपुर में तो लोकतंत्र के कुछ बड़े वाले पहरेदारों ने एक प्रत्याशी के साथ जा रही महिला की साड़ी ही खींच डाली । अब इससे ज्यादा और क्या उम्मीद की जा सकती है ।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को भी इस दौरान पूरा सम्मान मिला । न केवल उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ बल्कि उनकी गाड़ी की भी भरपूर बेइज्जती की गई । अच्छी खासी गाड़ी में तोड़फोड़ मचा दिए । अब सारी पार्टियां एक दूसरे के ऊपर इस कांड का ठीकरा फोड़ रही हैं । सही है हमारे देश में नेताओं से सीधा भला कौन है ।
वैसे नामांकन की पूरी मतलब एकदम चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी । चप्पे चप्पे पे पुलिस तैनात थी । मजाल थी कि उनकी मर्जी के बिना कौआ भी काँव कर जाये । तो ये जो सब हुआ पुलिस के पूरे होशोहवास और मौजूदगी में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ ।
भैया कहीं बंगाल न पहुँच जाइयेगा । बात अभी तक यूपी की ही हो रही है । और अभी तो ये ट्रेलर है । पूरी पिच्चर तो बाकी है । बाकी हमको तो चिकोटी काटनी थी सो काट ली । आप तो बस चिकोटी का मजा लेते रहिये ।
Note- यह एक व्यंग्य आधारित लेख है । इस लेख का मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।