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Book Review: पुस्तक समीक्षा ‘माया इज़ रियलिटी एंड ब्रेन क्रिएट्स इट’ - माया और वास्तविकता को टटोलती एक अनूठी किताब

Book Review: लेखक डॉ अलोक बाजपाई की किताब "माया इज़ रियलिटी एंड ब्रेन क्रिएट्स इट" आपको कितना वास्तविकता की तस्वीर पेश करने में सफल हुई है आइये जानते हैं क्या कहती है इसकी समीक्षा।

Ankit Awasthi
Published on: 25 Dec 2024 9:07 AM IST
Book Review: Maya is Reality and the Brain Creates it
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Book Review: Maya is Reality (Image Credit-Social Media)

Book Review: डॉ. आलोक बाजपेई की किताब ‘माया इज़ रियलिटी एंड ब्रेन क्रिएट्स इट’ एक अद्भुत रचना है, जो माया की प्राचीन भारतीय दार्शनिक अवधारणा को आधुनिक न्यूरोसाइंस और मनोविज्ञान के साथ जोड़ती है। यह किताब पाठकों को यह समझने में मदद करती है कि हमारी वास्तविकता को हमारे मस्तिष्क और उसकी प्रक्रियाएं कैसे निर्मित करती हैं।

पुस्तक का परिचय

यह किताब ‘माया’ की अवधारणा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। माया का अर्थ केवल भ्रम नहीं है, बल्कि यह उस वास्तविकता का निर्माण है, जिसे हमारा मस्तिष्क बनाता है। लेखक ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया है कि हमारी सोच, अनुभव और हमारे आसपास की दुनिया कैसे मस्तिष्क की प्रक्रियाओं से निर्मित होती है।

किताब की विषयवस्तु

1. माया का परिचय और दार्शनिक दृष्टिकोण

लेखक ने भारतीय दर्शन में ‘माया’ की अवधारणा का विस्तृत वर्णन किया है। उन्होंने उपनिषदों और वेदांत के माध्यम से यह बताया है कि माया केवल एक भ्रम नहीं, बल्कि वास्तविकता की एक परत है।

2. मस्तिष्क और वास्तविकता का निर्माण

लेखक ने न्यूरोसाइंस के माध्यम से यह समझाया कि मस्तिष्क हमारी वास्तविकता को कैसे बनाता है।

मस्तिष्क की प्रक्रियाएं जैसे धारणा (perception), स्मृति (memory), और निर्णय (decision-making) हमारी वास्तविकता के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

3. विज्ञान और दर्शन का संगम

डॉ. बाजपेई ने वैज्ञानिक और दार्शनिक दृष्टिकोण को जोड़ते हुए यह दिखाया है कि प्राचीन दार्शनिक अवधारणाएं, जैसे माया, आज के वैज्ञानिक सिद्धांतों से मेल खाती हैं।

4. मानव जीवन और माया का प्रभाव

किताब में यह भी बताया गया है कि माया का हमारी भावनाओं, निर्णयों और सामाजिक व्यवहार पर क्या प्रभाव पड़ता है।

लेखक की शैली और दृष्टिकोण

  • डॉ. आलोक बाजपेई की लेखन शैली सरल और प्रभावशाली है। उन्होंने कठिन वैज्ञानिक और दार्शनिक अवधारणाओं को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: न्यूरोसाइंस और मनोविज्ञान के सिद्धांतों का गहराई से विश्लेषण।
  • दर्शन का समावेश: भारतीय और पश्चिमी दर्शन का संतुलित वर्णन।

पुस्तक की विशेषताएं

  • संतुलित दृष्टिकोण: लेखक ने विज्ञान और दर्शन के बीच एक मजबूत पुल बनाया है।
  • व्यावहारिक उदाहरण: पुस्तक में दिए गए उदाहरण माया की अवधारणा को समझने में मदद करते हैं।
  • आत्मचिंतन की प्रेरणा: यह पुस्तक पाठकों को अपने जीवन, सोच और वास्तविकता पर आत्मचिंतन करने के लिए प्रेरित करती है।

पुस्तक की कमियां

जटिलता: कुछ हिस्से, विशेष रूप से न्यूरोसाइंस से संबंधित, सामान्य पाठकों के लिए जटिल हो सकते हैं।

गहराई का अभाव: दर्शन और विज्ञान के बीच संतुलन बनाने के प्रयास में कुछ विषयों की गहराई छूट गई है।

पाठकों के लिए उपयोगिता

यह पुस्तक उन लोगों के लिए उपयुक्त है:

  • जो माया की अवधारणा को आधुनिक संदर्भ में समझना चाहते हैं।
  • जो न्यूरोसाइंस और मनोविज्ञान में रुचि रखते हैं।
  • जो अपने जीवन और सोच को गहराई से समझने की इच्छा रखते हैं।

"माया इज़ रियलिटी एंड ब्रेन क्रिएट्स इट" एक अनूठी पुस्तक है, जो विज्ञान, दर्शन, और मनोविज्ञान को जोड़ती है। यह न केवल माया की पारंपरिक अवधारणा को समझने में मदद करती है, बल्कि पाठकों को यह भी सिखाती है कि उनकी सोच और धारणा कैसे उनकी वास्तविकता को प्रभावित करती है।

यह पुस्तक जीवन के गहरे सवालों का उत्तर खोजने वालों के लिए एक अनमोल गाइड है। डॉ. आलोक बाजपेई ने माया को आधुनिक संदर्भ में समझाने का जो प्रयास किया है, वह सराहनीय है।

पढ़ने योग्य: यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है, जो वास्तविकता और भ्रम के बीच की सीमाओं को समझना चाहता है।

डॉ. आलोक बाजपेई एक प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने मानसिक रोगों के उपचार के साथ-साथ युवाओं को मानसिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनकी विशेष रुचि न्यूरोसाइंस में है, और वे भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक विज्ञान के बीच संबंधों पर शोध कर रहे हैं।

लेखक की अन्य पुस्तकें

डॉ. बाजपेई ने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

"कृष्ण वासुदेव: एक सचित्र उपन्यास पुस्तक" कृष्ण वासुदेव: एक सचित्र उपन्यास

यह पुस्तक भगवान कृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर आधारित एक सचित्र उपन्यास है, जो पाठकों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराती है। यह अंग्रेजी में प्रकाशित पुस्तक भगवान कृष्ण के जीवन की घटनाओं और उनकी शिक्षाओं का सचित्र वर्णन प्रस्तुत करती है।

इन पुस्तकों के माध्यम से डॉ. बाजपेई ने भारतीय संस्कृति और दर्शन को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

लेखक के बारे में

डॉ. आलोक बाजपेई पेशे से मनोचिकित्सक हैं और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी गहरी समझ है। उन्होंने युवाओं को मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और शिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है। उनकी रुचि न्यूरोसाइंस में है, और वे भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक विज्ञान के बीच संबंधों पर शोध कर रहे हैं। citeturn0search0

यदि आप उनकी पुस्तकों या कार्यों के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो वाणी प्रकाशन की वेबसाइट पर जा सकते हैं।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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