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Budget 2024: राजकोषीय अनुशासन के साथ कल्याण

Budget 2024: इस वर्ष के बजट प्रस्ताव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण तथा गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर विशेष जोर के साथ, 2047 तक एक विकसित देश बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति प्रदान करेंगे। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की जानी चाहिए और उन्हें बधाई दी जानी चाहिए।

Piyush Goyal
Written By Piyush Goyal
Published on: 4 Feb 2024 12:03 AM IST
Budget 2024 Welfare with Fiscal Discipline
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बजट 2024 राजकोषीय अनुशासन के साथ कल्याण: Photo- Social Media

Budget 2024: इस वर्ष के बजट प्रस्ताव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण तथा गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर विशेष जोर के साथ, 2047 तक एक विकसित देश बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति प्रदान करेंगे। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की जानी चाहिए और उन्हें बधाई दी जानी चाहिए।

राजकोषीय अनुशासन के साथ कल्याण- विकास-उन्मुख बजट घोषणाओं के बारे में वास्तव में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि पूंजीगत व्यय में ऐतिहासिक वृद्धि और बड़े पैमाने पर काम के अवसरों की उपलब्धता व रोजगार सृजन के साथ-साथ उदार व लक्षित कल्याण के उपाय, राजकोषीय जिम्मेदारी और अनुशासन के साथ-साथ लागू किये जायेंगे।

यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि कल्याणकारी योजनाओं तथा रोटी-कपड़ा और मकान की बुनियादी आवश्यकताओं के प्रावधान से लाभार्थियों की जेब में पैसे की अधिक बचत होती है, जिसे वे विभिन्न उत्पादों पर खर्च करते हैं और इससे अर्थव्यवस्था में मांग में वृद्धि होती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राजकोषीय अनुशासन और व्यापक आर्थिक स्थिरता पर ऐसे समय में भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जब देश आम चुनावों की तैयारी कर रहा है। वैश्विक स्तर पर, जब किसी देश में चुनाव होते हैं, तो अधिकांश निवेशक राजकोषीय लापरवाही का सामना करते हैं, क्योंकि सरकारें अक्सर राजकोषीय अनुशासन की अनदेखी करती हैं और लापरवाह लोकलुभावन उपायों का सहारा लेती हैं।

निवेशकों की सराहना- मोदी सरकार अलग है। इसके राजकोषीय अनुशासन के सख्त पालन ने यह सुनिश्चित किया कि महामारी और यूक्रेन संकट की दोहरी बाधाओं के बावजूद, भारत उथल-पुथल भरी दुनिया में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में उभरा, क्योंकि इसने देखभाल और करुणा को समझदार अर्थशास्त्र के साथ संयोजित किया। इस वर्ष की बजट घोषणाएं इसी भावना के अनुरूप हैं।

निवेश करने वाला समुदाय भी इसे मान्यता देता है। भारत के साथ व्यापार करने में वैश्विक रुचि से यह परिलक्षित होता है। भारत के शेयर बाज़ार भी निवेशकों के उत्साह को दर्शाते हैं। भारत का शेयर बाजार हाल ही में 4.33 ट्रिलियन डॉलर के मूल्यांकन के साथ हांगकांग को पीछे छोड़कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।

हर तरह से पहले स्थान पर- पूंजीगत व्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया गया है। इससे भारत की अवसंरचना में और भी सुधार होंगे एवं आधुनिकीकरण होगा, जो 10 साल पहले की तुलना में पहले से ही प्रभावी रूप से बेहतर है।

उच्च पूंजीगत व्यय और बड़ी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

Photo- Social Media

मोदी गारंटी- प्रधानमंत्री मोदी ने एकदम सही कहा है कि इस वर्ष का बजट 2047 तक विकसित देश बनने की दिशा में भारत के पथ की आधारशिला को मजबूत करने की गारंटी देता है। इस यात्रा का मुख्य हिस्सा, महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के निर्धारण और उन्हें हासिल करके गरीबों का सशक्तिकरण करने से संबंधित है। इसके बाद का कदम है- और भी बड़ी आकांक्षाओं को पूरा करना।

आवास-निर्माण के प्रति मोदी सरकार की उपलब्धि और आकांक्षा से यह बात स्पष्ट होती है। सरकार पहले ही गांवों और शहरों में गरीबों के लिए चार करोड़ से ज्यादा घर बना चुकी है। सरकार ने अब मध्यम वर्ग के लिए दो करोड़ अतिरिक्त आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

महिला-नेतृत्व आधारित विकास- इसी तरह 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य को 50% बढ़ाकर तीन करोड़ कर दिया गया है। आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने 30 करोड़ मुद्रा ऋण के जरिये भी महिलाओं को सशक्त बनाया है। पिछले दशक में उच्च शिक्षा में महिलाओं के नामांकन में 28% की वृद्धि दर्ज की गयी है। शिक्षा के क्षेत्र में, विज्ञान प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) पाठ्यक्रमों में 43 प्रतिशत छात्राएं हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक अनुपातों में से एक है।

बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए, वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि सरकार 9-14 वर्ष की आयु की किशोरियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी। यह घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की देखभाल और करुणा युक्त शासन को प्रदर्शित करती है। कार्यान्वयन में तालमेल के लिए, मातृ एवं शिशु देखभाल से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को एक समग्र कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।

मध्यम वर्ग को लाभ- लोगों के जीवन को आसान बनाने और उत्पीड़न को रोकने की सरकार की रणनीति के अनुरूप, बजट में नई आयकर योजना की घोषणा की गई है, जो एक करोड़ लोगों को राहत प्रदान करेगी। यह पहले की तुलना में एक स्वागत योग्य बदलाव है, जब पिछली सरकार ने दशकों तक आम आदमी के सिर पर इस तलवार को लटकाए रखा था। मध्यम वर्ग को अवसंरचना में सुधार और रोजगार सृजन में अपेक्षित तेज वृद्धि से भी लाभ होगा।

युवाओं के लिए स्वर्ण युग- 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के विज़न से भारत के युवाओं को सबसे अधिक लाभ होगा। बजट में युवाओं के महत्व पर जोर दिया गया है। बजट में रोजगार के अवसर, स्टार्ट-अप के लिए सहायता और नवाचार को बढ़ाने के प्रावधान के साथ युवाओं को मदद करने से जुड़े उपायों की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री ने ठीक ही कहा कि भारत के तकनीक-प्रेमी युवाओं के लिए यह एक स्वर्ण युग होगा। सरकार 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित करेगी। यह निजी कंपनियों को अनुसंधान और नवाचार का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वित्त मंत्री ने उन कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला, जो भारत के युवाओं और प्रौद्योगिकी की शक्तियों को संयोजित करते हैं।

स्वच्छ और हरित- मोदी सरकार का स्वच्छ और हरित विकास पर भी विशेष ध्यान है। बजट इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। रूफटॉप सोलर योजना से एक करोड़ परिवारों को निःशुल्क बिजली मिलेगी। इससे भी बड़ी बात यह है कि लोग ग्रिड को अतिरिक्त बिजली बेचकर 20,000 रुपये तक की धनराशि अर्जित करेंगे। यह उद्यमिता के लिए अवसर भी प्रदान करेगा।

कई मायनों में, पीएम मोदी ने सदियों के संघर्ष के बाद सूर्योदय के युग की शुरुआत की है। बजट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो एक मजबूत, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से परिपूर्ण राष्ट्र- विकसित भारत 2047 की आधारशिला रखता है।

Shashi kant gautam

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