×

CM Pushkar Singh Dhami: दिव्य दृष्टिकोण वाला मुख्यमंत्री धामी

CM Pushkar Singh Dhami: जैसे जल के समीप जाने पर शीतलता स्वतः ही मिल जाती है। माँगनी नहीं पड़ती वैसे ही फूल के पास जाने पर उसकी खुशबू मिलती ही है। अग्नि के संपर्क में आने पर ताप अवश्य प्राप्त होता है। वैसे ही दिव्य दृष्टिकोण रखने वाले किसी भी महान शख्स के पास जाने पर बेशक शत प्रतिशत हल पहली बार ही मिल जाता है।

Narendra Singh Rana
Published on: 18 Jun 2023 4:03 PM GMT
CM Pushkar Singh Dhami: दिव्य दृष्टिकोण वाला मुख्यमंत्री धामी
X
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी: Photo- Social Media

CM Pushkar Singh Dhami: जैसे जल के समीप जाने पर शीतलता स्वतः ही मिल जाती है। माँगनी नहीं पड़ती वैसे ही फूल के पास जाने पर उसकी खुशबू मिलती ही है। अग्नि के संपर्क में आने पर ताप अवश्य प्राप्त होता है। वैसे ही दिव्य दृष्टिकोण रखने वाले किसी भी महान शख्स के पास जाने पर बेशक शत प्रतिशत हल पहली बार ही मिल जाता है। इसी से गुण प्रधान व्यक्ति का व्यक्तित्व अनुकरणीय हो जाता है। उत्तराखण्ड वैसे तो देश का एक छोटा प्रदेश है । लेकिन वहां के युवा लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी कड़ी मेहनत, ईमानदारी व व्यापक दिव्य दृष्टिकोण से कम समय में ही देश के फलक पर आ गए हैं। समान नागरिक आचार संहिता कानून अपने राज्य में लागू करने के लिए की गई मुख्यमंत्री पुष्कर की कोशिश देश में सराही गयी है। उत्तराखण्ड राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने में वो एक मिसाल बन गए हैं।

कानून व्यवस्था सीएम धामी की सर्वोच्च प्राथमिकता

कानून व्यवस्था उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। युवाओं व महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तराखण्ड में देश व विदेश के पर्यटकों का आना रिकार्ड दर रिकार्ड बना रहा है। उत्तराखण्ड के सीमावर्ती राज्यों से धामी सरकार का रिश्ता अत्यधिक प्रगाढ़ हुआ है। कहावत भी है कि फ़ूलों की खुशबू हवा के अनुसार उसकी दिशा मे फैलती है ।लेकिन व्यक्ति के सद्गुणों की खुशबु चारों ओर फैलती है । वह हवा की मोहताज नहीं होती। महान दार्शनिक आचार्य रजनीश ने भी कहा है, अंधेरे को कोसने से अंधेरा दूर नहीं होता उसके लिए दिया जलाना पड़ता है। युवाओं की प्रेरणा बने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर भी छोटी लकीर को मिटाने व हटाने की जगह अपने सत्कर्मों की बड़ी लकीर खींचते जा रहे हैं। श्री रामचरितमानस में पूज्य गुरुदेव गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज चौपाई लिख कर मानवमात्र को बताते हैं,

परहित सरिस् धर्म नहीं भाई-

पर पीड़ा सम नहिं अमाई,

भावार्थ दूसरे के हित से बढकर कोई धर्म नहीं होता और दूसरे को पीड़ा पहुचाने से बड़ा कोई अधर्म नहीं होता। परमात्मा परमेश्वर श्री राम के अनन्य भगत युवा मुख्यमंत्री धामी भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन दर्शन पर लिखी गयी श्री रामचरितमानस की चौपाई की रोशनी में अपना जीवन जी रहे है। सर्व कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। आनन्द से भरे रहने के अनंत लाभ होते हैं । उसके परिणाम भी सदा सुखद होते हैं। आनन्द बांटने से बढ़ता है। आनन्द भीतर की संपदा है। कृपा साध्य है, क्रिया साध्य कम है। जो भी इससे भरे हैं वे हमेशा सुखकारी होते हैं। परमपिता परमेश्वर बंशीवाला तो आनन्द सिंधु है । उसकी कृति संत महात्मा मनुष्य हम सब भी उसके अंश होने के नाते आनन्द स्वरूप ही है । बस हमे अपने अंदर उस आनन्द को खोजना है और फिर आनन्द मे भर कर अपना काम करते जाना हैं। इसी आनन्द से लबरेज मुख्यमंत्री हैं पुष्कर सिंह धामी।

खुशी एक ऐसा चंदन है जिसे दूसरे के माथे पर लगाने से अपनी उंगली पहले शीतल हो जाती है। अवगुण रूपी क्रोध के बारे में महात्मा बुद्ध ने कहा है कि क्रोध पहले स्वयं को हानि पहुंचाता है फिर अन्य को । जैसे जलते हुए अंगारे को आप सामने वाले पर फेंकते है उससे पहले वह आपकी हथेली को जला देता है। स्वामी विवेकानंद जी ने आत्मविश्वास को मजबूत रखने की बात कही है। श्रीरामचरितमानस के रचियता पूज्य गुरुदेव तुलसीदास जी ने प्रेम को सर्वोपरि बताया है। तुलसीदास जी चौपाई लिखते है-

रामही केवल प्रेम प्यारा,

जान लेहु जो जान निहारा।

भावार्थ परमपिता परमात्मा परमेश्वर श्री राम जी को केवल प्रेम ही प्यारा है । जो जानना चाहे वह जान ले। पूज्य गुरुनानक देव जी ने कहा है,, एक नूर से उपजे सब बन्दे, कोन भले ते कोण मंदे। सूफ़ी संत कबीर साहब ने फरमाया है कि

कबीरा कुएं एक है पनिहारे अनेक,

बर्तन सबके बिलग बिलग पर पानी सब में एक।

कहावत भी है कि परिवर्तन केवल विचारों के पढ़ने से नहीं आता । वह विचारों पर चलने से आता है। बेशक उनकी आयु अभी कम है यानी वे युवा हैं। लेकिन इतने कम समय में वे लोगों के दिलों में बसते है। आबादी की दृष्टि से राज्य छोटा है। लेकिन उस राज्य के मुख्यमंत्री का दिल बहुत बड़ा है। नानक,कबीर, तुलसीदास व विवेकानंद आदि महान महात्माओं के विचारों को आत्मसात कर प्रदेश की जनता की सेवा करने मे तत्पर रहते हैं। उत्तराखण्ड राज्य के युवा लोकप्रिय व बेहद मिलनसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपने उत्तराखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर मैं मिला । उनसे बातचीत की। मैंने देखा कि उनके यहां से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता। यहां तक कि कोई दुःखी आता है और यहां से सुखी होकर ही जाता है।

जनता दरबार में एक ही शर्त है कि फरियादी निर्दोष हो। जायज हर बात सुनी जाएगी पलक झपकते ही 100 प्रतिशत इन्साफ मिलेगा। अपने उत्तराखंड प्रवास पर मैंने ये हकीकत अपनी आँखों से देखी है। तीन दिवसीय प्रवास पर पाया कि नित्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह राजधानी देहरादून से सुदूर ग्रामीण अंचलों का दौरा करने प्रातः निकल पड़ते हैं और शाम को अपने सरकारी आवास एवं कार्यालय पर फरियादियों से मिलते हैं । उनकी समस्याओं का निराकरण करते हैं । शेष समय अधिकारियों संग मीटिंग्स करते हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है पुष्कर सरकार का प्रयास।

हमेशा करने की कोशिश करूंगा

श्री राम भगत हनुमानजी से आशीर्वाद व प्रेरणा लेकर अपना कार्य शुरू करते हैं। मैंने उनसे अपनी मुलाकात के दौरान पूछा कि आप को मैं नित्य अथक मेहनत करते हुए देख रहा हूँ आप थकते नहीं है ? दूसरा सवाल था अभी तो उत्तराखंड में कोई चुनाव भी नहीं है फिर इतनी भाग दोड़ किस लिए ? तपाक से बोले भाई साहब माननीय प्रधानमंत्री मोदी मेरे प्रेरणास्रोत हैं। जैसे वो देश सेवा में दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं । क्या आदरणीय प्रधानमंत्री जी केवल चुनाव के दौरान ही कड़ी मेहनत करते हैं । वह तो दिन रात जनसेवा में अपने को खपाय रहते हैं । फिर मेरे जैसा समान्य कार्यकर्ता कैसे चैन से बैठ सकता है।

पूरी दुनिया में मोदी जी की इसी कड़ी मेहनत व ईमानदारी के कारण भारत का डंका बज रहा है। सर्व शक्तिशाली देशों के समूह जी 20 की भारत अध्यक्षता कर रहा है मेजबानी कर रहा है। राम मंदिर से लेकर काशी विश्वनाथ व उज्जैन महाकालेश्वर के भव्य सांस्कृतिक कॉरिडोर जैसे ऐतिहासिक पुनीत कार्य भी मोदी जी की देन है। मोदी जी ने मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को अपना आशीर्वाद देकर मुख्यमंत्री बनाया है। मैं उनके विश्वास पर खरा उतरने की भरपूर कोशिश कर रहा हूं, हमेशा करने की कोशिश करूंगा । आगे जैसी रामजी की इच्छा। सबसे प्रेम घृणा किसी से नहीं। उनकी सबसे बड़ी खूबी है कि वे आध्यात्मिक महापुरूष की तरह चींटी की पुकार पहले सुनते हैं हाथी की चिघाड़ बाद में सुनते हैं।

(लेखक भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।)

Narendra Singh Rana

Narendra Singh Rana

Next Story