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सिगरेट पीने वालों और शाकाहारियों को कोरोना वायरस से कम है खतरा? जानें

वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइज़री जारी कर रही है।

Meghna
Written By MeghnaPublished By Shraddha
Published on: 26 April 2021 10:26 PM IST
सिगरेट पीने वालों को कोरोना वायरस से कम है खतरा
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कांसेप्ट फोटो (सौजन्य से सोशल मीडिया)

क्या सिगरेट पीने वाले लोगों और शाकाहारी लोगों को कोरोना वायरस (Corona virus) से कम खतरा है? क्या लोगों को अब इस महामारी से बचने के लिए मांसाहार छोड़ कर शाकाहारी (Vegetarian) होना पड़ेगा? क्या लोगों को अब इस महामारी में बचे रहने के लिए सिगरेट (cigarette) पीना शुरू करना पड़ेगा? जानें तेज़ी से सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रहीं इन मीडिया रिपोर्ट्स का सच।

दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइज़री जारी कर रही है। देश में फैली नई लहर तेज़ी से पैर पसार रही है, ऐसे में ये ज़रूरी है कि लोग दिशा निर्देशों के पालन को गंभीरता से लें और साथ ही फर्ज़ी खबरों और अफवाहों से भी दूर रहें।

पीआईबी फैक्ट चेक

ऐसे कई मीडिया रिपोर्ट्स तेज़ी से वायरल हो रही हैं जिनमें वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के हवाले से कई ऐसे दावे किए जा रहे हैं जिनपर बहस छिड़ गई है। इन रिपोर्ट्स में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के हवाले से कहा जा रहा है की सीएसआईआर के सर्वे में खुलासा हुआ है कि सिगरेट पीने वालों और शाकाहारियों को कोरोना वायरस से कम खतरा है। ये दावे वाले रिपोर्ट्स कई मीडिया आउटलेट्स द्वारा चलाए गए। इसपर सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर हैंडल ने स्पष्टीकरण जारी किया है।

धूम्रपान कोरोना वायरस से बचा सकता है

पीआईबी ने लिखा, "वर्तमान में सेरोलॉजिकल सर्वे के आधार पर ऐसा कोई भी निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि शाकाहारी भोजन और धूम्रपान कोरोना वायरस से आपको बचा सकता है। सीएसआईआर द्वारा ऐसा कोई भी प्रेस नोट नहीं जारी किया गया है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आगे का अध्ययन आवश्यक है, खासकर तब जब सेरोपॉज़िटिविटी संक्रमण के जोखिम का एक अपूर्ण मार्कर है और समान रूप से अलटर्ड एंटीबॉडी प्रतिक्रिया और डायनैमिक्स द्वारा समझाया जा सकता है।"

गौरतलब है कि किसी भी मीडिया रिपोर्ट, खासकर ऐसे जो किसी नए निष्कर्ष पर लाते हों, उन पर भरोसा करने से पहले उसमें किए गए अध्ययनों की जांच करनी चाहिए। ऐसे समय में अफवाहों और गलत पर्सेप्शन से बचना और भी ज़रूरी है।



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Shraddha

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