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श्रमजीवियों के इष्ट ! योगी जी विशिष्ट !!

Yogi Adityanath: भारत के किसी भी मुख्यमंत्री ने श्रमजीवी पत्रकारों के हित से शायद ही इतना सरोकार तथा उनके दु:ख पर इतना दर्द व्यक्त किया हो जितना उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने।

K Vikram Rao
Written By K Vikram Rao
Published on: 27 Dec 2022 4:53 PM IST
CM Yogi Adityanath, well wisher of working journalists
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 फोटो: श्रमजीवी पत्रकारों के शुभचिन्तक सीएम योगी आदित्यनाथ

CM Yogi is well wisher of Journalists: भारत के किसी भी मुख्यमंत्री (गैर-भाजपायी मिलाकर) ने श्रमजीवी पत्रकारों के हित से शायद ही इतना सरोकार तथा उनके दुख पर इतना दर्द व्यक्त किया हो जितना उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने। विगत अठारह माह में 105 पत्रकारों की विधवा अथवा आश्रितों को, प्रत्येक को दस लाख रूपये की मदद की। कुल साढ़े दस करोड़ रूपये बाटे। ये कार्यरत पत्रकार चीन से आये कोरोना कीटाणु से युद्ध करते शहीद हुए थे। बेसहारा कुटुंबजन को बिलखता छोड़कर। परसों (25 दिसंबर 2022 : करुणा के प्रतीक ईसा मसीह के दिन) योगी जी ने अपने आवास (कालिदास मार्ग) पर एक समारोह रखा था। अश्रुपूरित आंखों से उन पीड़िताओं ने चेक स्वीकारा। योगी जी को दुआएं दी। श्रद्धा तथा सह्दयता का नायाब मेल था। देश में 27 राज्यों तथा आठ केंद्र-शासित इकाइयों के शासकों से आशा है कि वे भी योगी जी के मानवीय कार्यों का अनुकरण करेंगे।

यह आलेख इस काषायधारी राजनेता के प्रति हम बुद्धिकर्मियों का कृतज्ञता ज्ञापन मात्र है। मिथ्या श्लाघा अथवा अतिशयोक्ति नहीं। लाभा-लाभौ जयाजयौ से निस्पृह इस वीतरागी को क्या मतलब ? योगी आदित्यनाथ की समता दो अन्य स्व. मुख्यमंत्रियों से की जा सकती है। वे भी हिमालय से उतरकर मैदान में आए थे : हिमालय का चन्दन हेमवंती नन्दन (बहुगुणा) तथा पंडित नारायणदत्त तिवारी । दोनों ने भी हम श्रमजीवी पत्रकारों का हित किया था। इन पूर्ववर्तियों की भांति योगी सरकार द्वारा उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर प्रदेश में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पत्रकारों को पेशन देने का फैसला भी किया गया है। ऐसी योजना केरल तथा तेलंगाना राष्ट्रीय समिति की सरकारों ने भी रची है।

पत्रकारों को पेंशन योजना

यूपी सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर निदेशक अंशुमान त्रिपाठी को 60 साल या इससे अधिक उम्र के पत्रकारों का विवरण एक सप्ताह के भीतर देने को कहा गया है। पिछले महीने जुलाई में उत्तराखंड सरकार ने भी 60 साल से अधिक उम्र के पत्रकारों को पेंशन योजना के दायरे में लाने की घोषणा की थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली पत्रकार पेंशन राशि को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये कर दिया है। ऐसे प्रकरणों जिनमें निराश्रित महिला पेंशन की कार्यवाही की जानी है, उसे पत्रकारों के लिए सूचना विभाग अपने स्तर से आगे बढ़ायेगा। स्कूल और कालेज में पढ़ने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से आच्छादित करने की कार्यवाही की जायेगी। इस योजना में चार हजार रुपये प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की जाती है।

गोरखपुर में पत्रकारों को सस्ते में अच्छी आवासीय सुविधा

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारों को सस्ते में अच्छी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गोरखपुर में एक मानदेला माडल पर कार्य कर रही है, जिससे उन्हें आवास के लिए भटकना न पड़े। यह माडल सफल हो जाए तो हर महानगर में उस योजना को लागू किया जाएगा। राज्य सरकार ने कोरोना वैक्सीन आने के बाद पत्रकारों के वैक्सीनेशन के लिए अलग से बूथ लगवाये थे। कोरोना वैक्सीनेशन में हेल्थ वर्कर्स के पश्चात कोरोना वॉरियर्स के रूप में पत्रकारों को प्राथमिकता दी गयी थी।

अन्य प्रदेशों में संपन्न हुए श्रमजीवी पत्रकार कल्याण कार्यों की तुलना में इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (IFWJ) की यूपी राज्य इकाई (UPWJ) को बड़ी सफलता मिली है। गत (31 अगस्त 2022) के प्रदेश यूनियन अध्यक्ष साथी हसीब सिद्दीकी की अगुवाई में 14-सदस्यीय यूनियन प्रतिनिधि मंडल योगी जी से मिला था। आवासीय योजना, पेंशन स्कीम, सुरक्षा योजना आदि के प्रस्तावों को स्वीकारार्थ पेश किया था। गत पांच दशकों से हसीब सिद्दीकी पत्रकारों हेतु संघर्षशील हैं। उनके प्रयासों का नतीजा ही रहा कि विराटखंड में तीसरी पत्रकार आवासीय योजना चली थी।

योगी जी से IFWJ का आग्रह है कि यूपी में भी पत्रकार सुरक्षा कानून रचें। महाराष्ट्र के भाजपा पुरोधा देवेंद्र फडनवीस लागू कर चुके हैं। अपने जैसलमेर अधिवेशन में IFWJ ने सुरक्षा योजना प्रस्तुत की थी। यह पाकिस्तान में भी लागू हो चुकी है। इसमें IFWJ ने मांग की थी दंड संहिता की धारा सात में इतना जोड़ दें कि पत्रकार पर हमला संज्ञेय अपराध होगा ताकि पुलिस स्वयं उस पर कार्यवाही करेगी।

नरेंद्र मोदी भी पत्रकारों के शुभचिंतक

एक अनुरोध यूपी मुख्यमंत्री जी से और। हमारी गुजरात यूनियन की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासनकाल में कई पत्रकार-हितकारी योजनाएं लागू की गई थीं। वे सब भी यूपी में लागू हों।

एक संदर्भ और। सितंबर 2011 में IFWJ का गोरखपुर में राष्ट्रीय परिषद का अधिवेशन हुआ था। उसका सांसद योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था। उन्हीं के मठ में IFWJ प्रतिनिधियों की समस्त व्यवस्था की गई थी। चौरीचौरा तथा रामगढ़ ताल दिखाया था। हम सब तभी काठमांडू भी गए थे। नेपाल पत्रकार संघ के आमंत्रण पर। एक अन्य उल्लेख भी। IFWJ के नेता और गोरखपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष साथी मारकंडेयमणि त्रिपाठी ने (26 अप्रैल 2017 को) अपने शपथग्रहण समारोह में योगी जी से अनुरोध किया था कि सभी जनपदों में ऐसा ही प्रेस क्लब बने। यह आग्रह भी रूपान्वित हो।



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Shashi kant gautam

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