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कोरोना ने बदल दी चीन के किसानों की किस्मत
सप्लाई चेन बिखर जाने से किसानों का माल खेतों में पड़ा रह गया। ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियाँ आगे आईं और किसानों को इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीम के जरिये सीधे उपभोक्ताओं को माल बेचने का गुर सीखा दिया। मजबूरी में किसान इससे जुड़े लेकिन अब यही मजबूरी उम्दा कमाई का जरिया बन गई है।
नीलमणि लाल
कोरोना संकट से एक ओर जहां दुनिया भर में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का मातम मनाया जा रहा है वहीं चीन के किसान खुशियाँ मना रहे हैं। इसका कारण है इस दौर में किसानों का बड़े पैमाने पर ई-कॉमर्स से जुड़ जाना। दरअसल कोरोना के कारण लॉकडाउन और नतीजतन सप्लाई चेन बिखर जाने से किसानों का माल खेतों में पड़ा रह गया। ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियाँ आगे आईं और किसानों को इंटरनेट पर लाइव स्ट्रीम के जरिये सीधे उपभोक्ताओं को माल बेचने का गुर सीखा दिया। मजबूरी में किसान इससे जुड़े लेकिन अब यही मजबूरी उम्दा कमाई का जरिया बन गई है।
ऐसे होता है काम
कोरोना काल से पहले इंटरनेट का कृषि सेक्टर में बहुत दाखल नहीं था। किसान अपना माल ऑफलाइन बाजार में ही बेचते थे। कोरोना महामारी फैलते ही सब व्यवस्था ध्वस्त हो गई और खेतों में माल पड़ा का पड़ा रह गया। किसान बिक्री के नए चैनल ढूँढने के लिए परेशान थे और उपभोक्ता ऑनलाइन ख़रीदारी करने के लिए मजबूर थे। ऐसे में ई कॉमर्स की दिग्गज कंपनियों अवसर तलाश लिया। चीन की अलीबाबा और जेडी कंपनी ने आनन फानन में किसानों के लिए लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी।
किसानों और व्यापारियों को ऑनलाइन स्टोर्स बनाने में मदद की और उनको अपना माल बेचने की ट्रेनिंग दी। इन कंपनियों ने अपने ऐप ऐसे बनाए कि किसान आसानी से उसका उपयोग कर सकें और खेत से घरों तक माल आसानी से पहुंचाया जा सके। वैसे तो ग्रामीण लाइव स्ट्रीमिंग पहले भी थी लेकिन इसका बहुत उपयोग नहीं हुआ था।
ताओबाओ लाइव
2019 में ताओबाओ लाइव पर सिर्फ एक हजार किसान थे। वजह ये थी कि ज़्यादातर किसानों को लाइव स्ट्रीम या ई कामर्स के बारे में पता हे नहीं था कि ये होता क्या है। लेकिन संकटकाल ने सब बदल दिया। ताओबाओ से आज 50 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं और टारगेट साल भर के भीतर 2 लाख किसान जोड़ने का है।
अब चीन के किसान अपने उत्पाद का 90 फीसदी तक ऑनलाइन बेच रहे हैं। 15 अप्रैल को जब वुहान में आधिकारिक रूप से लॉकडाउन खतम हो गया तब ग्रामीण लाइव स्ट्रीम से 85 लाख डालर का माल अकेले हूबेई प्रांत से ही बिका था। बहुत से उत्पादकों के लिए अब ई कामर्स ही कमाई का मूल जरिया बन गया है।
अलीबाबा ग्रुप
चीन का दिग्गज ‘अलीबाबा ग्रुप’ मामूली कमीशन के बदले चीनी किसानों को रिक्रूट कर रहा है और उनको मुफ्त में ‘ताओबाओ’ लाइव स्ट्रीम साइट पर स्लॉट दिये जा रहे हैं। अब तक ताओबाओ लाइव 50 हजार से ज्यादा किसानों को रिक्रूट कर चुका है। इनमें वुहान के डिप्टी मेयर ली कियांग भी शामिल हैं जो अपने कमरे से पैकेटबंद पेस्ट्री और बीफ की लाइव बिक्री करते हैं।
एक दिन तो मात्र 9 घंटे में उन्होने 25 लाख डालर कीमत का माल बेच डाला। ताओबाओ रुरल लाइव स्ट्रीमिंग के मुखिया झू शी के अनुसार 2 हजार ग्रामीण प्रतिभागी प्रतिमाह 1400 डालर से ज्यादा कमा रहे हैं जो ग्रामीण औसत से आठ गुना अधिक है। ताओबाओ इस साल कृषि बिक्री से 2.1 अरब डालर की कमाई का लक्ष्य रखे हुये है।
लाइव स्ट्रीमिंग
चीन में लाइव स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री खरबों डालर की है लेकिन इसमें इलेक्ट्रानिक और कपड़े कॉस्मेटिक्स आदि ही का बोलबाला हुआ करता था। अब किसान और अन्य उत्पादक अपना माल लाइव स्ट्रीम के जरिये सीधे उपभोक्ताओं को बेच रहे हैं। वैसे तो इस इंडस्ट्री में कंपनियाँ सोशल मीडिया स्टार्स के जरिये अपने प्रॉडक्ट बिकवाती हैं। इसके बदले में इन स्टार्स या इन्फ़्लुएंसर्स को भारी कमीशन मिलता है।
लाइव स्ट्रीम साइट पर एक कंपनी ने दो दिन में ही 35 लाख डालर कीमत के हैंड बैग बेच दिये थे। लाइव स्ट्रीम में टॉप ब्रण्ड्स अपने माल बेचती आई हैं लेकिन अब उनकी जगह किसान ले रहे हैं। अब किसानों का माल भी वही स्टार्स या इन्फ़्लुएंसर्स बेच रहे हैं।