×

कोरोना काल से भी ,खतरनाक गिद्ध

कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए मानसिक विकृति से प्रेरित होकर अभियान चला रखा है।

Mrityunjay Dixit
Published on: 13 May 2021 8:53 AM GMT (Updated on: 13 May 2021 8:55 AM GMT)
कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित
X

सांकेतिक तस्वीर (साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: जिस समय पूरा देश कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है उस समय देश के विरोधी दल कभी लाकडाउन की रणनीति को लेकर व कभी वैक्सीनेशन केा लेकर अफवाहें फैलाने में व्यस्त हो गये हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी व श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में तमाम कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए मानसिक विकृति से प्रेरित होकर अभियान चला रखा है।

कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मोदी सरकार से रोज नयी -नयी मांगें रखकर अपनी राजनीति को ही चमकाने व आंकड़ों को छिपाने का काम कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी दिनभर कभी प्रेस वार्ता करते हैं ,कभी टिवट करते रहते हैं और कभी पीएम मोदी को पत्र लिखकर अनाप- शनाप मांगे करते रहते हैं । यही हाल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी रहा है।

कांग्रेस नेता तो कोराना पर नणनीति को लेकर बुरी तरह से भ्रम का शिकार हो रहे हैं । कभी लाकडाउन का समर्थन करते हैं तो कभी विरोध करते हैं। वैक्सीनेशन पर भी तरह- तरह की अफवाहें फैलाने का काम यह लोग कर रहे हैं। आज कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष केवल मतिभ्रम का शिकार हो गया है और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहा है। कांग्रेस सहित विरोधी दलों के नेता विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग के आधार पर मोदी सरकार को नाकाम बता रहे हैं। कोरोना काल में यह कांग्रेस की विकृत मानसिकता वाली रणनीति है जो रोज उजागर हो रही है।

कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा का कहना है कि संकट के इस दौर में राहुल गांधी सहित उसके नेताओं के व्यवहार को छल कपट और ओछेपन के लिए याद किया जायेगा आज कांग्रेस के कुछ लोग भी कोरोना काल में लोगों की सहायता तो कर रहे हैं लेकिन उनके प्रयासों को पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा ही फैलायी जा रही नकारात्मकता से ग्रहण लग जाता है। यह बात पूरी तरह से सत्य साबित हो चुकी है कि आज कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकारें दिल्ली व महाराष्ट्र की सरकारें पूरी तरह से विफल हो चुकी हैं तथा अपनी सरकारों की नाकामी को छुपाने के लिए केवल और केवल मोदी सरकार व बीजेपी शासित राज्यों की नाकामियों को ही उजागर करके लगातार हमला बोला जा रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर में जब अचानक से कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ने लगी, मृत्युदर बढ़ने लगी तभी से मोदी सरकार को घेरने का अभियान कुछ अचानक से तेज हो गया, जिसमें भारत के मीडिया के एक बड़े वर्ग ने भी आग में घी डालने का काम किया। जिसके कारण विदेशी मीडिया का भी साहस बढ़ गया और बस विदेशी मीडिया का यही दुस्साहस मोदी विरोधी दलों के काम आ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में जब विदेशी सहायता आने लगी तब भी कांग्रेस सहित मोदी व बीजेपी विरोधी दलों को यह बात रास नहीं आयी और कहने लग गये कि जब मोदी सरकार ने कुछ किया नहीं तो फिर विदेशी सहायता पर सवाल तो पैदा होंगे ही। इन दलों व नेताओं को यह समझ में नहीं आ रहा कि कोराना की पहली लहर और दूसरी लहर में जमीन आसमान का अंतर है। पहली लहर में भारत के पास मास्क, पीपीई किट और वेंटीलेटर तक नहीं थे और नहीं किसी प्रकार की कोई वैक्सीन थी। आज भारत के पास अपनी सबसे अच्छी वैक्सीन है जिसकी अमेरिका सहित विश्व स्वास्थ्य संठन भी तारीफ कर चुका है। जब भारत ने पहली लहर में दूसरे देशों की मदद की तो आज हमें जो विदेशी सहायता मिल रही है यह उसी का प्रतिफल है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस का कंफ्यूजन देश के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

एक सुनियोजित साजिश के तहत इन दलों के नेताओं व प्रचारकों ने कोरोना वैक्सीनेशन के खिलाफ जमकर अफवाहें उड़ायी व जनमानस में भ्रम व झूठ फैलाया। कई समाचार पत्रों में वैक्सीन विरोधी लेख लिखे गये। जिसमें टाइम्स आफ इंडिया में 287, इंडियन एक्सप्रेस में 182, नवभारत टाइम्स में 236 लोकसत्ता में 172, हिंदुस्तान टाइम्स में 123 लेखों सहित कई समाचार पत्रों में अभियान चलाया गया।

इन समाचार पत्रों को स्वदेशी वैक्सीन पसंद नहीं आयी क्योंकि यह सभी विदेशी धन के बल पर चलने वाले समाचारपत्र है। यदि वैक्सीन विरोधी बयानों की बात की जाये तो सबसे अधिक वैक्सीन विरोधी लेख और बयान कांग्रेस पार्टी ने ही जारी किये। उसके बाद शिवसेना व तमिलनाडु के डीएमके नेताओें का नंबर भी आता है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी नेता अखिलेष यादव व उनकी पार्टी के नेता व प्रवक्ता भी लगातार वैक्सीन विरोधी बयानबाजी करते रहते हैं। यह सभी बयानबाजियां पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा होती है। बसपा सुप्रीमो मायावती यह कहकर झूठ फैलाती हैं कि सभी गरीबों को फ्री वैक्सीन लगनी चाहिए जबकि सच यह है कि यह वैक्सीनेषन अभियान विश्व का सबसे बड़ा अभियान है जो सभी सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से फ्री हो रहा है। जब समाज का कोई भी वर्ग या समुदाय अस्पताल जायेगा तो उसकी जाति व धर्म देखकर कोरोना का टीका नहीं लगाया जायेगा। स्वदेशी वैक्सीन विरोधी लोगों ने कार्टून भी खूब बनाये आज जिन लोगो ने स्वदेशी वैक्सीन के खिलाफ अभियान चला रखा है और कोरोना की आढ़ में अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं यह सभी लोग भी कोरोना काल के खतरनाक गिद्ध ही है।

सबसे बड़ी अज्ञानता का परिचय तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दे रहे हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग कर रहे हैं कि वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए सभी कंपनियों को वैक्सीन बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जाये और वैक्सीन बनाने का फार्मूला सार्वजनिक किया जाये बहुत ही मूर्खतापूर्ण व देशहित के खिलाफ बहुत ही घटिया मांग है जो अस्वीकार्य है। आप सभी को याद होना चाहिये कि जब कोरोना की पूरी दुनिया में शुरूआत हो चुकी थी और कई देशों में दवाओं पर काम शुरू हो चुका था उस समय चीन के जासूसों ने कोरोना के खिलाफ बन रहीं दवाओ के फार्मूले चुराने का प्रयास किया था। चीनियों की फार्मूला चुराने का प्रयास सफल नहीं हो सका था लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह मांग एक प्रकार से देशद्रोह है और देशवासियों को गुमराह करने का प्रयास भी।

आज कोरोना काल में जब देश व प्रदेश की सरकारें कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगातार मेहनत कर रही हैं उस समय समाज के कई खतरनाक गिद्ध भी सामने आ रहे हैं जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लगातार कमजोर कर रहे हैं । कोरोना कल में भी लोग कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोई आक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी कर रहा है और मनमाने दामों पर बेच रहा है। यही हाल रेमडिसिवर इंजेक्शन का है। अस्पतालों में बेड ओर एंबुलेस के किराये को लेकर भी खेल किये जा रहे है।

उप्र के बागपत जिले में तो ऐसा गिरोह पकड़ा गया है जो कोरोना काल में इंसानियत को भी शर्मसार कर रहा है। गिरोह के शातिर रात में श्मसान घाटों से शवों के कफन ओर कपड़े तक चोरी करता था जब वहां पर सन्नाटा हो जाता था और फिर उन्हें नया दिखने के लिए खूब अच्छी तरह की पैकिंग कर बेंच देते थे। कई जगहों से कोरोना पीड़ितों का मोबाइल व पर्स आदि चोरी होन की बातें सामने आ रही हैं। कोराना को लेकर समाज एक बहुत बड़ा वर्ग अभी भी लापरवाह है। लॉकडाउन के बीच जब शराब की दुकानें खुल जाती हैं तो वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग समाप्त हो जाती है। आज भी कोरोना काल में तरह तरह की लापरवाही के वीडियो सामने आ रहे हैं।

अगर देश में कोरोना को पूरी तरह से मुक्त करना है और देश में तेज गति से वैक्सीनेशन होना है तो उसके लिए सभी राजनैतिक दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा अगर ऐसानहीं है तो यह सभी दल, विचारक व लापरवाह लोग तथा भ्रष्टाचारी , आपराधिक प्रवृत्ति के लोग कोरोना काल के गिद्ध ही हैं तथा आने वाला समय सभी का इतिहास लिखेगा। जिस समसय विरोधी दलों को सरकार के साथ कदम से कदूम मिलाकर चलना चाहिए था उस समय वह वह विकृत मानसिकता की ओछी राजनीति कर रहे हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story