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कोरोना के भय से मुक्त करें नृत्य

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस नृत्य इस दिन का उद्देश्य कला के रूप में नृत्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

rajeev gupta janasnehi
Published on: 29 April 2021 2:27 PM IST (Updated on: 29 April 2021 4:27 PM IST)
अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस भारत में
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 सांकेतिक फोटो( साभार-सोशल मीडिया)

मन में जब खुशी होती है तो मन हिलोरे लेने लगता है| तन हरकत करने लगता है और शरीर मन मस्तिष्क सब इस तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं ,तब एक क्रिया शुरू होती है जिसे हम नृत्य कहते हैं। नृत्य की ज़रूरत विकास महत्व के लिए आज विश्व में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया ।

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस नृत्य और उसके समुदाय को मनाने का प्रयास करता है।इस दिन का उद्देश्य कला के रूप में नृत्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह सरकारों, राजनेताओं और संस्थानों को नृत्य के मूल्य और महत्व को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करता है। हर साल,अंतराष्ट्रीय नृत्य समिति और अंतराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान दिन के लिए एक अतिरंजित संदेश लिखने के लिए एक नृत्य व्यक्तित्व का चयन करते हैं।

अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई। यूनेस्को के अंतराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहला अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस 1982 में मनाया गया था और तब से हर साल 29 अप्रैल को होता है।

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस भारत में

भारत के कोने-कोने में बहुत सारे लोकनृत्य प्रचलित हैं,जिसमें भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, कत्थक, कथकली, बिहू, छाऊ जैसे कुछ लोकप्रिय नृत्य विधाएं हैं| भारत के कुछ मशहूर नर्तकों ने पूरी दुनिया में अपनी कला से लोगों को आकर्षित किया है|आज नृत्य के क्षेत्र में विश्व में अनेक प्रकार के नृत्य शैली केंद्र के साथ व्यक्तिगत स्तर पर अनेक नृत्य शिक्षा देने वाले तमाम लोगों को यह रोजगार भी उपलब्ध करा रहा है उनके द्वारा दिए गए प्रशिक्षण से आदमी का एक सार्वभौमिक विकास भी हो रहा है और एक कलात्मक व शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति भी हो गई है।

नृत्य को बढ़ावा देने में आज टेलीविजन के उन कार्यक्रमों का बहुत बड़ा योगदान है जो कि तमाम टीवी चैनलों द्वारा प्रायोजित किया जाता है, इससे जिसकी परिणीति यह है की तमाम रोजगार के साधन के साथ छुपी हुई प्रतिभा का भी निखार हो रहा है। पौराणिक काल में भारतीय संस्कृति में घर की महिलाओं द्वारा नृत्य करके पारिवारिक उत्सव में रंग भरा जाता था परंतु अब ऐसा नहीं है| अब भारतीय नारी वैश्विक स्तर पर मंचों पर अपनी नृत्य से अनेक पुरस्कार और अपने नृत्य कौशल का परचम आ रही है।

अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस उद्देश्य

अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस को पूरे विश्व में मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच नृत्य की महत्ता का अलख जगाना था। साथ ही लोगों का ध्यान विश्वस्तर पर इस ओर आकर्षित करना था। जिससे लोगों में नृत्य के प्रति जागरूकता फैले। साथ ही सरकार द्वारा पूरे विश्व में नृत्य को शिक्षा की सभी प्रणालियों में एक उचित जगह उपलब्ध कराना था। सन 2005 में नृत्य दिवस को प्राथमिक शिक्षा के रूप में केंद्रित किया गया। विद्यालयों में बच्चों द्वारा नृत्य पर कई निबंध व चित्र भी बनाए गए। 2007 में नृत्य को बच्चों को समर्पित किया गया।

अंतराष्ट्रीय नृत्य दिवस का महत्व

इस दिन दुनियाभर में नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरी दुनिया में लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में लोग अपने घरों पर ही इस उत्स्व को मना रहे हैं और सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर एक दूसरे से जुड़ रहे हैं। वैसे वर्तमान परिवेश में नृत्य का स्वरूप बदल गया है। हिप हॉप डांस का क्रेज बढ़ गया है। खासकर युवाओं में हिप हॉप डांस को लेकर अधिक उत्सुकता देखी जाती है। हालांकि, भारत में अब भी प्राचीन नृत्य का बोलबाला है।

नृत्य के लाभ

जब कोई नृत्य करने वाला नृत्य करता है तब चमत्कारी शक्ति से वह अपने नृत्य में इतना समा जाता है सीधे प्रभु से संपर्क हो जाता है और जो नृत्य देख रहे होते हैं उनके शरीर में भी चंचलता और पैर थिरकने लगते हैं किसी ने सही कहाँ है -

लोग एक दूसरे को लगातार प्रतिबिंबित करते हैं, लेकिन जब वे नृत्य करते हैं, तो शायद जो वे सबसे अधिक प्रतिबिंबित करते हैं वह ईमानदारी का क्षण है।*आज आधुनिक युग में क्या पूर्व पौराणिक काल में भी नृत्य आदमी के उत्साह ,मानसिक अवसाद बाद ,शारीरिक स्वास्थ्य ,दूसरे को खुशी देना ,उत्सव में करके खुशी में सम्मिलित होता है ।आज के युग में अनेक डॉक्टर आपके शारीरिक स्वस्थ और मानसिक स्वस्थ व अवसाद बाद के लिए नृत्य की सलाह दे रहे हैं।

नृत्य कोरोना का भय करेगा दूर

नृत्य से आपका शरीर बहुत हल्का आत्मविश्वासी स्फूर्ति के साथ आपको आपके इष्ट से मिलवाता है एसे में किसी भी प्रकार का भय या अस्वस्थ की परेशानी से आप मुक्त होते है आप सभी को नृत्य दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ ।




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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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