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माँ को समर्पित

माँ कहना आसान है, समझना मुश्किल, क्योंकि माँ तो माँ के कोख में जन्मे बच्चे से आता हैं, गहराई में छिपे रहस्य फिर कैसे कोई समझ पाता है। जब मैं अकेली थी, लोगो से लड़ रही थी, तब भी माँ मेरे साथ थी ।

राम केवी
Published on: 10 May 2020 7:29 AM GMT
माँ को समर्पित
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सीमा गुप्ता

राहें कठिन थी, उलझी हुई जिंदगी थी,

पर मेरे पास माँ थी।

सामने चुनौतियाँ थी, लोगो की निगाहें मुझ पर ही थी,

पर मेरे पास दी हुई माँ की सीखें थीं।

दूर गगन तक जाना था, पंख छोटे थे,

पर मेरे पास दिए हुए माँ के हौसले थे।

माँ कहना आसान है, समझना मुश्किल,

क्योंकि माँ तो माँ के कोख में जन्मे बच्चे से आता हैं,

गहराई में छिपे रहस्य फिर कैसे कोई समझ पाता है।

जब मैं अकेली थी, लोगो से लड़ रही थी,

तब भी माँ मेरे साथ थी ।

हौसलो ने जो भरी आज उड़ान है, क्योंकि दिए पंख माँ ने,

जो आज मेरी पहचान हैं ।

आध्यात्मिक गुरु सीमा गुप्ता

राम केवी

राम केवी

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