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केजरीवाल को क्यों रोका हुआ है ?

CM Arvind kejriwal: किसी मुख्यमंत्री पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगा। स्वयं नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई देशों में जाते रहे।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 19 July 2022 3:43 AM GMT
Arvind Kejriwal
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अरविंद केजरीवाल (फोटो : सोशल मीडिया )

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CM Arvind kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विदेश जाने से केंद्र सरकार ने रोक रखा है। पिछले सवा महीने से उनकी अर्जी उप-राज्यपाल के दफ्तर में अटकी पड़ी है। पहले उन्हें उप-राज्यपाल की अनुमति लेनी पड़ेगी और फिर विदेश मंत्रालय की! किसी भी मुख्यमंत्री को यह अर्जी क्यों लगानी पड़ती है? क्या वह कोई अपराध करके देश से पलायन की फिराक में है? क्या वह विदेश में जाकर भारत की कोई बदनामी करनेवाला है? क्या वह देश के दुश्मनों के साथ विदेश में कोई साजिश रचने वाला है? क्या वह अपने काले धन को छिपाने की वहां कोई कोशिश करेगा?

आज तक किसी मुख्यमंत्री पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगा। स्वयं नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई देशों में जाते रहे। कांग्रेस की केंद्रीय सरकार ने उनकी विदेश-यात्राओं में कभी कोई टांग नहीं अड़ाई। तो अब उनकी सरकार ने केजरीवाल की सिंगापुर-यात्रा पर चुप्पी क्यों साध रखी है? उन्हें अगस्त के पहले हफ्ते में सिंगापुर जाना है। क्यों जाना है? इसलिए नहीं कि उन्हें अपने परिवार को मौज करानी है। वे जा रहे हैं, दुनिया में दिल्ली का नाम चमकाने के लिए। वे 'विश्व शहर सम्मेलन' में भारत की राजधानी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करेंगे।

दिल्ली का नाम होगा तो क्या भारत का यश नहीं बढ़ेगा? 2019 में भी हमारे विदेश मंत्रालय ने केजरीवाल को कोपेनहेगन के विश्व महापौर सम्मेलन में नहीं जाने दिया था। जबकि इसी सम्मेलन में पहले शीला दीक्षित ने शानदार ढंग से भाग लिया था। शीलाजी ने दुनिया भर के प्रमुख महापौरों को बताया था कि उन्होंने दिल्ली को कैसे नए रूप में संवार दिया है। उसी काम को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने चार चांद लगा दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव इन कामों को देखकर प्रमुदित हो गए थे। दिल्ली के अस्पतालों, स्कूलों, सड़कों, मोहल्ला क्लीनिकों, सस्ती बिजली-पानी वगैरह ने केजरीवाल की आप सरकार को इतनी प्रतिष्ठा दिला दी है कि पिछले चुनावों में कांग्रेस और भाजपा का सूंपड़ा साफ हो गया है।

विदेश मंत्रालय मार्ग-निर्देश कर दे

केंद्र सरकार इस तथ्य को क्यों नहीं समझ पा रही है कि वह उप-राज्यपाल के जरिए दिल्ली सरकार को जितना तंग करेगी, वह दिल्ली की जनता के बीच उतनी ही अलोकप्रिय होती चली जाएगी। केंद्र सरकार की यह सावधानी उचित है कि देश का कोई भी पदाधिकारी विदेश जाकर कोई आपत्तिजनक काम या बात न करे। इसके लिए यह आवश्यक किया जा सकता है कि विदेश मंत्रालय उन्हें मार्ग-निर्देश कर दे। वैसे तो सारे नेता अपनी इस जिम्मेदारी को प्रायः भली-भांति समझते हैं और अपनी विदेश-यात्राओं के दौरान संयम बरतते हैं। मैंने अपनी विदेश-यात्राओं के दौरान दिए गए भाषणों में कभी किसी सरकार या विरोधी की कभी निंदा नहीं की, जबकि भारत में रहते हुए मैंने किसी को भी कभी नहीं बख्शा। मोदी सरकार यह मानकर क्यों चले कि उसका कोई विरोधी नेता विदेश जाएगा तो उसकी बदनामी ही करेगा? यदि वह वैसा करता भी है तो भी सरकार के पास उसकी बधिया बिठाने के कई उपाय हैं। इसके अलावा यह बात मैं निजी अनुभव से जानता हूं कि विदेशों में हर किसी बड़े नेता के पीछे हमारे गुप्तचर डटाए जाते हैं? मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार और उप-राज्यपाल अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर-यात्रा की अनुमति शीघ्रातिशीघ्र देंगे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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