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Diabetes Awareness Day 2021: चाल चलन और खान पीन रखे मधुमेह से दूर
Diabetes Awareness Day 2021: विश्व स्वास्थ्य संगठन मधुमेह की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए 27 जून, 1991 को अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले विश्व मधुमेह जागृति दिवस की घोषणा की।
Diabetes Awareness Day 2021: मधुमेह या डायबिटीज का नाम सुनते ही ऐसा लगता है यह अमीरों की बीमारी है परंतु अब रहने का तरीका खान पीन का तरीका व विकास द्वारा दी गई तमाम सुविधाओं के कारण शारीरिक श्रम का ना करना अब यह चिकित्सा जगत की उन पांच बीमारियों में से जो दुर्गति से बढ़ती हुई बीमारी है जिसको लेकर विश्व के सभी चिकित्सक यहां तक विश्व स्वास्थ्य संगठन तक बहुत चिंतित हैं |
विश्व स्वास्थ्य संगठन मधुमेह की बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए 27 जून, 1991 को अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले विश्व मधुमेह जागृति दिवस (World Diabetes Awareness Day) की घोषणा की।
विश्व मधुमेह दिवस
आज, विश्व मधुमेह जागृति दिवस दुनिया भर में स्थिति, लक्षणों, जटिलताओं, उपचार और बीमारी का इलाज खोजने के संकल्प की स्वीकृति के रूप में मनाया जाता है। उत्सव में भाग लेने वालों में 160 से अधिक देशों और क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ के 230 सदस्य संघ शामिल हैं। ध्यान रहे हर साल 14 नवंबर शुक्रवार को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में यह बीमारी एक विकराल रूप लेती जा रही हैं| वर्ष 2025 तक भारत में दुनिया के सबसे अधिक लगभग 5 करोड़ 70 लाख मधुमेह के रोगी होंगे|
हर साल इस बीमारी के कारण प्रतिवर्ष लाखों मधुमेह रोगियों की असमय मृत्यु हो जाती है| ऐसे में मधुमेह को लेकर लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक हो जाती है|
क्या होता है मधुमेह, जब शरीर में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है|ऐसी स्थिति को हम मधुमेह कहते हैं|इंसुलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन के कारण शरीर में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित होती है| जब किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने की दिक्कत होती है, तब ऐसी स्थिति में शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं होती और व्यक्ति मधुमेह के शिकार हो जाते हैं|
मधुमेह का असर न सिर्फ शरीर के अंगों पर होता है, बल्कि इसके कारण शरीर में कई सारी बीमारियां घर कर लेती हैं|जिससे किडनी की समस्या और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है|मधुमेह दो प्रकार की होती हैं।
टाइप वन, टाइप टू . टाइप वन मधुमेह प्रायः बचपन या युवावस्था में होता है|इसमें अग्नाशय ग्रंथि से बहुत कम मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न होती है, इसके रोगी को नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज के नियंत्रण के अलावा जीवित रहने के लिए इंसुलिन लेनी पड़ती है|
वहीं टाइप 2 मधुमेह युवा अवस्था से ऊपर के व्यक्ति को होता है| पीड़ित मरीजों में लगभग 90 प्रतिशत टाइप 2 मधुमेह के रोगी होते हैं| मधुमेह के कारण अंधापन, गुर्दे की बीमारी, दिल के दौरे, स्ट्रोक आदि के लिए एक प्रमुख कारण के रूप में उभरे हैं।
इस लिए मधुमेह जागृति दिवस बहुत ज़रुरी हैं
इस जागरूकता में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ।विशेषज्ञों का कहना है कि एक स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखना और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 मधुमेह की शुरुआत को रोकने या उसकी गति की रफ्तार को कम करने के तरीके हैं।
मधुमेह विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह एक जीवनशैली आधारित बीमारी है। अगर सही जीवनशैली और सही खानपान को अपनाया जाए इससे बचाव संभव है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक प्राचीन भारतीय शैली का खानपान भारतीयों को शुगर से दूर रखता था।अब प्राकृतिक व होमोपैथी के ज़रिये भी नियंत्रण किया जाता हैं।
ऐसे होगा कंट्रोल
भारतीय जीवन शैली व खानपान बहुत स्वस्थ वर्धक है घरों में जौं, चना की रोटी बनती थी जो फायदेमंद होती थी। जौं की रोटी शुगर रोगियों के लिए भी खाना फायदेमंद है। मधुमेह के रोगियों को गेहूं व मैदा की रोटी खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा कम और ग्लूटेन अधिक होती है। यह दोनों ही डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छे नहीं हैं।
जौं, चना व अन्य मिलाकर बनी रोटी आसानी से पचता भी है। जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसके अलावा बाजरा, मक्का और ज्वार की रोटी भी खाई जा सकती है। इसमें आधा गेहूं मिलाकर भी खा सकते हैं। मधुमेह के रोगी सिट्रस फ्रूट जैसे मौसम्मी, कीनू, संतरा आदि के साथ अनार, अमरूद खा सकते हैं।
लेकिन केले, आम ,चीकू अंगूर खाने से बचना चाहिए । शुगर के रोगियों को साबूत दालें जैसे मसूर, मूंग, चना और अरहर खानी चाहिए। छिलके वाली दालों में भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है|उड़द की दाल खाने से बचना चाहिए। सभी प्रकार की हरे पत्तेदार और मौसमी सब्जियां खा सकते हैं। बथुआ, पालक, मेंथी के साग खा सकते हैं।
सहजन की फली की सब्जी या सूप ले। घरेलु उपाये भी हो सके तो करे दो आंवले का रस रोज सीजन भर पीएं। अच्छा रहेगा। मधुमेह में त्रिफला काफी उपयोगी है। त्रिफला और मेंथी चूर्ण को सुबह लेना उपयोगी है। रात में सोते समय गुनगुने पानी के साथ तीन चौथाई हिस्सा (दो ग्राम) त्रिफला चूर्ण और एक चौथाई हिस्सा (आधा ग्राम) हल्दी पाउडर लेना भी फायदेमंद होता है।
एक बात और मधुमेह के रोगियों का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। इसके मरीज रोस्टेड चने, मूंगफली, चावल के मुरमुरे या पॉपकार्न खा सकते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव होता है।
मधुमेह जागरूकता दिवस पर इस बार हम को विशेष रूप से जागृत होने की आवश्यकता है क्योंकि कोरोना महामारी दो में जिस तरीके से शुगर के मरीजों को वायरस ने अटैक किया और उनकी जान के लाले पड़ गए ऐसे में हमें डॉक्टरों के प्रयास को विफल नहीं होने देना चाहिए|
उनके बताए हुए सभी चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए अपने आसपास व परिवार जनों के मधुमेह रोगियों के प्रति विशेष ध्यान रखना पड़ेगा तभी मधुमेह जागरूकता दिवस पर सभी को शुभकामनाएँ होंगी|