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इसें हिंदू-मुस्लिम मुद्दा न बनाएं

शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं और पुरुषों ने अहिंसक प्रदर्शन की मिसाल कायम की है। वे नए नागरिकता कानून का विरोध जरुर कर रहे हैं लेकिन उनके विरोध में से गांधी की खुशबू आती है।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 26 Feb 2020 8:43 PM IST
इसें हिंदू-मुस्लिम मुद्दा न बनाएं
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक

दिल्ली में कल जो हुआ, उसकी आशंका बिल्कुल नहीं थी। अब तक लगभग दर्जन भर लोग मारे जा चुके हैं और दर्जनों घायल पड़े हुए हैं। दो पुलिस के जवानों की मौत हो गई है। यह दंगा हुआ है, उन लोगों के बीच, जो नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष और विरोध में हैं। जो लोग इस भेद-भाव करनेवाले कानून का विरोध कर रहे हैं, उन्हें मैं शाहीनबागी कहता हूं।

शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं और पुरुषों ने अहिंसक प्रदर्शन की मिसाल कायम की है। वे नए नागरिकता कानून का विरोध जरुर कर रहे हैं लेकिन उनके विरोध में से गांधी की खुशबू आती है। न वे कोई तोड़-फोड़ कर रहे हैं, न मार-पीट कर रहे हैं, न गालियां बक रहे हैं और न ही राष्ट्रविरोधी नारे लगा रहे हैं।

अचानक ऐसा क्या हुआ है कि उनमें से एक आदमी पुलिसवालों पर पिस्तौल ताने हुए दिखाई पड़ता है, कुछ लोग पत्थरबाजी पर उतारु हैं और कुछ लोग दुकानों-मकानों और वाहनों को फूंक रहे हैं ? उन्हें किसने भड़काया है ? कौनसी ऐसी घटना हुई है, जिसके कारण इतना सांप्रदायिक तनाव फैल गया है ? इसका मूल कारण तो यह लगता है कि जो लोग नए नागरिकता कानून के समर्थन में सड़क पर उतरे हैं, उन्होंने पहले मर्यादा-भंग किया है। उन्होंने इसे हिंदू-मुसलमान का मुद्दा बना दिया है।

कुछ अंग्रेजी अखबारों के ऐसे संवाददाता, जो हिंदू हैं, उन्होंने लिखा है कि हमें मुसलमान समझकर उग्र भीड़ ने पहले हमें मारने-पीटने की कोशिश की लेकिन हमारा हिंदू नाम सुनकर उन्होंने हमें छोड़ दिया। दिल्ली में हुई यह सांप्रदायिक हिंसा और प्रतिहिंसा अति निंदनीय है, शर्मनाक है। दिल्ली के उप-राज्यपाल और पुलिस की लापरवाही दंडनीय है।

कलंकित करता है

अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के समय दिल्ली में ऐसा होना भारत सरकार को भी कलंकित करता है। यदि यह हिंसा दिल्ली के बाहर भी फैलती है तो इस नागरिकता कानून के विरोध में जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहे हैं, उनके प्रति उपजी जनता की सहानुभूति भी खत्म होती चली जाएगी। जहां तक इस कानून के समर्थन का सवाल है, उसकी कोई जरुरत ही नहीं है। सरकार उसकी समर्थक है ही। हां, समर्थन के नाम पर आप यदि अपने कुछ नेताओं की खुशामद करना चाहते हैं तो आप काफी बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं।



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Dr. Ved Pratap Vaidik

Dr. Ved Pratap Vaidik

डॉ. वेद प्रतापवैदिक अपने मौलिक चिंतन, प्रखर लेखन और विलक्षण वक्तृत्व के लिए विख्यात हैं।अंग्रेजी पत्रकारिता के मुकाबले हिन्दी में बेहतर पत्रकारिता का युगारंभ करनेवालों में डॉ.वैदिक का नाम अग्रणी है।

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