×

कविता: मैं तुम्हें चाहती हूं, तुम किसी और को....

Charu Khare
Published on: 12 March 2018 11:47 AM IST
कविता: मैं तुम्हें चाहती हूं, तुम किसी और को....
X

जुनून....

मैं तुम्हे चाहती हूँ

तुम किसी और को चाहते हो

वो तुम्हे आज़माती है

तुम मुझे आज़माते हो

नींद से वो सोती है

और तुम,तुम मेरी नींद उड़ाते हो

प्यार तुम उससे करते हो

पर हुकुम मेरे दिल पर चलाते हो

सोचते हो तुम उसे हरपल

पर ख्यालों में सिर्फ मेरे आते हो

ख़ुशी देना चाहते हो उसे

पर मुस्कराहट मेरे होठों पर लाते हो

तुम ज़िन्दगी बिताना चाहते हो उसके साथ-2

पर वक़्त के सायों में लम्हा बनकर मुझमें ढल जाया करते हो

हाँ जानती हूँ मैं कि दिल दिया है तुमने उसे-2

फिर किस हक़ से मेरी धड़कन में यूँ ही समाया करते हो

तुम एक हो, पर तुम्हारी चाहते है दो-2

बस फर्क इतना है-2

कि वो मोह्हबत है तुम्हारी

और मुझे, मुझे तो तुम भूल बताया करते हो

कभी वक़्त मिले तो मिलवाना उस झूठी मोहब्बत से मुझे

जिसके लिए तुम मुझे दिन रात रुलाया करते हो

डरती हूँ मैं कहीं हार न जाओ तुम इश्क़ में,

क्यूंकि वो तो तुम्हारे प्यार से प्यार करती है

पर मैं, मैं तो तुम्हारी नफरत को भी प्यार से अपनाया करती हूँ

Charu Khare

Charu Khare

Next Story