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Genghis Khan: चंगेज खान को आखिर कहां दफनाया होगा, कैसे एक राजा ने लेली 40000 लोगों की जान

Genghis Khan: आज भी दुनिया भर में चंगेज खान की कब्र एक रहस्य बनी हुई है। तो क्या है इसके पीछे की कहानी और क्यों आज भी उसकी कब्र ढूंढ पाना मुश्किल है?

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 14 Nov 2024 2:52 PM IST
Genghis Khan
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चंगेज खान  (फोटो: सोशल मीडिया )

Genghis Khan: इतिहास के पन्नों में चंगेज खान ऐसा नाम है जिसे शायद ही कोई जानता ना हो। उसके जुल्म और बहादुरी की कहानी दुनिया भर में मशहूर है। उसकी फौज जिस भी इलाके से गुजरती थी, अपने पीछे बर्बादी की दास्तान छोड़ जाती थी।कहने को तो वह मंगोल शासक था । लेकिन उसने अपनी तलवार के बल पर एशिया की एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। इतिहास में इतने बड़े हिस्से पर आज तक किसी ने कब्जा नहीं किया। दुनिया भर में जितने भी बड़े महाराज सुल्तान या बादशाह रहे उनके मरने के बाद भी उनका निशान बाकी रहे ।लेकिन चंगेज खान की कब्र आज भी कहां है कोई नहीं जानता । इसलिए आज भी दुनिया भर में उसकी कब्र एक रहस्य बनी हुई है। तो क्या है इसके पीछे की कहानी और क्यों आज भी उसकी कब्र ढूंढ पाना मुश्किल है? आईये जानते हैं।

चंगेज खान का बचपन

इस कहानी की शुरुआत होती है, 1162 मंगोलिया की पहाड़ियों में ,जहां रहने वाले पोर्चिगिन कबीले में एक लड़के का जन्म होता है। इस लड़के का नाम तिमोचन रखा गया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह बच्चा भविष्य में 40 मिलियन लोगों की जान लेगा। तिमोचन का बचपन काफी मुश्किलों से भरा रहा। उसने बचपन में मंगोलिया के कबीलों को आपस में लड़ते हुए देखा था ।जब उसकी उम्र केवल 10 साल की थी तब उसके पिता को जहर दे दिया गया था और उसके परिवार के साथ मंगोलिया की पहाड़ियों में मरने के लिए छोड़ दिया था ।लेकिन इस मुश्किल समय ने तिमोचन को काफी ज्यादा कठोर बना दिया और वह समझ चुका था कि किसी भी नियम कायदे से ऊपर ताकत होती है और वह आपके पास आ जाने के बाद आप नियम खुद बना सकते हैं । इस बात को उसने अपने जीवन के हर कदम पर फॉलो किया। जिसकी शुरुआत उसके बचपन से ही हुई जहां उसने अपनी ही सगे भाई की जान ली क्योंकि उसको अपने आप को मंगोलिया की पहाड़ियों में सरवाइव करना था ।


चंगेज खान का टर्निंग पॉइंट

इसके बाद उसके जीवन में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साल 1178 में आया ।जब केवल 16 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी गई। शादी के बाद उसकी जिंदगी काफी अच्छी चल रही थी और वह अपनी पत्नी से प्यार करता था ।लेकिन अचानक की एक दिन उसके परिवार पर एक हमला होता है और उसकी पत्नी को दूसरे कबीले के लोग उठाकर ले जाते हैं। वह किसी भी हालत में अपनी पत्नी को वापस पाना चाहता था और उसकी खूंखार रूप को देखकर खुद उसके ही लोग डर गए थे। वह अपने दोस्तों और दूसरे कबीले के लोगों को मनाता है और वह उसकी इस जंग में शामिल हो जाते हैं।वह घोड़े पर सवार होकर अपने रौद्र रूप में उसे कबीले पर ऐसा धावा बोलता है कि उस कबीले के एक-एक इंसान को खत्म कर देते हैं। इस हमले के बाद उसने ऐसा खून चखा कि उसे तब एहसास हुआ वो कितना ताकतवर है और अब उसका रुकने का मन बिल्कुल नहीं था।उसने आने वाले सालों में कई और कबीलों पर हमला किया और ऐसी तबाही मचाई के मंगोलिया की दूसरी ट्राइब्स के बीच उसका एक खूंखार लीडर के रूप में नाम फैल गया। जब भी वह किसी ट्राइब पर हमला करने की सोचता उससे पहले ही वह लोग उसे अपना लीडर मान लेते । उसके इसी डर के चलते उसने मंगोलिया की लगभग सभी ट्राइब्स को एकजुट करके अपना मंगोल अंपायर खड़ा कर लिया था ।जिसके बाद चीन को उसका असली नाम यानी चंगेज खान मिला । जिस नाम से उसे आज भी दुनिया भर में जाना जाता है।


चंगेज खान का हमला

चंगेज़ खान बनने के बाद उसके सामने दो बड़ी चुनौतियां थी।चीन की शिया और एशिया ज़िंग डायनेस्टी थी जो कि वहां की ऐसी ताकतवर डायनेस्टी थी जिनको हरा पाना बहुत मुश्किल था ।लेकिन चंगेज़ खान अब कहां रुकने वाला था। उसने सबसे पहले सिया डायनेस्टी पर हमला कर दिया और वहां के राजा को हथियार डालने पर मजबूर किया ।इसके बाद उसका अगला कदम पड़ा ज़िंग डायनेस्टी पर जो ग्रेट वॉल आफ चीन से ढकी हुई थी ।लेकिन चंगेज खान इतना चालाक था कि उसने ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पार करने के लिए दूसरे लोगों को पैसे देकर निकालिए थे वह तभी अपनी सेवा को लेकर ग्रेटवाल को पार करता है और जिन डायनेस्टी के सभी इंपॉर्टेंट जगह पर कब्जा कर लेता है। जिसके बाद वहां का राजा खुद ही आत्म समर्पण कर देता है। अब धीरे-धीरे उसने उसके आसपास के अंपायर को भी कैप्चर करना शुरू किया। जो भी उसके रास्ते में आता उसको वह खत्म करता जाता है। इन इलाकों में चारों तरफ खाली दुख और भय दिखाई देता था और इन सब के बीच केवल एक इंसान था जो खुश था और वह था चंगेज खान ।जिसने इस हर एक अंपायर को भी पूरी तरह खत्म करके अपने मंगोल अंपायर के अधीन कर लिया था ।लेकिन चंगेज खान की खुशी केवल इन सब अंपायर तबाह करने की नही बल्कि खुशी का असली कारण था उसके सामने मौजूद सिंधु नदी के उस पर बसा इंडिया ।जो उसे समय दुनिया का सबसे ज्यादा अमीर अंपायर था।


चंगेज खान के बदले की आग बनी मौत का कारण

साल 1221 का समय था ।चंगेज खान की उम्र अभी 61 साल हो चुकी थी और यह उसके पास आखिरी मौका था दुनिया के सबसे ताकतवर देश को जीतने का वह अपने कदम आगे बढ़ा ही रहा था कि तभी उसे खबर मिलती है बंगाल अंपायर की सिया डायनेस्टी चंगेज खान के खिलाफ बगावत कर चुके थे। चंगेज खान को पता था कि अगर उसने अब और इंतजार किया तो जल्द ही ज़िंग बडायनेस्टी भी मंगोल अंपायर के खिलाफ विद्रोह कर देगी। जिससे मंगोल अंपायर टूटकर बिखर जाएगा। आप एक और बरतिया डायनेस्टी पर हमला कर दिया पर इस बार उन्हें जिंदा रखकर उन पर राज करने की इरादे से नहीं बल्कि उन्हें पूरी तरीके से मिटाने के इरादे से। वह प्रतिशोध की आग में इतना ज्यादा लिपटा हुआ था कि हर सैनिक को काटते हुए आगे बढ़ती जा रहा था । लेकिन यह आग शायद उसके आंखों के सामने इतनी बढ़ चुकी थी कि उसे अपनी तरफ आता हुआ तीर दिखाई नहीं दिया और वह तीर सीधा उसके घुटनों में घुस गया लेकिन बदले की आग के सामने उसे तीर की पीड़ा उसके लिए कुछ भी नहीं। चंगेज खान युद्ध में इतना घुस चुका था कि उसने उस तीर को नजर अंदाज किया। वह वैसे ही घायल अवस्था में आगे बढ़ता रहा। वह तब तक नहीं रुका जब तक वहां खून की नदियां नहीं बहा दी।फॉर्चूनेटली युद्ध तो वह जीत गया । लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी। क्योंकि चंगेज खान का जख्म उसके शरीर को अपने गिरफ्त में लेता चला गया । उसका जख्म इतना पक चुका था कि उसने बिस्तर पकड़ लिया ।उसके पास अपने अंपायर तक लौटने का समय भी नहीं बचा था और सेहत भी बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी।सिया राजवंश के खिलाफ पैदा हुई बदले की भावना चंगेज खान के मौत का कारण बनी। इस युद्ध के बाद चंगेज अपने ही कैंप में घाव से हुए इंफेक्शन से मारा गया । लेकिन अभी भी 40000 लोगों की जान जानी बाकी थी।


न शव मिला ,मिला मौत का न्यौता

इसकी शुरुआत हुई चंगेज खान के मौत के बाद उसने पहले अपनी अंतिम क्रिया कैसे होगी यह पहले से लिख रखा था और मंगोल परंपरा के हिसाब से अगर कोई राजा चाहे कि उसके मकबरे की खबर किसी को नहीं होनी चाहिए तो फिर चाहे कुछ भी हो जाए वह खबर किसी को नहीं लगने देते हैं और चंगेज खान ने भी बिल्कुल यही लिखा था। इसलिए युद्ध भूमि से अपने राज्य तक जब उसकी बॉडी को लेकर जाया जा रहा था तब उसके सैनिकों ने हर उस इंसान और जानवर और जीव को मार दिया जिन्होंने भी उसे देखा था। फिर अपने राज्य में पहुंचने के बाद 2000 लोगों को उसकी अंतिम विधि में आने का न्योता दिया गया । लेकिन यह कोई साधारण न्योता नहीं था,ये न्यौता था मौत का । जहां अपने ही लोगों को मरने के लिए उन्होंने बुलाया था।अब यह लोग कौन थे और क्यों उन्हें मारा गया।इस पर अभी भी कई लोग खोज कर रहे हैं ।


मिटाए गए सुराख

चंगेज खान को जहां गाड़ा गया उसके सुराख मिटाने के लिए सैनिकों ने 1000 घोड़े को उसे जमीन पर दौड़ाया ताकि जमीन दब जाए और एक रेगुलर जमीन जैसी दिखाई दे और उसके बाद शुरू हुआ असली हत्याकांड । इसके दो फायदे हुए । पहला कोई नदी में गहराई में जाएगा नहीं और दूसरा इतना नीचे जाने के बाद कोई उसे ढूंढेगा ही कैसे और खुद के बाहर निकलना तो वैसे ही नामुमकिन होगा और इसके बाद अगेन वही साइकिल शुरू । जिन्हें सब पता था उन्हें एक सैनिक के टुकड़ी ने आकर मार गिराया । फिर उस टुकड़ी को दूसरे सैनिकों की टुकड़ी ने मारा और यह सिलसिला चला गया । जब तक वह सारे नहीं मारे गए जिन्हें भी चंगेज खान के मकबरे की खबर थी।


आखिरी कहानी

चंगेज़ खान सिया के हर सैनिक को काटते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। सिया के आधे से ज्यादा परिवार को चंगेज खान खत्म कर चुका है। जो बचे कूचे थे उसमें एक था राजा और एक थी रानी और युद्ध के बीच में एक दिन चंगेज खान को एक सपना आया ।सपने में उसे दो चीज दिखी बर्फ और खून। फिर उसने अपने सपने का मतलब ज्योतिष से पूछा तो उसने खान को बताया कि खून का मतलब राजा और बर्फ का मतलब रानी है ।और फिर क्या था चंगेज खान ने अगले ही दिन राजा को युद्ध में मार दिया और रानी को अगवा कर लिया। फिर ज्यादातर राजाओं की ही तरह रानी के साथ जोर जबरदस्ती की। तब अचानक रानी ने अपने बालों से खंजर निकाला और चंगेज खान के प्राइवेट पार्ट को काट दिया। इस हादसे में उसका इतना खून बहा कि उसकी तभी उसी जगह पर मौत हो जाती है और सैनिकों से बचने के लिए रानी ने बाजू में मौजूद येलो रिवर में छलांग लगा दी। उसमें डूबने से उसकी भी मौत हो गई।


फिर वही चीज रिपीट हुई और वही

हत्याकांड यहां पर भी हुआ जो भी लोग उसके अंतिम क्रिया में वहां पर मौजूद थे ।उन सभी लोगों को एक सैनिकों की टुकडी ने आकर मार दिया। फिर उस टुकड़ी को दूसरी टुकडी ने और फिर उन्हें किसी और टुकड़ी ने और यह सिलसिला तब तक जारी रहा जब तक वह सारे नहीं मारे गए । इस हत्याकांड में करीब 40000 लोगों की बलि चढ़ी।चंगेज खान के नाम पर और आज के तारीख में ऐसा कोई भी नहीं है सब जिसे पता है कि आखिर चंगेज खान की बॉडी को कहां पर दफनाया गया।

एक्सपर्ट्स के हिसाब चंगेजखान को माउंटेन रेंज में दफनाया गया था। वह यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट के अंदर आता है और इसलिए वहां पर जाना या खुदाई करना अलाउड है ही नहीं। इसलिए हमें आज तक उसकी बॉडी नहीं मिल पाई।

वैसे मंगोलिया में और भी कुछ कहानी है जैसे कि जब चंगेज खान की बॉडी को लाया गया था ।तब 1000 गार्डों ने उसकी आत्मा को प्रोटेक्ट करने की शपथ ली थी।उनके मुताबिक अगर किसी को भी यह पता चले कि उसकी बॉडी कहां है और उसकी बॉडी को खोज के निकलने की कोशिश की तो पृथ्वी का सर्वनाश हो जाएगा।वह इंसान इस दुनिया का सबसे अमीर इंसान बन जाएगा क्योंकि कई कहानियों के मुताबिक खान की कब्र में बेशुमार खजाने छुपे हुए हैं।

( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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