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गोवाः सिद्धांतमुक्त भारत डॉ वेदप्रताप वैदिक की टिप्पणी

Goa principle free India: गोवा में कांग्रेस के 11 में से आठ विधानसभा सदस्यों का टूटकर भाजपा में मिल जाना अपने आप में ऐसी घटना है, जो सारी यात्रा पर पानी फेर देती है।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Published on: 16 Sep 2022 2:42 AM GMT
Dr. Vedapratap Vaidik Goa (Social Media)
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Dr. Vedapratap Vaidik Goa (Social Media)

Goa principle free India: इधर राहुल गांधी की केरल में 'भारत जोड़ो' यात्रा चल रही है और उधर गोवा में 'कांग्रेस तोड़ो' का हादसा हो गया है। इस मौके पर गोवा में कांग्रेस के 11 में से आठ विधानसभा सदस्यों का टूटकर भाजपा में मिल जाना अपने आप में ऐसी घटना है, जो सारी यात्रा पर पानी फेर देती है। हो सकता है कि भाजपा ने इस दल-बदल के लिए यह समय इसीलिए चुना हो। कोई आश्चर्य नहीं कि कुछ अन्य प्रांतों में भी भाजपा ऐसे ही करिश्मे कर दिखाए। गुलाम नबी आजाद जैसे अनुभवी नेताओं के द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद राहुल की पद-यात्रा से जो थोड़ी आशा बंधी थी, उसे गोवा में बड़ा झटका लग गया है। कांग्रेस का कहना है कि गोवा का यह दल-बदल इसीलिए करवाया गया है कि भाजपा उसकी पद-यात्रा से घबरा गई थी। उन्होंने कहा है कि यह भाजपा का 'आपरेशन कीचड़' है। वास्तव में यह गोवा के कीचड़ में भाजपा के कमल का खिलना ही है। हालांकि भाजपा की सरकार वहां मजे से चल रही थी। लेकिन इन आठ कांग्रेसी विधायकों के भाजपा में मिल जाने से गोवा की 40 सीटोंवाली विधानसभा में उसकी 28 सीटें हो गई है। अब उसे छोटी-मोटी स्थानीय पार्टियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ऐसा नहीं है कि इतना तगड़ा दल-बदल गोवा में पहली बार हुआ है। 2019 में भी 10 कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी दल-बदल के डर के मारे इस बार कांग्रेस ने अपने विधायकों को उनके गिरजे, मंदिर और मस्जिद में ले जाकर प्रतिज्ञा करवाई थी कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे लेकिन आप देखें कि राजनीतिक स्वार्थ कितना भयंकर होता है। एक विधायक ने मंदिर में जाकर भगवान से पूछा कि मैं बड़ी दुविधा में हूं। मैं क्या करुं? तो भगवान ने उससे कह दिया कि जो तुम्हें ठीक लगे, वह करो। इन दल-बदलुओं के लिए नीति, सिद्धांत, विचारधारा और यहां तक भगवान की भी कोई कीमत नहीं है- सत्ता-प्राप्ति के मुकाबले। भाजपा ने नेताओं की इस कमजोरी को जमकर पकड़ लिया है। इसी के दम पर उसने अरुणाचल (2018), कर्नाटक (2018), मध्यप्रदेश (2020), गुजरात (2018-19) और पश्चिमी बंगाल में जमकर दल-बदल करवाए। 'आप' पार्टी का बयान है कि भाजपा उसके पंजाबी विधायकों को तोड़ने के लिए करोड़ों रु. लुटाने को तैयार है। गोवा, नागालैंड, मेघालय आदि के ईसाई नेताओं को पटाने के लिए भाजपा ने मांसाहार के विरुद्ध भी बोलना बंद कर दिया है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि भाजपा सरकार भारत को कांग्रेसमुक्त करा पाए या नहीं, वह भारतीय राजनीति को सिद्धांतमुक्त जरुर करवा रही है।

Ramkrishna Vajpei

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