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Happy New Year 2024: नए साल की नई डगर

Happy New Year 2024: 2024 में हम पहुंच चुके हैं, अगले 365 दिनों का सफर शुरू हो चुका है। हर सफर, हर यात्रा की तरह ये सफर भी खूब ऊर्जा, खूब उत्साह और ख़ूब प्रसन्नता के साथ शुरू हुआ है। यही ऊर्जा 2024 में हर दिन, हर क्षण लगातार बनी रहनी चाहिए।

Yogi Yogesh Mishra
Published on: 31 Dec 2023 4:00 PM GMT (Updated on: 31 Dec 2023 4:01 PM GMT)
Happy New Year 2024
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Happy New Year 2024

Happy New Year 2024: अलविदा और स्वागत । आगत और विगत। विरोधाभासों के विंदु पर हैं हम सब। रहते ही हैं हम सब। पर समय इसे ठहरने नहीं देगा। विगत पल भर में चला जायेगा। आगत आयेगा। जाने- आने और इसके बीच के प्रस्थान विंदु का होना हमारा दर्शन है। हमारी चेतना है। हमारा स्वभाव है। हमारे उभरने और उतरने का सलीका है। बोध हैं। हम हमेशा इसी बोध विंदु पर ही रहते हैं। जीते हैं। वह क्षण के रूप में हो, मिनट, घंटा, प्रहर दिन, पक्ष, माह, ऋतु या साल किसी की भी चौसर पर हो। होता यही है। इसलिए विगत हमारे लिए अनुभव की वह थाती है, जो आगत के प्रति उम्मीद और लगाव जगाता है। आगत के लिए देखे गये सपनों को पंख लगाता है। 2024 में हम पहुंच चुके हैं, अगले 365 दिनों का सफर शुरू हो चुका है। हर सफर, हर यात्रा की तरह ये सफर भी खूब ऊर्जा, खूब उत्साह और ख़ूब प्रसन्नता के साथ शुरू हुआ है। यही ऊर्जा 2024 में हर दिन, हर क्षण लगातार बनी रहनी चाहिए।

हम एक दशक के मध्य बिंदु पर पहुंच रहे हैं । जिसमें हम पहले ही महत्वपूर्ण ग्लोबल बदलाव देख चुके हैं। युद्ध, महामारी, आर्थिक अशांति, राष्ट्रों के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक शक्ति में बदलाव। मतलब दुनिया अब 2020 की शुरुआत की तुलना में काफी अलग है। हम सिर्फ बदलाव की गति बढ़ने और अच्छे के तरफ जाने की उम्मीद कर सकते हैं। पर यह एक ही पहलू है। सिर्फ़ इसी पहलू पर नहीं चल सकते । तो क्या बीते सालों की दुर्घटनाओं पर मातम करके आने वाला समय निकाल दें? नए सवेरे को स्वागत न करें ? यह भी एक ही पहलू होगा। दोनों को साधना होगा। वैसे ही जैसे बेटी को विदा करते समय खुद को साधते हैं। हर्ष भी- दुख भी। पहुँचाना भी। पछताना भी।धर्म भी। कर्म भी।

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अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन का वर्ष

इसीलिए 2024 का खास महत्व है। यह एक ऐतिहासिक वर्ष है, खासकर भारत के लिए और दुनियाभर में फैले भारतवंशियों के लिए, हर सनातनी के लिए, हर हिन्दू के लिए। यह वर्ष अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन के साथ शुरू हो रहा है। सदियों के इंतज़ार के बाद यह अवसर आया है। यह अलौकिक और दैवी अवसर है। 2024 कितना शुभ है, यह इसी से परिलक्षित होता है। कामना करिये कि श्रीराम की कृपा बनी रहे। साथ ही संकल्प लीजिये कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों में से कुछ हम भी अपने भीतर अवश्य समाहित करेंगे। यही सच्ची श्रद्धा होगी। सच्ची पूजा होगी।

यात्रा पर आगे बढ़ने से पहले डायरी के कुछ पन्ने पलटना भी जरूरी है। इन्हीं पन्नों में सफर की तैयारी के सलीके लिखे हैं। डायरी में हम देखते हैं कि 2023 में हमने अपने भांति भांति के रंग देखे, कुछ स्याह तो कुछ सुरमई और कुछ इंद्रधनुषी। हर रंग ने कुछ सबक दिए, कुछ सिखाया, कुछ भुलवाया, कुछ याद दिलाया।

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डायरी के एक स्याह पन्ने में दर्ज है उड़ीसा के बालासोर में हुई ट्रेन हादसे का मंजर। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और यौन उत्पीड़न की घटना । 2023 ने भारत के सबसे भयावह और दुखद ट्रेन हादसे को देखा। बालासोर की घटना में सैकड़ों जानें गईं। सैकड़ों घायल हुए। इस हादसे को कभी भूलना नहीं होगा। यही उम्मीद की जानी चाहिए कि बालासोर की घटना हमें सदैव याद दिलाती रहेगी कि अपना काम हमेशा पूरी सावधानी, ईमानदारी और गंभीरता से करना है। यह सबक सबके लिए है।

2023 का और स्याह पन्ना हिमाचल प्रदेश के नाम है, जहां भीषण बर्बादी देखी गई। भीषण बाढ़, भूस्खलन और न जाने क्या क्या हुआ। भले ही आसमान से आफत बन कर बारिश हुई । लेकिन इस आपदा को बुलाने वाले हम ही थे। जंगल, पहाड़, नदी, नालों, किसी को तो हमने बख्शा नहीं। हमारे यही कारनामे हिमाचल - उत्तराखंड में त्रासदीपूर्ण बारिश के रूप में सामने आए । तो बीते साल की गर्मियों में रिकार्डतोड़ तापमान के मंजर के रूप में झेलने पड़े। न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में यही आफत दिखी। 2023 ने एक खराब रिकॉर्ड दर्ज किया - पृथ्वी के अब तक सबसे ज्यादा गर्म होने का। 2023 भूकंपों का साल रहा। एक के बाद एक भूकंप आये जिन्होंने किसी बड़ी त्रासदी का संकेत भी दिया है। भूकंप - भूस्खलन-बाढ़-गर्मी, इन सबके सबक 2024 में काम आने चाहिए। त्रासदियां तो आएंगी ही । लेकिन हम कोशिश करें कि इनमें हमारा हाथ न हो।

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2023 का एक चौंकानेवाला पन्ना रहा टेक्नोलॉजी का जहाँ आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस का नेक्स्ट लेवल सामने आया ।जिसमें मानव जीवन बदल डालने की क्षमता का दीदार हुआ। एआई ने टेक्नोलॉजी इनोवेशन के अगले युग की शुरुआत कर दी। जेनेरिक एआई नाम की एक ऐसी चीज आई जो उपन्यास, कविता लिख सकती है, एमबीए परीक्षा पास कर सकती है, सेलिब्रिटी की आवाज की नकल कर सकती है और बहुत कुछ कर सकती है। चैटजीपीटी की वायरल सफलता ने एआई हथियारों की दौड़ शुरू कर दी। इन्हीं हथियारों में डीपफेक का डरावना पहलू भी सामने आया। देखना रोचक होगा कि 2024 में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस क्या क्या रंग दिखाता है।

2023 में एक हैरान करने वाला पहलू सामने आया, खासकर हम भारत के लोगों के लिए। यह पहलू था अवैध माइग्रेशन यानी अपना देश छोड़ कर दूसरे देश चले जाने का। बड़ी तादाद में भारतीय लोग अमेरिका-यूरोप भागने की होड़ में दिखे कि जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। साल खत्म होने वाले दिनों में तो ऐसे ‘भगोड़ों’ से भरा चार्टर्ड प्लेन तक पकड़ा गया। ये परेशान करने वाला ट्रेंड है, उम्मीद है 2024 ऐसे भगोड़ों को सद्बुद्धि देगा।

2023 में भारत की तरक्की

2023 की डायरी में भारत की तरक्की का सुनहरा पन्ना भी रहा है। हम चांद तक चले गए और सूरज की यात्रा शुरू हो चुकी है। ये हमारे वैज्ञानिकों, सीमित संसाधनों की जीत है। दुनियाभर को हमने अपनी ताकत, अपने ज़ज़्बे से दो-चार करवा दिया है। 2024 में ऐसे और भी मील के पत्थर जोड़े जाएंगे,अभी तो सिर्फ शुरुआत है।

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2023 में हम दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गए। यह उपलब्धि भी है और चुनौती भी। उपलब्धि मानव संसाधन की है । जबकि चुनौती संसाधनों की कमी की। 2024 इस मामले में चुनौतीपूर्ण रहेगा। 2023 राजनीतिक रूप से करवट बदलने वाला साल रहा। दुनियाभर में दक्षिणपंथी लहर चली। बदलाव और धुर राष्ट्रवाद का माहौल दिखा। 2024 चुनावों का साल है। 50 देशों में चुनाव होने हैं, जो एक रिकॉर्ड है। यह बहुत बड़ा बदलाव दिखायेगा और आगे की दिशा तय करने वाला साल होगा। अमेरिका, यूरोपीय संघ, भारत, ब्रिटेन और रूस के नागरिक चुनाव वाले देशों में शामिल होंगे। चुनाव परिवर्तन का अवसर लाते हैं, और 2024 में कई देशों में नेतृत्व की प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी जहां शक्ति संतुलन में बदलाव का गहरा ग्लोबल प्रभाव हो सकता है।

हर क्षण बदलाव होता जाएगा। आपको भी बदलना होगा। अपने लिए, अपने परिवार, अपने देश, अपने समाज सभी के लिए बदलना होगा। आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस भले ही जितना ताकतवर हो जाये,हमें अपनी इंसानी-कुदरती इंटेलिजेंस कुंद नहीं होने देनी है। रिश्ते और भी प्रैक्टिकल होने तथा ठंडे पड़ने की ओर जाएंगे लेकिन हमें उन्हें संजोना बचाना होगा।

ठान लीजिये कि आगे बढ़ना है

भले ही निजी तौर पर 2023 चला गया हो । लेकिन 2024 का स्वागत करिये। ठान लीजिये कि आगे बढ़ना है। अच्छा करना है, नया करना है, जो कुछ सोच रखा है उसकी कोशिश जरूर करनी है।भागोवादी नही बना है। मन की परतों को आपस में खोलना होगा। लक्ष्य तय करना और लक्ष्य को साधना व संधान करना है। सिर्फ़ अपने लिए ही नहीं जीना है। अपने समाज व देश के लिए भी जाना है। सेवा और परोपकार की भावना के साथ जीना है। प्रयास करिये। रणभूमि का नारा याद रखिये : जीतेंगे तो विजयी कहलायेंगे, वीरगति को प्राप्त हुए तो शहीद का दर्जा पाएंगे। हर कोशिश में कुछ न कुछ मिलेगा ही। जायेगा कुछ नहीं। चाहे आगत का स्वागत करें।चाहे विगत को विदा करे।

(लेखक पत्रकार हैं।)

Shashi kant gautam

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