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आदर्श ग्रामः कमाल के फैसले

गोहत्या पर कानून सजा तो मिलती ही है, जुर्माना भी लाखों में होता है ।

Dr. Ved Pratap Vaidik
Written By Dr. Ved Pratap VaidikPublished By Monika
Published on: 23 Dec 2021 4:08 PM IST
Village Mahapanchayat
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ग्राम महापंचायत (photo : social media ) 

हरियाणा (Haryana) के एक गांव उटावड (utawad) में ग्राम महापंचायत (gram mahapanchayat) ने बड़े कमाल के फैसले लिये हैं। ग्रामीणों की इस महापंचायत ने यह घोषणा की है कि जो कोई भी गोहत्या (gohatya) करेगा, उस पर 51000 रु. का जुर्माना ठोक दिया जाएगा। उसका सामाजिक बहिष्कार भी किया जाएगा।

गोहत्या पर कानून सजा तो मिलती ही है, जुर्माना भी लाखों में होता है । लेकिन यदि कोई पंचायत यह निर्णय करती है तो इसे अदालत के मुकाबले ज्यादा आसानी से लागू किया जा सकता है। जिन अपराधों या अतियों पर कानूनी बंदिशें नहीं हैं, उन्हें करने पर भी इस पंचायत ने सजा के प्रावधान किए हैं। जैसे उस गांव के किसी भी होटल में मांसाहारी भोजन बनाने पर भी प्रतिबंध होगा। सिर्फ चिकन बनाने की अनुमति होगी। यदि कोई बड़े जानवर का मांस बेचेगा या जोर से गाने बजाएगा या शराब पीकर गांव में घूमेगा तो उस पर भी हजारों रु. का जुर्माना किया जाएगा। सबसे अनूठा नियम इस महापंचायत ने यह जारी किया है कि विवाह-समारोहों में दहेज का दिखावा नहीं किया जाएगा और शादियों में 52 बरातियों से ज्यादा नहीं आ सकेंगे। यों तो दहेज मांगने पर सजा का प्रावधान कानून में है । लेकिन देश में बहुत कम शादियां बिना दहेज के होती हैं। फिर भी यदि उसके दिखावे पर प्रतिबंध होगा तो वह लेने-देने वालों को कुछ हद तक हतोत्साहित जरुर करेगा। वास्तव में इस महापंचायत को चाहिए था कि वह गांव के सभी अविवाहित युवक-युवतियों से दहेज-विरोधी प्रतिज्ञा करवाती। उसने जुए और सट्टे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

पलवल के इस गांव को भारत का आदर्श ग्राम बनाना चाहते हैं

ऐसा लगता है कि इस महापंचायत के सदस्य पलवल के इस गांव को भारत का आदर्श ग्राम बनाना चाहते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि इन निर्णयों का जो लोग भी उल्लंघन करेंगे, उनका सुराग देनेवालों को पंचायत 5100 रु. का पुरस्कार देगी। अगर पंचायत अपने ये सब जबर्दस्त फैसले लागू कर सके तो उसके क्या कहने। लेकिन उसमें कई कानूनी अड़चनें भी आ सकती हैं। ये फैसले तो सराहनीय हैं । लेकिन जुर्मानें वगैरह से भी ज्यादा कारगर होते हैं— संस्कार। यदि गांवों और शहरों के बच्चों को बचपन से ही इन बुराइयों के विरुद्ध संस्कार मिल जाएं तो इतने सख्त नियमों की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। उटावड को आदर्श ग्राम बनाने की इस महापंचायत के अध्यक्ष कोई रोहतास जैन हैं । तो उनका समर्थन करनेवाले पूर्व सरपंच अख्तर हुसैन, मकसूद अहम और आस मुहम्मद हैं।



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Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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