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Hepatitis Vaccine: हेपेटाइटिस की वैक्सीनेशन है जरूरी
Hepatitis Vaccine: हेपेटाइटिस वायरस एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य की भोजन पचाने की शरीर के लीवर को नुकसान पहुंचाती है।
Hepatitis Vaccine: चिकित्सा विज्ञान जिस तरीके से मनुष्य के स्वस्थ रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन तमाम तरह के संक्रमण चिकित्सा विज्ञान को समय-समय पर चुनौती देते रहे हैं| हाल में कोविड-19 वायरस से हम सभी लोग रूबरू हुए हैं| इसी प्रकार एक संक्रमण जिसे हेपेटाइटिस कहते हैं उसने भी मानव जाति के ऊपर कहर बरपा रखा है |
हम सभी जानते हैं कि मनुष्य को स्वस्थ और बलिष्ठ रहने के लिए भोजन जो लेता है उसे पचाने का काम उसका लीवर करता है| जब लिवर की कोशिकाएं सूज जाने से वो क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो वह काम करना बंद कर देता है| हेपेटाइटिस वायरस एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य की भोजन पचाने की शरीर के लीवर को नुकसान पहुंचाती है। हम सभी जानते हैं कि लीवर हमारा भोजन पचाने के साथ-साथ उनमें से टॉक्सिन्स को भी साफ करने की भूमिका निभाता है| लीवर की इस संक्रमित बीमारी (हेपेटाइटिस ) के लिए जागरूक करने हेतु प्रतिवर्ष 28 जुलाई को हेपिटाइटिस डे मनाया जाता है|
हेपिटाइटिस से संक्रतिम हो जाता है लीवर
हेपिटाइटिस बीमारी से लीवर संक्रमित हो जाता है और लीवर में सूजन की समस्या हो जाती है| कुछ लोगों का लीवर काम करना बंद कर देता है और गंभीर स्थिति में मौत हो जाती है|
हेपेटाइटिस का मामूली संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है। अगर इसके लक्षण कुछ हफ्तों में दिखाई दें, तो वह एक्यूट हेपेटाइटिस की श्रेणी में आता है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस के लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। हेपिटाइटिस में पांच प्रकार के वायरस इसको संक्रमित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं| इन वायरस के आधार पर हेपेटाइटिस को ए बी सी डी ई श्रेणी में रखा जाता है |हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण शरीर में कई सालों तक शांत रहता है |इस वजह से क्रॉनिक हेपिटाइटिस होने का खतरा रहता है |इस स्थिति में मरीज को लीवर फेल होना और कभी-कभी लीवर में कैंसर की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है|
हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमित रक्त, सीमन और दूसरे बॉडी फ्ल्यूड के द्वारा संचरित होता है। यह वायरस जन्म के समय संक्रमित मां से बच्चे में संचरित हो सकता है या नवजात शिशु को परिवार के किसी सदस्य के द्वारा मिल सकता है। यह संक्रमित रक्तदान या मेडिकल प्रकियाओं के दौरान दूषित इंजेक्शन से भी फैल सकता है।
हेपेटाइटिस से बचाव
हेपेटाइटिस से बचाव के लिये टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें बच्चे को डेढ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह पर पेंटा वैक्सीन लगाई जाती है। इसमें हेपेटाइटिस का टीका भी शामिल होता है। यदि बच्चे की डिलीवरी हॉस्पिटल में होती है तो उसे 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस की जीरो डोज भी दी जाती है। यदि किसी प्रेगनेंट महिला में हेपेटाइटिस का इंफेक्शन पाया जाता है तो उसका लगातार फॉलोअप किया जाता है। उस महिला की डिलीवरी में भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
लक्षण
यह एक ऐसा वायरस है जो शुरुआती दौर में हेपेटाइटिस के लक्षण समझ में नहीं आती कई लोगों में प्रारंभ में हेपेटाइटिस का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। आमतौर पर इसके लक्षण 15 से 180 दिनों में दिखाई देते हैं। संक्रमण गंभीर होने कुछ ही दिनों बाद निम्न प्रकार के अगर लक्षण आपको देखें जैसे हमेशा थकान महसूस होना भूख ना लगना और पेट दर्द होना सिर दर्द और चक्कर आना यूरिन का पीलापन होना बुखार आना,डायरिया,,उल्टी होना ,,दिल घबराना,मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना,वजन कम होना,मल का रंग पीला हो जाना,खुजली रहन,त्वचा, आंखों के सफेद भाग, जीभ का रंग पीला पड़ जाना (ये लक्षण पीलिया में दिखाई देते हैं),महिलाओं में मासिक धर्म का गड़बड़ा जाना ,लिवर का आकार बढ़ जाना तो हमें अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए |
विशेषज्ञों का कहना है इसके प्रति मनुष्य को लापरवाही ना बरतनी चाहिए और बचाव के निम्न उपाय जैसे साफ-सफाई पर ध्यान दें और अपने टूथब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करे ।टैटू के लिए स्टरलाइज नीडल का इस्तेमाल करें।सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाएं।शराब का सेवन न करें या अत्यंत कम मात्रा में करें।
विशेषकर टॉयलेट से आने के बाद सफाई का ध्यान रखें।
आज चिकित्सा सुविधा जिस तेजी से पैर पसार रही है उसे देखते हुए हेपेटाइटिस वायरस के भी वैक्सीनेशन आ गई है |हम सभी लोगों को इस वैक्सीन को लगवा कर अपने आप को हेपेटाइटिस जैसे खतरनाक रूप से सुरक्षित करना चाहिए |कोरोना महामारी में जिस तरीके से यह वायरस लोगों की जान ले रहा है उसी तरह हेपेटाइटिस बीमारी भी कोरोनावायरस की तरह कम खतरनाक नहीं है| आज जो लोग कोरोनावायरस की वैक्सीनेशन लगाने से बच रहे हैं उन्हें वैक्सीन के साथ-साथ हेपेटाइटिस की वैक्सीन भी लगानी चाहिए| कारण है यह भी कोविड-19 वायरस से कम खतरनाक वायरस नहीं होता है आपको जानकर आश्चर्य होगा पाकिस्तान में इस बीमारी से बहुत ज्यादा मौतें हो रही हैं|